मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना शुरू

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मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना शुरू

जनादेश संवाददाता  
पटना.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज  शुक्रवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद के सामने आयोजित कार्यक्रम में सात निश्चय -2 के अंतर्गत सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा को विशेष तौर पर 'बाल हृदय योजना ' का शुभारंभ किया.मुख्यमंत्री ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के अहमदाबाद स्थित अस्पताल में इलाज के लिए अभिभावकों के साथ विमान से भेजे जा रहे बाल हृदय योजना अंतर्गत 21 चयनित बच्चों को हवाई जहाज से अहमदाबाद जाने को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 

मुख्यमंत्री ने शुभारंभ समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नई सरकार के गठन के बाद सात निश्चय दो के अंतर्गत सबके लिये अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों का निःशुल्क उपचार की व्यवस्था के लिए बाल हृदय योजना को मंत्रिमंडल से मंजूरी दी गई.इन बच्चों के इलाज के लिये 01 अप्रैल 2021 से बाल हृदय योजना की शुरूआत की गई और आज उसका शुभारंभ किया गया. 

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार,स्वास्थ्य विभाग  के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार , मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार आदि अधिकारी उपस्थित रहे. 

बता दें कि इसके साथ ही बच्चों में जन्मजात हृदय रोग से निजात दिलाने के राज्य सरकार द्वारा शुरू किए मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया.इस योजना के तहत पहले चरण में ऑपरेशन के लिए सूबे के 21 बच्चों का चयन किया गया है.जिसमें नालंदा के भी चार बच्चे शामिल है.इन बच्चों को ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया.हालांकि बच्चों के ह्रदय रोग का इलाज व आॅपरेशन का पूर्व से भी प्रावधान था लेकिन यह पटना तक ही सीमित था.अब इस योजना के तहत जिन बच्चों का इलाज पटना में संभव नहीं है उसे अहमदाबाद भेजा जाएगा. ताकि बच्चे को नई जिंदगी दी जा सके.इलाज के लिए अभिभावकों को कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा. 

जिला समन्वयक ने बताया कि हृदय में छेद रहने वाले व अन्य बीमारियों की जांच के लिए 10-11 मार्च को पटना में प्रशांति मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च फाउंडेशन अहमदाबाद के सहयोग से शिविर लगाया गया था. जिसमें सबसे ज्यादा गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों का ऑपरेशन के लिए चयन किया गया था. जिले के आठ में चार बच्चों का चयन किया गया है.कागजात तैयार करने का निर्देश अभिभावकों को दिया गया. 

आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ.सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या हृदय में छेद रहने वाले बच्चों काे होती है. कटे होठ व अन्य बीमारियों का दवा व ऑपरेशन के माध्यम से पटना में ही इलाज कर दिया जाता है. लेकिन कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनका इलाज पटना में भी संभव नहीं है.इसके लिए सरकार ने अहमदाबाद के प्रसिद्ध हॉस्पिटल से संपर्क कर ऑपरेशन कराने की योजना तैयार की है.अब हृदय से संबंधित बीमारियों से जूझने वाले किसी भी बच्चे की मौत इलाज के अभाव में नहीं होगी. जिन बच्चों का ऑपरेशन पटना में संभव नहीं है.उसे अहमदाबाद भेजा जाएगा. 

इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद शहर के सिविल अस्पताल में यूएन मेहता हॉस्पिटल परिसर में अलग से निर्मित बाल हृदय रोग हॉस्पिटल का लोकार्पण किया.यह बच्चों के हृदय संबंधी बीमारी के उपचार के लिए देश का सबसे बड़ा अस्पताल है.देश में बाल हृदय रोग के लिए यह पहला सुपर स्पेशलिटी कार्डियाक अस्पताल है.470 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस अस्पताल में 850 बेड है. 

बीते दो दशकों में गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है.चाहे आधुनिक अस्पतालों का नेटवर्क हो, मेडिकल कॉलेज हों, गांव-गांव को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से जोडऩे का बहुत बड़ा काम किया गया है.उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है.सस्ती दवाइयां देने वाले सवा 500 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र गुजरात में खुल चुके हैं.इसमें से लगभग 100 करोड़ रुपए की बचत गुजरात के सामान्य मरीज़ों को भी हुई है.

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