आलोक कुमार
पटना.मानव सेवा करते-करते धरती के भगवान पस्त होकर इहलीला समाप्त करने को मजबूर कर दिया है. गत वर्ष 2020 की तरह इस साल 2021 में कोविड 19 से चिकित्सकों का मरने का सिलसिला जारी है. नवीनतम मौत पद्मश्री डॉ मोहन मिश्रा की हुई है.वह DMCH में मेडिसिन विभाग ने एचओडी रहे थे. डॉ मोहन मिश्रा, DMCH से 1995 में रिटायर्ड होने के बाद भी मरीजों के सेवा में जुटे थे, 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था डॉ मोहन मिश्रा को, कालाजार बीमारी पर शोध को लेकर उन्हें मिला था पद्मश्री.
राजधानी पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की बात करें तो यहां लगभग 150 चिकित्सक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं और इसमें कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं. पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी और डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. राणा एन के सिंह समेत कई चिकित्सक भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित हो चुके हैं.
पटना एम्स की बात करें तो यहां 120 से अधिक चिकित्सक बीते 2 महीने में कोरोना संक्रमण से संक्रमित हो चुके हैं और एनएमसीएच में भी ऐसे चिकित्सकों की संख्या 40 से अधिक है. इतना ही नहीं वैक्सीन का दोनों डोज लेने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में 56 से ज्यादा चिकित्सक संक्रमण की चपेट में आने की वजह से अपनी जान भी गंवा चुके हैं. इसकी जानकारी बिहार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ.अजय कुमार ने दी.
''कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी खतरनाक है और चिकित्सा कर्मी अभी मानव हित की सेवा में जी-जान से जुटे हुए हैं और इसमें वह काफी संक्रमित भी हो रहे हैं. संक्रमित होने की वजह से बीते 2 महीने में प्रदेश में 56 से अधिक चिकित्सकों की जान भी जा चुकी है. संक्रमण के पहले दौर में भी 50 से अधिक चिकित्सक प्रदेश भर में अपनी जान गंंवा चुके हैं.''- डॉ.अजय कुमार, वाइस प्रेसिडेंट, आईएमए
उन्होंने बताया कि इन चिकित्सकों के परिवार वालों को आपदा राशि और बीमा की राशि अब तक सरकार की तरफ से नहीं मिली है. ऐसे में संक्रमण की लहर जैसे ही कम होगी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मृत चिकित्सकों के परिवार वालों के हित के लिए सरकार के समक्ष आवाज उठाएगा. जो चिकित्सक ड्यूटी के दौरान संक्रमण की चपेट में आने से अपनी जान गंवा चुके हैं, परिजनों को सरकार की तरफ से जो राशि देने की बात कही गई है उसे दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.
बता दें कि चिकित्सक को छोड़कर अन्य स्वास्थ्य कर्मी जैसे कि मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ, डाटा एंट्री ऑपरेटर, सफाई कर्मी आदि भी काफी संख्या में संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित हुए हैं. चिकित्सक को छोड़कर अन्य स्वास्थ्य कर्मी जो संक्रमण के दूसरी वेव की चपेट में आए हैं, उनकी संख्या भी लगभग 1500 के करीब है. कई चिकित्सक हुए संक्रमितकई चिकित्सक हुए संक्रमित 'स्वास्थ्य सेवा धर्म निभा रहे चिकित्सक' बीते दिनों पटना एम्स के 360 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो गए थे, जबकि पीएमसीएच में भी इसकी संख्या लगभग 100 के करीब थी. आईएमए बिहार के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अजय कुमार ने बताया कि अभी के समय में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का रोल सबसे अहम है और कोरोना मरीजों के इलाज और उनकी देखभाल में चिकित्सक काफी संख्या में संक्रमित भी हो रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवा का धर्म निभाते हुए सभी जी जान से मरीजों को ठीक करने में जुटे हैं. स्वास्थ्य सेवा धर्म निभा रहे चिकित्सक स्वास्थ्य सेवा धर्म निभा रहे चिकित्सक'स्वास्थ्य कर्मियों को करें प्रोत्साहित'.
उन्होंने कहा कि अभी के समय में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है, ताकि उनका मनोबल बढ़ा रहे. दिन-रात स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित मरीज की देखभाल में जुटे हुए हैं और दिनभर उनका समय इन्हीं मरीजों के बीच जा रहा है, ऐसे में इनके हौसला अफजाई की जरूरत है.
