'जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था'

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'जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था'

आलोक कुमार 
 पटना.अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में इंटक कार्यालय में कोविड-19 का प्रोटोकाॅल को ध्यान में रखते हुए सरकार के रवैये के विरूद्ध सांकेतिक रूप से मजदूर दिवस का कार्यक्रम मनाया गया. इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि यदि कोरोना महामारी को देखें तो “जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था” वाली कहावत केन्द्र एवं राज्य की सरकार चरितार्थ कर रही है.देश के लोग अस्पतालों में बदइंतजामी, बेड, आॅक्सीजन एवं दवाओं की कमी के चलते रोज हजारों की संख्या में दम तोड़ रहे है. 

श्मशान घाटों पर लाशों की लाईनें लगी है.परन्तु सत्ताधारी दल राज्यों में चुनाव के दौरान सारे प्रोटोकाॅल को तोड़कर सत्ता हथियाने में लगी रही.देश पर छाए इस संकट से उबरने के लिए मूर्खतापूर्ण दावे  एवं मन की बात भी होती रही. देश को आत्मनिर्भर बनाने वाले सत्ताधारी नेता हाथ जोड़ कर दुनिया के देशों से अब सहायता की भीख मांग रहे है. इन सबके बावजूद उनके चेहरे एवं कपड़े की चमक-दमक पर कोई सिकन एवं सिकुड़न दिखाई नहीं पड़ रही है. 

मजदूर दिवस के अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि विभिन्न तथ्यों के साथ 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री को ई-मेल के माध्यम से प्रेषित किया गया है.मुख्य रूप से कोरोना महामारी से देश को बचाने, वैक्सीन से काॅरपोरेटों का मुनाफा न बढ़ाने, देश के मेहनतकश मजदूरों को रोजगार, छोटे व्यवसायियों एवं फुटपाथ दुकानदारोॆ का कारोबार सुनिश्चित करने, पीएम केयर फंड  
का उपयोग करने, सार्वजनिक क्षेत्र की दवा एवं आॅक्सीजन उत्पादन ईकाइयों को मजबूत करने, सार्वभौमिक मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करने, अस्पतालों में बिस्तर, आॅक्सीजन और अन्य चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने, सभी गैर आयकर दाता परिवारों को रू.- 7500/- प्रतिमाह नगद भुगतान करने एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आने वाले परिवारों के प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिमाह 10 किलो मुफ्त अनाज देने के अतिरिक्त सभी फ्रंटलाईन कर्म चारियों एवं श्रमिकों के लिए व्यापक बीमा कवरेज आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

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