एरियर राशि निकालने पर एक प्रतिशत पर सहमति

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एरियर राशि निकालने पर एक प्रतिशत पर सहमति

आलोक कुमार 
गया.इस जिले के शेरघाटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवारत कोरोना वॉरियर्स एएनएम को 5 माह माह से वेतन नहीं मिल रहा है.यह सवाल केवल एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नहीं है,बल्कि राज्य के 2211 हेड से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों का है.केंद्र और राज्य के बीच वेतनमद में साझेदारी को लेकर है.डबल इंजिन सरकार में वेतनमद में साझेदारी राशि विमुक्त करने में विलम्ब होने का असर कोरोना वॉरियर्स एएनएम के वेतन भुगतान पर पड़ रहा है. 

जी कहने काे है यह लोग जनता का सेवक और कोरोना वारियर्स हैं. पिछले 5 महीने हो गए हैं पर उनका सैलरी देने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है.हां, इस संदर्भ में किसी भी तरह का नोटिस भी नहीं है कि इस दिन तक सैलरी मिल जाएगा. यह सवाल किया जा रहा है क्या इसी दिन के लिए हमने @NitishKumar जी को फिर से सीएम बनाया था? 

एक अन्य खबर के अनुसार सैकड़ों ए.एन.एम.के घरों में सात माह से आफत बरकरार है.जो गत पिछले साल थी वही हाल चालू वर्ष में बरकरार है.सात माह से वेतन नहीं मिल रहा है.इसके कारण खासकर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ए.एन. एम.बेहाल हैं.मधेपुरा जिला के  ए.एन.एम का वेतन भुगतान अगस्त 2020 से रूका हुआ है. 

यह सब स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ए.एन.एम.को दो हिस्से में विभक्त करने के कारण हो रहा है. एक हिस्से के ए.एन.एम.को विशुद्ध रूप से बिहार सरकार के द्वारा वेतन मिलता है.इनका एकाउंटस नम्बर- 2210 है. इसको टॉप 2210 कहा जाता है.इससे जुड़ी ए.एन.एम.व अन्य कर्मिंयों को कमोवेश नियमित वेतन मिलता है.दूसरे हिस्से के ए.एन.एम.को परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल किया गया है. इनको केंद्रांश व राज्यांश की राशि से वेतन दी जाती है. इनका एकाउंटस नम्बर- 2211 है. टॉप 2211में केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रांश नहीं आने पर बिहार सरकार के द्वारा राज्यांश की राशि नहीं मिलायी जाती है. इस तरह डबल इंजन वाली सरकार के जाल में ए.एन.एम. फंसकर रह गयी हैं.परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना की राशि नहीं आने से मार्च 2020 से वेतन नहीं मिल रहा है. 

बताते चले कि राज्य सरकार की ओर से ए.एन.एम.को नियमित सैलरी नहीं दी जा रही है.परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल ए.एन.एम. का हाल बेहाल है.इनके समक्ष वेतन के अभाव में भूखमरी की नौबत आ गयी है.कोरोना जैसी महामारी से जंग लड़ने वाली  ए.एन.एम.को राज्य सरकार के द्वारा तत्काल वेतन दिए जाने का प्रबंध का  
सकेंत नहीं मिल रहा है. इसके अलावे कोरोना वॉरियर्स को एक माह का मूल वेतन प्रोत्साहन के रूप में नहीं मिल रहा है.हालांकि सरकार ने मंत्री परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित कर रखा है. कर्मचारियों का कहना है कि बड़ा बाबू वेतन बिल बनाकर भुगतान के लिए कागजात तैयार कर रख दिये हैं.बस बजट आवंटन का इंतजार है.कुछ राज्यों में बजट आवंटन का इंतजार किए बगैर ही वेतन मद में धनराशि कोषागारों से दिए जाने का इंतजाम कर दिया गया है.परंतु बिहार में टॉप 2211के साथ नहीं किया जा रहा है. 

बहरहाल लॉकडाउन की स्थिति में इम्यूनिटी पावर कम होने से ए.एन.एम.व उसके परिवार वाले संक्रमित हो रहे है.अब तो स्थिति यह है कि इम्यूनिटी कम होने से परिवार के लोगों पर भी संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ गया है.परिवार में बीमारी से लड़ने के लिए पौष्टिक भोजन का बेहद अभाव हो गया है. बनिया उधार देना बंद कर रहे हैं. 

केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रांश नहीं देने के बावजूद परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल हजारों की संख्या में ए.एन.एम. टीकाकरण व परिवार कल्याण का कार्य मुस्तैदी से कर रही हैं.उसी तरह राज्य सरकार के द्वारा राज्यांश नहीं देने पर पोलियों अभियान की तरह घर-घर जाकर कोरोना संक्रमणितों को खोजने के बादकोरोना संक्रमणितों को खोजने के बाद रैपिड एंटीजन टेस्ट कर रही हैं.फिर भी केंद्रांश व राज्यांश की राशि के अभाव में टॉप 2211 से वेतन नहीं मिल रहा है. आखिरकार कबतक ए.एन.एम.दीदी को वेतन नहीं नहीं मिलगी? पटना सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत  मंजू देवी कहती कहती हैं कि 3 माह से वेतन नहीं मिल रहा है.पटना जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,विक्रम में कार्यरत विमला देवी कहती हैं कि बिहार के एक हजार से अधिक ए.एन.एम.बेहाल हैं. 


बीरू कहते हैं कि एसकेएमसीएच ,मुजफ्फरपुर में चार माह से वेतन भुगतान नियुक्तिकाल से ही नहीं मिल रहा है.इसी तरह दीघा पटना में बहाल एएनएम का है.  

जय जवान, जय किसान ,जय विज्ञान का कहना है कि मैं जिन्हें भी फॉलो करता हूं. मैं लगभग सभी लोगों का ट्वीट जो मुझे पसंद है उसे मैं लाइक और शेयर करता हूं .मेरे दोस्तों से अपील है कि NMCH हॉस्पिटल पटना में पिछले 4 महीनों से कोरोना वारियर्स को सैलरी नहीं मिली है. 

अभिषेक कुमार कहते है कि मेरे पिता बिनोद कुमार को 16 महीना से वार्षिक वेतन नही मिला है. वह रेफरल अस्पताल हसपुरा (औरंगाबाद) मे काम करते हैं. जो कि अभी कोरोना के मर्ज़ी का इलाज कर रहे हैं .उनका नंबर 7654945461जिसके वजह से हमारे पढ़ाई में दिक्कत हो रही है.  

दूरभाष पर बिनोद कुमार कहते हैं कि विशुद्ध 11 माह का वेतन नहीं दिया जा रहा है.यह वित्तिय वर्ष 2018-19 का मसला है.इस एरियर राशि निकालने के लिए दो प्रतिशत की मांग की जा रही है.एक प्रतिशत पर सहमति हो पायी है.इस तरह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के राज में खुलेआम अमंगल कार्य हो रहा है.

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