खड़दह में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में टक्कर

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खड़दह में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में टक्कर

प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता 
कोलकाता से सटे उत्तर 24-परगना जिले की खड़दह सीट के सात एक अजीब संयोग जुड़ा है. बीते 35 वर्षों से इस सीट से जीतने वाला ही राज्य सरकार में वित्त मंत्री बनता रहा है. पहले लेफ्ट फ्रंट सरकार के वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता यहां से जीतते रहे थे. उसके बाद अमित मित्र भी यहां से जीत कर ममता बनर्जी सरकार में वित्त मंत्री रहे. लेकिन अबकी भाजपा के चौतरफा हमले और तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी बगावत को ध्यान में रखते हुए सवाल उठ रहा है कि क्या खड़दह वित्त मंत्री देने की अपनी परंपरा को कायम रख सकेगा? इस सीट पर छठे चरण में 22 अप्रैल को मतदान हो रहा है. फिलहाल इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर है. 

माकपा नेता और लेफ्ट फ्रंट सरकार में वित्त मंत्री रहे असीम दासगुप्ता ने लगातार पांच बार यह सीट जीती थी. वर्ष 2011 के बाद ममता बनर्जी सरकार में मौजूदा वित्त मंत्री अमित मित्रा यहां जीतते रहे हैं. लेकिन अमित मित्र की खराब सेहत की दलील देकर पार्टी ने अबकी उनको टिकट नहीं दिया है. इससे मित्र के समर्थकों में भारी नाराजगी है. तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह नाराजगी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है. 

तृणमूल कांग्रेस ने अबकी काजल सिन्हा को मैदान में उतारा है. भाजपा की ओर से बैरकपुर के विधायक रहे शीलभद्र दत्त मैदान में हैं. उन्होंने चुनाव से कुछ दिन पहले ही तृणमूल से नाता तोड़ कर भगवा खेमे का दामन थामा था. संयुक्त मोर्चा ने देबज्योति दास को टिकट दिया है. स्थानीय नगरपालिका के प्रशासक काजल सिन्हा का दावा है कि तृणमूल इस बार रिकॉर्ड वोटों से जीतेगी. उधर, भाजपा उम्मीदवार शीलभद्र दत्त का कहना है कि खड़दह में भाजपा की स्थिति लगातार मजबूत हुई है और पार्टी की जीत तय है. दूसरी ओर, संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवार देबज्योति दास का कहना है कि जनता तृणमूल और भाजपा दोनों की हकीकत समझ गई है.इसलिए इस बार लोगों का भरोसा संयुक्त मोर्चे पर ही है. 

बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर बेहतर प्रदर्शन किया था. दमदम लोकसभा सीट के तहत आने वाली इस सीट पर वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार को यहां 49.65 प्रतिशत वोट मिले थे. माकपा और कांग्रेस के गठबंधन को 37.07 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. भाजपा महज 9.68 प्रतिशत ही वोट हासिल कर पाई थी. इसके बाद वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव हुए दमदम संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस को 41.93 प्रतिशत वोट मिले थे और भाजपा ने 41.21 प्रतिशत. उस चुनाव में माकपा और कांग्रेस को क्रमश: 11.41 और 2.11 प्रतिशत ही वोट मिले थे. 

 

 

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