एक मई को दिन भर उपवास की अपील

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

एक मई को दिन भर उपवास की अपील

हम पिछले एक वर्ष से कोरोना महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं किंतु  साल भर में न तो विश्वसनीय जांच की व्यवस्था की गई न अस्पताल में पर्याप्त  बेड की. यहां तक कि आक्सीजन आपूर्ति केन्द्रों की संख्या बढाने के बदले घट गई. 85% आक्सीजन उद्योगपतियों के काम आता है. लेकिन इस आपातकाल मे मरीज आक्सीजन बिना मर रहे हैं. सरकार ने पिछले साल भर मे चिकित्सा व्यवस्था को , खासकर ग्रामीण क्षेत्रों मे मजबूत करने के लिए उचित कदम नहीं उठाये. क्योंकि सरकार निजी अस्पतालों को बढावा देना चाहती है.पिछले 73 वर्षों में केंद्रीय सरकार ही संक्रमण सम्बन्धी बीमारियों से निपटने के लिए दवाइयां व वैक्सीन उपलब्ध कराती थी. किंतु आज हम पहली बार देख रहे हैं कि केन्द्र सरकार ने अपना दायित्व छोड़ कर राज्य सरकारों को स्वयं वैक्सीन खरीदने के लिए छोड़ दिया है जिसकी कीमत वैक्सीन निर्माता निर्धारित करेंगें . निजीकरण के घातक परिणाम हम देख रहे हैं किंतु केंद्र सरकार अपनी नीति बदलने को तैयार नहीं है. 
हमारे देश मे लगभग 80 फीसद लोग गरीब व गरीबी रेखा के नीचे है. नोजवानो मे बेरोजगारी फैल रही है. ऐसी स्थिति में आम आदमी अपने बल पर टीका लगवाये व अपना इलाज कराये यह संभव नहीं है. इस प्रकार महामारी नहीं रुक सकती है. यह जरूरी है कि टीका व इलाज मुफ्त हों. इसलिए हम केंद्र सरकार से मांग करतें हैं कि राज्य सरकारों को विश्वास मे लेकर निम्न लिखित योजनाये सुचारू रूप से तुरंत बनाये:- 
(1) वैक्सीन का टीका करण व कोरोना का इलाज 
निशुल्क हो; 
(2) स्वास्थ्य व्यवस्था मे सुधार लाया जाये व नये 
अस्पतालों का निर्माण हो जिन पर जन जन की 
पहुंच हो, 
(3) स्वास्थ्य व्यवस्था के निजीकरण पर रोक लगे. 
केंद्र सरकार की लापरवाही के कारण आक्सीजन समय पर ना मिलने व उचित इलाज ना होने के कारण हम हजारों सहभागियों, परिवार के सदस्यों, दोस्तों व अन्य नागरिकों को खो बैठे हैं, उनकी याद मे पश्चाताप व उन्हे श्रद्धांजलि देने व केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज करने के लिए आगामी 1 मई ,अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर जहां हैं वहीं पर सुबह 10 बजे से शाम 5 तक का उपवास रखेंगें। 
आप सभी से अनुरोध है कि उपवास मे सम्मिलित हों और एक बेहतर व सस्ती स्वास्थ्य व्यवस्था के इस अभियान को समर्थन दें. 
कृपया इसकी अभियान की जानकारी सोशल मीडिया फेसबुक ट्विटर आदि पर भी डालें. 
धन्यवाद 
निवेदक 
एस आर हीरेमठ, अध्यक्ष 
एन डी पंचोली ,महासचिव, 
अनिल सिन्हा, सचिव, 
राम शरण, मनीमाला, अरुण मांझी, राम किशोर, घनश्याम, शालु निगम, मालती, तेजेंद्र सिंह आहूजा, विजय प्रताप, प्रो अरुण कुमार, सवाई सिंह, ख्वाज़ा असलम अहमद, ज्ञानेन्द्र, शांति सिंह, मोहन हीराभाई, जयन्त दीवान, प्रभात, अमित श्रीवास्तव, 
सदस्य कार्यकारिणी, जनतंत्र समाज (CITIZENS FOR DEMOCRACY) Founded by Loknayak Jayprakash Narayan and Justice V.M.Tarkunde in 1974. 
(लो. जयप्रकाश जी व तारकुन्डे जी द्वारा स्थापित गैरदलीय संगठन 
 

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