शिवानंद तिवारी
सुशील मोदी इतना गिर सकता है, इसकी कल्पना मुझे नहीं थी. लालू यादव की ज़मानत पर उसकी जो प्रतिक्रिया आई है उसे पढ़ कर घिन आती है. लालू राजनीतिक जीव हैं. बग़ैर किसी राजनीतिक बंधन के अदालत ने उन्हें छोड़ा है. सुशील मोदी की यह हैसियत नहीं हो पाई है कि वह लालू यादव को राजनीति करने से रोक सके.
मैंने देखा है कि छात्र राजनीति के ज़माने से वह लालू यादव को लेकर हीन भावना का शिकार है. अपना राजनीतिक मक़सद हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है. याद होगा, एक मर्तबा सर में चोट की पट्टी बँधवा कर विधानसभा में अपने घायल होने का नाटक कर रहा था. लालू ने कहा कि यह नटकिया है. मैं इसको जानता हूँ. झूठ बोल रहा है. उसको चुनौती दिया कि पट्टी खोल कर दिखाओ. पुराने लोगों को याद होगा. फँसते देखकर किस प्रकार वह सदन से भाग चला था.
दरअसल राज्य सभा में जाने के बाद उसने एक झूठी उम्मीद पाल रखी है. उसको भ्रम हो गया था कि नरेंद्र मोदी निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय से हटाकर उसको तुरंत वित्त मंत्री बना देंगे. इंतज़ार बर्दाश्त नहीं हो रहा है. इसलिए मोदी जी को खुश करने के लिए लालू यादव के ख़िलाफ़ ऐसा घटिया बयान दिया है.
याद होगा कि नीतीश जब महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री थे तो सुशील उस समय नेता विरोधी दल था. सरकार के ख़िलाफ़ रोज़ाना उसका बयान छपता था. पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से सुशील मोदी के किसी बयान को लेकर सवाल पूछा. मुझे याद है सुशील मोदी की हैसियत क्या है यह नीतीश कुमार ने एक लाइन में बता दिया था. कहा कि सुशील मोदी की बयान मैं नहीं पढ़ता हूँ. उनके लिए संजय सिंह पर्याप्त हैं. दरअसल सुशील मोदी राजनीतिक टिटिहरी है. जैसे टिटिहरी आसमान की ओर पैर उठा कर सोती है. उसको भ्रम रहता है कि अगर आसमान गिरेगा तो मैं उसको अपने पैरों पर रोककर दुनिया को बचा लूँगी. लालू यादव को राजनीति करने से रोक देने का टिटिहरी वाला सपना देख रहा है सुशील मोदी. शिवानंद तिवारी की फेसबुक वाल से फोटो साभार
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