पिछले दिनों 1 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार शाखा की तरफ से ऑनलाइन श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें 36 से अधिक चिकित्सक जो अपनी सेवा के दौरान संक्रमण की चपेट में आने से जान गंवा चुके हैं, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी.
डाक्टर ललन कुमार राय,डीआईओ,वैशाली,डाक्टर जी.आर.मधुप,भागलपुर,डाक्टर अनिल कुमार सिंह, एसकेएमसीएच,मुजफ्फरपुर,डाक्टर ललन प्रसाद, रिटा.बल्ड बैंक ऑफिसर,पटना,डाक्टर अशोक श्रीवास्तव ,सीवान,डाक्टर विनोद बिहारी वर्मा,एक्स. प्रो.,पीएमसीएच,डाक्टर टी.एन.सिंह,डायरेक्टर,बिहार हेल्थ डिपार्टमेंट,डाक्टर राजेश कुमार,डिप्टी सुपरडेंडंट, पीएमसीएच, डाक्टर अयोध्या शर्मा, बिक्रम,डाक्टर ए.के.गुप्ता,एक्स प्रो.पीएमसीएच, डाक्टर मुकुल कुमार सिंह,पैथलॉजिस्ट,मुजफ्फरपुर, डाक्टर ललन प्रसाद सिंह,गया,डाक्टर एस.पी.सिंह, भागलपुर,डाक्टर नंद किशोर विघार्थी,एक्स. सीएसओ,डाक्टर पंकज कुमार ,एमओ,काराकाट, रोहतास, डाक्टर प्रेम राज बहादुर, धोरइया,बांका, डॉक्टर आर.एन.सिंह, एक्स.सीएस, अररिया,डॉक्टर अखिलेश चरण सिंहा,डॉक्टर एस. एस.अम्ब्रस्था, एक्स. डायरेक्टर आईजीआईएमएस,पटना,डॉक्टर वी.के.सिंहा, स्कीन स्पेसलिस्ट,पटना, डॉक्टर अनिल कुमार सिंहा, एक्स. प्रो. माइक्रोब. पीएमसीएच,डॉक्टर राणा मिथिलेश,रेडियोलोजिस्ट, डॉक्टर पूनम मोसेस, भागलपुर,डॉक्टर निरंजन प्रकाश,एनास्थिस्सि,डॉक्टर राजीव सिंह,डीएमसीएच (94 बैंच), डॉक्टर स्मिता शर्मा,डॉक्टर शत्रुध्न राम,जोईंट रिप्लेसमेंट सर्जन, डॉक्टर डी.एन.झा, एसकेएमसीएच(69 बैंच),डॉक्टर गणेश तिवारी, एसकेएमसीएच(69 बैंच),डॉक्टर जे.ए.गोस्वामी, बीएचएस,सारण,डॉक्टर कृष्ण कुमार, ईएसआई हॉस्पिटल,दीघा,डॉक्टर अरूण कुमार शर्मा,रिटा. बीएचएस.
बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा घोषित बीमा की पचास लाख की राशि चिकित्सकों के साथ इंदिरा गांधी आर्युविज्ञान संस्थान की स्टाफ नर्स श्वेता रॉबर्ट को नहीं मिली है.
बता दें कि सितम्बर 2020 तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार वैश्विक कोरोना के काल के गाल में देश के 326 चिकित्सक समा गये. उनमें बिहार के 23 चिकित्सक भी शामिल हैं.अन्य है तमिलनाडु से 57,आंध्र प्रदेश से 38, गुजरात से 37, महाराष्ट्र से 34, कर्नाटक से 25, पश्चिम चम्पारण से 24, बिहार से 23, उत्तर प्रदेश से 21,दिल्ली से 12, मध्य प्रदेश से 10,तेलेंगाना से 8, हरियाणा में 6 और उड़ीसा में 6 चिकित्सकों ने जान गवांई है.आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोरोना से जंग लड़ रही आशा कार्यकर्ताओं, स्वच्छता कर्मचारियों, मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टाफ के लिए तीन महीने के लिए 50 लाख रुपये के बीमा कवर का ऐलान किया जाता है।इसका फायदा 20 लाख मेडिकल स्टाफ और कोरोना वॉरियर को मिलेगा.जो नहीं मिल रहा है.हालांकि 2026 संक्रमित हुए हैं. दवा-दारू से कोविड-19 के क्रोध से बच निकले.956 प्रैक्टिशियन फिशियन हैं.77 रेंजीडेंसी डाक्टर और 299 हाउस सर्जन हैं.
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