बिहार में सामंतों की बर्बरता जारी

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बिहार में सामंतों की बर्बरता जारी

आलोक कुमार 
मुजफ्फरपुर.हमारे मजदूर को क्यों पिटा है? तुमको छोड़ेंगे नहीं.फिर वह जमींदार और उसके साथ आए लोग एक गरीब नौजवान दिनेश महतो को पकड़ कर गाली-गलौज करते हुए बुरी तरह से मारने लगे. उसका मुंह फट गया और सिर सहित कलेजे और शरीर के और हिस्से पर इतना मारा गया कि वह लहूलुहान हो गया. 

यह हादसा मुजफ्फरपुर जिला के अंतर्गत कुढ़नी प्रखंड के तारसन गांव में हुआ.दलितों, पिछड़ो व गरीबों पर पुलिस व सामंतों द्वारा मारपीट की गयी. कमजोर लोगों के साथ अमानवीय कृत्य होने पर भाकपा-माले की तीन सदस्यीय जांच टीम घटना स्थल पहुंची. 

इस जांच टीम में भाकपा-माले के राज्य सह मुजफ्फरपुर जिला कमेटी सदस्य शत्रुघ्न सहनी, जिला कमेटी सदस्य व कुढ़नी के प्रखंड प्रभारी होरिल राय और जिला कमेटी सदस्य परशुराम पाठक शामिल थे. कुढ़नी प्रखंड के तारसन गांव पहुंच कर पुलिस व सामंती ज्यादती तथा मारपीट के शिकार दर्जनों गरीबों से मिलकर बात की.पुलिस व सामंती बर्बरता के शिकार महिलाएं, बच्चे, बुजुर्गों व अन्य लोगों ने सिलसिलेवार घटना के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि 29 मार्च को होली के दिन तारसन गांव के एक गरीब टोला जिसमें नूनिया, कुर्मी, मुसहर समुदाय तथा अन्य गरीब-गुरबों का घर हैं.इनमें से दो गरीब नौजवानों में किसी सवाल पर हाथापाई और आपस में कुछ लप्पड़-झप्पड़ हुआ. लोगों ने दोनों को शांत कर दिया.  

लेकिन उसी गांव का एक जमींदार मदन चौधरी (जिसके यहां एक गरीब नौजवान जो आपस में हाथापाई किए थे और जो उस जमींदार के यहां मजदूरी और खेतीबाड़ी करता है) आकर बोलने लगा कि हमारे मजदूर को क्यों पिटा है? तुमको छोड़ेंगे नहीं. फिर वह जमींदार और उसके साथ आए लोग एक गरीब नौजवान दिनेश महतो को पकड़ कर गाली-गलौज करते हुए बुरी तरह से मारने लगा.उसका मुंह फट गया और सिर सहित कलेजे और शरीर के और हिस्से पर इतना मारा गया कि वह लहूलुहान हो गया. उसके बाद जमींदार अपने लोगों के साथ लौट गया. बुरी तरह से घायल दिनेश महतो को उसके परिवार और टोले के लोग शहर अस्पताल ले गए और फिर इलाज के लिए पटना ले गए. 

लेकिन कुछ ही देर के बाद इससे आक्रोशित आसपास के दर्जनों दलित-पिछड़े व गरीब-गुरबे जुट कर उक्त जमींदार मदन चौधरी के घर पर जाकर दिनेश महतो के साथ जानलेवा मारपीट का विरोध किए और हो-हल्ला कर लौट गए.शाम में फिर जमींदार मदन चौधरी अपनी जाति -बिरादरी के दर्जनों लोगों के साथ फिर गरीबों के घर-टोले में घुसकर मारपीट की और उजाड़ने की धमकी दी.तबतक निकट के तुर्की थाना की पुलिस भी पहुंच गई.लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही और जमींदारों का उत्पात चलता रहा. कुछ देर के बाद पुलिस और जमींदार के लोग भी लौट गए. 

होली के कल होकर सुबह में अफवाह फैली की अस्पताल में भर्ती दिनेश महतो की मौत हो गई.फिर आसपास के गांव-टोले के सैकड़ों दलित-पिछड़े-गरीब जमा होने लगे.पुलिस के पहुंचने पर लोगों ने विरोध किया कि पुलिस जमींदारों से मिली हुई है. फिर पुलिस वहां से हट गई. उधर सामंती लोगों का भी जुटना जारी था. 

कुछ देर के बाद एसडीओ,डीएसपी सहित कई थाने की पचासों पुलिस पहुंच कर गरीबों पर लाठीचार्ज कर दिया. गरीबों ने भी रोड़ा फेंकना शुरू किया. फिर एसपी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचा. गरीबों के घर में घुसकर पुलिस ने उत्पात मचाने के साथ पिटाई शुरू कर दी. जिसके कारण कई बच्चे और महिलाओं सहित दर्जनों लोग घायल हैं. पुरुष पुलिस ही महिलाओं को घरों से खिंच-खिंच कर पिटाई कर रही थी. एक भी महिला पुलिस नहीं दिखी. घायलों में छह साल का बच्चा बिरजू है जिसकी पुलिस की पिटाई से गले के पास की हड्डी टूट गई है.  प्रमिला देवी जिनका सिर फूटा हुआ है. मीना देवी को जांघ और कमर पर चोट है. विकास राम,सुबोध राम सहित दर्जनों घायल हैं. 

पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. तुर्की थाना ने पुलिस पर हमला करने के आरोप में कई धारा लगाते हुए 79 लोगों को नामजद करते हुए एफआईआर किया है जिसमें ज्यादा दलित व अत्यंत पिछड़े तबके के हैं. 14-15 जमींदारों की तरफ का भी नाम एफआईआर में है. दर्ज एफआईआर में सैकड़ों लोग अज्ञात हैं.पुलिस और सामंतों की ज्यादती से गरीबों के टोले-गांव में भय का माहौल है. गरीब नौजवान और पुरुष गांव छोड़ दिए हैं. 

भाकपा-माले जिला सचिव कृष्णमोहन और जांच टीम ने सरकार से मांग की है कि -  
1.गरीबों पर दर्ज मुकदमा वापस लिया जाए और गिरफ्तार गरीबों को रिहा किया जाए. 
2.गरीबों के साथ मारपीट करने वाले जमींदार मदन चौधरी सहित अन्य को अविलंब गिरफ्तार किया जाए. 
3.पुलिस की ज्यादती पर रोक लगाई जाए.गरीबों पर हमला करने के दोषी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. 
4. घायल बच्चों, महिलाओं, नौजवानों व अन्य गरीबों का सरकारी स्तर पर इलाज की व्यवस्था की जाए. 
5. गरीबों, दलितों, पिछड़ों को सुरक्षा प्रदान किया जाए.

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