पटना.राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) बिहार के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग किया है कि कोरोना मरीज रौशन चन्द्र दास की मौत, उनकी पत्नी रूची रौशन को दी गई मानसिक प्रताड़ना एवं उनके साथ हुई छेड़खानी के लिए जिम्मेवार भागलपुर एवं पटना स्थित क्रमशः ग्लोकल एवं राजेश्वर हास्पीटल के प्रबंधन के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए सिर्फ छोटे कर्मी नहीं बल्कि जिम्मेवार अधिकारी को गिरफ्तार किया जाए.
चूंकि यह मामला सिर्फ छेड़खानी का नहीं है बल्कि मरीज के देख-भाल में लापरवाही बरतने से मौत, इलाज के नाम पर भय दिखाकर अत्याधिक पैसा लेने के लिए दबाव बनाने एवं मरीज के पत्नी को मानसिक प्रताड़ना देने का है.
श्री सिंह ने कहा कि ऐसे बहुत सारे अस्पतालों में संगठित तरीके से मरीजों को लूटा जा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.इस घटना से कोरोनाकाल में बिहार के निजी अस्पतालों के कृत्यों का खुलासा हुआ है और अब अस्पतालों में स्वास्थ्य के साथ सुरक्षा भी खतरे में पड़ गया है.
श्री सिंह ने यह आरोप लगाया है कि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री की चुप्पी निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ हो रहे संगठित लूट को बढावा देने वाला है.
उन्होंने नीतीश कुमार को लिखित पत्र में कहा है कि
माननीय मुख्यमंत्री जी ,बिहार की छवि को धूमिल करने एवं मौत से जंग लड़ रहे मरीज की पत्नी के साथ छेड़खानी वाली घटना के लिए जिम्मेवार भागलपुर एवं पटना स्थित क्रमश: ग्लोकल हाॅस्पीटल एवं राजेश्वर हाॅस्पीटल के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के संबंध में अनुरोध है.
भागलपुर एवं पटना स्थित क्रमश: ग्लोकल हाॅस्पीटल एवं राजेश्वर हाॅस्पीटल के करतूतों एवं कुकर्मो से संबंधित एक श्रीमती रूचि रौशन का वीडियाें
वायरल हुआ है. जिसे देखने और सुनने के बाद उन हाॅस्पीटलाें का कृत्य उजागर हाे रहा है, जो मानवता को शर्मसार करने वाला है.इस वीडियाे को देश भर के प्रमुख चैनलों एवं समाचार पत्रों ने भी प्रमुखता से उठाया है, जिससे बिहार की छवि भी धुमिल हुई है.जैसे लगता है कि बिहार में ऐसे अस्पतालों को मनमानी करने की छूट दे दी गई है.
महोदय, सवाल सिर्फ यह नहीं है कि ऐसे अस्पतालाें में मरीजों का इलाज कितना बदतर तरीके से हाे रहा है, बल्कि इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि मरीजाें एवं उनके परिवार वालों के साथ किस तरह का अमानवीय, अभद्र एवं बेहुदा तरीके से व्यवहार किया जा रहा है.अस्पताल प्रबंधन के द्वारा जिस तरह से उत्पात मचाया जा रहा है, लगता है शासन का उन्हें कोई भय नहीं है. इन अस्पतालाें का प्रदर्शन न केवल घाेर निराशाजनक है, बल्कि बिहार की छवि
को भी दागदार करने वाला है.
अतएव आपसे अनुराेध है कि सरकार इस तरह के मामलाें में नजीर पेश करे ताकि दूसरे स्थान पर ऐसा कृत्य करने का दुस्साहस न कर सकें. इस संबंध में आपसे यह भी कहना चाहते हैं कि:-
1. इस तर के प्रथम दृष्टया मामलों में शिकायतकर्ता को सामने नहीं आने के बावजूद सरकार को स्वंय संज्ञान लेकर बिना देर किए जांच कराकर ऐसे अस्पतालों के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करना चाहिए. स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई करने के लिए कदम जरूर उठांए हैं, परन्तु देखना होगा कि अस्पताल के छोटे कर्मी तक ही बात सीमित न रह जाए.
2. साथ ही श्रीमती रूचि रौशन, जिनके पति की मृत्यु हुई है और जिस तरह से उन्हें अपमानित किया गया है एवं मानसिक प्रताड़ना दी गई, उन्हें भी उचित सहयोग प्रदान किया जाए ताकि संगठित तरीके से ऐसे अस्पतालों में हो रहे लूट का खुलासा हो सके.
श्री तारकिशोर प्रसाद, माननीय उपमुख्यमंत्री, बिहार, मुख्य सचिव, बिहार, पटना,प्रधान सचिव,
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार काे चन्द्र प्रकाश सिंह ने प्रतिलिपि प्रेषित किया गया है.
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