समुद्र तट पर एक वेश्या का स्मारक

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

समुद्र तट पर एक वेश्या का स्मारक

अंबरीश कुमार  
बीच रोड के साथ लगी पत्थर की बेंच पर बैठ गए थे .सूर्यास्त हो चुका था .गांधी प्रतिमा के इर्द गिर्द भीड़ थी .इस समय भीड़ हो जाती है .हालांकि तीन दशक पहले देर शाम को भी इक्का दुक्का लोग ही मिलते . समुद्र तट से लगे होटल द प्रोमोनेड की लाइट जल चुकी थी .शाम होते होते बीच रोड पर रौनक बढ़ जाती है तो अंधेरा घिरते ही मदिरालय गुलजार हो जाते हैं. बीच रोड के बीच में अत्याधुनिक फ्रांसीसी रेस्त्रां समुद्र से लगा हुआ है. कुछ रेस्त्रां के बाहर रखे कुर्सियों पर बैठने पर कई बार लहरों की कुछ बूंदे उछल कर ऊपर आ जाती हैं. पर होटल द प्रोमोनेड तो सड़क पार है .शाम होते ही लोग कुर्सियों पर जम चुके हैं . वाइन का ग्लास लिए एक फ्रांसीसी जोड़ा समुद्र तट को निहारता हुआ आपस में बात कर रहा है .इस शहर में फ़्रांसिसी नागरिक बड़ी संख्या में आज भी आते हैं .उन्हें यह अपना सा लगता है .क्यों न लगे आखिर एक दौर में यह फ़्रांस का ही हिस्सा जो रहा है .यह पांडिचेरी है .जिसका नया नाम पुदुचेरी है .अपना संबंध भी इस जगह से चार दशक पुराना है .तब भी आश्रम के अतिथि गृह में ठहरना होता था तो आज भी .पर वह जगह जहां पहले कई बार रुकना हुआ वह जगह अब अतिथि गृह का हिस्सा नहीं है .पार्क गेस्ट हाउस के गेट से बाई ओर जो रास्ता रेस्तरां की तरफ जाता है उसी के बगल से एक सीढ़ी पहली मंजिल पर जाती है.तब एक सूट यहां होता था जो मुझे अक्सर मिल जाया करता था .वजह थी मद्रास में रहने वाले शोभाकांत दास जी जो जयप्रकाश नारायण के करीबी मित्र रहे हैं .छात्र युवा संघर्ष वाहिनी की वजह शोभाकांत जी के मद्रास एयरपोर्ट के पास प्रभावती देवी गुद्वांचारी आश्रम की गतिविधियों से जुड़ना हुआ और दक्षिण भारत का भ्रमण भी .उन्ही ने पांडिचेरी भेजा तो पार्क गेस्ट हाउस के इस सूट में रहने की व्यवस्था हुई .वाहिनी की एक मित्र भी थी .रात खाने के बाद इसी सूट के बरामदे में बैठते तो दूर तक जाती बीच रोड और बगल में उठती गिरती समुद्र की लहरें देखते .मन नहीं भरता तो आधी रात में ही सुनसान सडक पर निकल पड़ते . 
तब एक फर्क था .समुद्र तट बालू वाला था .अब यह बड़े बड़े काले पत्थरों वाला है .तूफ़ान की वजह से बड़े बड़े पत्थर डाल दिए गएँ हैं जिससे समुद्र तट पथरीला हो चुका है .अब लोग इन पत्थरों पर बैठते हैं .सूरज डूबने के बाद सड़क बिजली की रोशनी में नहा जाती है और सामने पड़े बड़े-बड़े पत्थरों पर कई युवा जोड़े नजर आते हैं. एक तरफ समुद्र की लहरों का शोर और दूसरी तरफ तेज हवाओं से कपड़े संभालती युवतियां नजर आती हैं. सड़क की दूसरी तरफ सम्रुन्द्री मछलियों के व्यंजन का स्वाद लेते कई सैलानी नजर आते हैं. तटीय इलाकों में मछली, छींगा, लोबस्टर और केकड़े का काफी प्रचलन है और सड़क के किनारे ढेला लगाकर इन्हें बेचा जता है. पुरी हो या गोवा के समुद्र तट सब जगह यह नजरा दिखाई पड़ जता है. बीच रोड पर शाम से लेकर रात तक काफी भीड़ रहती है. यहीं पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे खेलते बच्चे नजर आते हैं तो थोड़ी दूर पर फ्रांस के सैनिकों की याद का स्मारक और लाइट हाउस यहीं है. लाइट हाउस के पीछे आईपंडपम नाम का एक स्मारक है. कहा जता है कि यह एक वेश्या का स्मारक है जिसने लोगों को लिए तालाब खुदवाया था. बाद में नपोलियन तृतीय ने उससे प्रभावित होकर यह स्मारक बनवाया. 
 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :