दरभंगा.दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा आदि जिलों का दौरा के बाद आज दरभंगा में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा ने कहा कि कोरोना काल में तबाह अर्थव्यवस्था की सबसे ज्यादा मार मिथिलांचल की अर्थव्यवस्था पर पड़ी है.बाहरी कमाई पर चलने वाली ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमर टूट गयी है और रोज़ी-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है.
इस संकट का समाधान करने के बदले भाजपा वर्चस्व वाली सरकार मिथिलांचल में अपराध,अपराधियों और लुटेरों को संरक्षण देने में लगी है.मधुबनी जनसंहार इसी का नतीजा है.योजनाओं में लूट मची है और शराब के अवैध कारोबार का तंत्र गांव गांव तक पसर गया है.पुलिस,शराब माफिया और नेताओं का सिंडिकेट चल रहा है जो नौजवानों को इस अपराध का हिस्सा बनाकर समाज में अपराधीकरण का विष घोल रहा है.सम्पूर्ण समाज को एकताबद्ध होकर इससे लड़ना होगा,तभी समाज बचेगा और मिथिलांचल की संस्कृति!
उन्होंने कहा कि मधुबनी जनसंहार जैसा घृणित अपराध मिथिलांचल में कभी नही हुआ था लेकिन पूरा तंत्र लीपापोती में लगा हुआ है.पीड़ित परिवार के आग्रह के बावजूद बेनीपट्टी और बिस्फी के विधायकों को जांच के दायरे से बाहर रखा जा रहा है.अपराधियों के साथ नेताओं और नेताओं के साथ पुलिस की बातचीत का कॉल डिटेल्स सार्वजनिक करने से सरकार भाग रही है.भाजपा के अपराध और उन्माद की राजनीति के खिलाफ भाकपा माले पूरे मिथिलांचल में सशक्त अभियान चलाएगी.
आगे उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने की पूरी कार्यनीति सरकार की फ्लॉप साबित हुई है. स्वास्थ्य तंत्र की मज़बूती और वैज्ञानिक जागरूकता के साथ आम जीवन को चलाये रखने की जरूरत है. शिक्षण संस्थाओं को कोरोना बचाव के उपायों के साथ खोला जाना चाहिए.दिखावे मूलक कारवाई से इस संक्रमण से नही लड़ा जा सकता।नेताओं के आचरण और दोमुंहे व्यवहार से समाज में गलत संदेश जा रहा है!आर्थिक तबाही से तबाह मज़दूरों-किसानों को विशेष कोरोना आर्थिक पैकेज सरकार को देना चाहिए.
वही उन्होंने दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के मान्यता को रद्द करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार सभी सरकारी शिक्षा संस्थानों को बंद कर निजी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है.
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के अंदर में दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर एवं बेगूसराय है.उक्त चारों जिला बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है.शैक्षणिक दृष्टि से भी बिहार राज्य का पिछड़ा हुआ इलाका है एवं देश के अन्य भागों की तुलना में भी पिछड़ा है. ल.ना.मिथिला विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में मिथिला ही नहीं सम्पूर्ण बिहार और देश के अन्य भागों के अधिकाश वैसे व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करते रहे हैं जो या तो सरकारी सेवक हैं या गृहणी हैं. लेकिन सरकार गंभीर नही है.
वही उन्होने कहा की मिथिला विवि के अंदर लगभग आधा दर्जन से अधिक सांसद व कई दर्जन विधायक है लेकिन मान्यता को लेकर गंभीर नही है.इसको लेकर मिथिलांनचल में छात्र युवा आंदोलन को तेज करेगी.
इस मौके पर बोलते हुए जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि बढ़ती मंहगाई और खाद-डीजल कीटनाशक के बढ़ते दामों से किसान परेशान हैं और सरकार किसान विरोधी कानून समेत तमाम तरह के कदम उठा रही है। गेहूं खरीद को कोटा और निबंधन में कैद किया जा रहा है.60 फीसदी जिस राज्य में खेती बटाई पर हो रही है,उस सरकार को बटाईदारों का नाम लेने में डर लग रहा है.उन्होंने तमाम किसानों-बटाईदारों से गेहूं,दाल,मक्का और सरसों की सरकारी खरीद की व्यवस्था करने की मांग की है.माले नेता ने कहा कि अगर एक सप्ताह में खरीद शुरू नही होती है तो आंदोलन तेज होगा.आगे उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पार्टी स्थापना दिवस पर सभी प्रखण्डों में कन्वेंशन आयोजित होगा.
संवाददाता सम्मेलन को अन्य लोगो के अलावे वरिष्ठ माले नेता आरके सहनी,राज्य कमिटी के सदस्य अभिषेक कुमार, नंदलाल ठाकुर, और लक्ष्मी पासवान ने सम्बोधित किये.
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