लखनऊ, भाकपा-माले से जुड़े अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने मंगलवार को कोरोना की दूसरी लहर के बीच देशव्यापी मांग दिवस मनाया. संगठन के राष्ट्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेश में घरों, कार्यस्थलों, कार्यालयों से कोविड एहतियात का पालन करते हुए मांग दिवस मनाया गया. माले कार्यकर्ता भी मांग दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए. धरना, पोस्टरों, नारों व सोशल मीडिया के माध्यम से मांगें उठायी गईं और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया.
मांग दिवस के माध्यम से जिन मांगों को उठाया गया, उनमें प्रमुख हैं :
1- राष्ट्रीय हेल्थ इमरजेंसी मानते हुए सरकार सभी के लिए मुफ्त जांच, टीका, इलाज और भोजन अधिकार की गारंटी करे. जरूरतमंद व कम आय वाले परिवारों को 6000 रुपये की मासिक सहायता का प्रावधान कम से कम छह महीने के लिए किया जाए.
2- ग्राम पंचायतों में 'कोविड केअर सेंटर' बनाया जाए, जहां जांच, टीका, प्राथमिक इलाज और क्वारंटाइन की व्यवस्था हो. गांवों में मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा जिला अस्पतालों तक पहुंचाने के लिये एम्बुलेंस की व्यवस्था हो. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड किया जाए और वहां ऑक्सीजन युक्त बेड तथा सक्षम डॉक्टर्स की तैनाती हो. कम्युनिटी हेल्थ सेन्टर, रेफरल अस्पताल और जिला अस्पतालों में आईसीयू बेड की तत्काल व्यवस्था हो और वहां 24×7 इमरजेंसी सुविधा की गारंटी हो.
3- गांवों में इस दौर में हो रही मौतों को कोरोना से मौतें मानकर सरकार पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रु का मुआवजा दे.
4- कोरोना को लेकर व्याप्त भ्रांतियों, अंधविश्वासों, टोटकों आदि के खिलाफ सरकार के जनसंपर्क विभाग के द्वारा व्यापक अभियान चलाया जाए और बीमारी को लेकर वैज्ञानिक सोच समाज में स्थापित किया जाए. गाय, गोबर और गोमूत्र से कोरोना के उपचार के अंधविश्वासों का खंडन सभी प्रचार माध्यमों के जरिये हो.
5- महामारी के दौर में सभी मनरेगा मजदूरों को 50 कार्यदिवस का 'डीम्ड वर्क' मानकर सरकार उन्हें पारिश्रमिक का भुगतान करे. काम चाहने वाले सभी मजदूरों को सरकार काम दे. 50 वर्ष की उम्र सीमा का सर्कुलर वापस लिया जाए.
6- प्रवासी मजदूरों, आशा-आंगनबाड़ी व रसोइयों को सरकार 10 रु रुपये का विशेष कोरोना भत्ता और सामाजिक सुरक्षा के लाभार्थियों को पांच हजार रु पेंशन दे.
7- राशन कार्डधारियों समेत छोटे-मझोले किसानों को सरकार एकमुश्त 35 किलो अनाज के साथ 5000 रु विशेष मासिक सहायता दे. सरकार कृषि उपज खरीद की गारंटी करे.
8- तीन महीने के भीतर बच्चों समेत सभी नागरिकों को मुफ्त टीका देने की गारंटी की जाए.
9- सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सरकार स्मार्ट मोबाइल फोन दे और ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की जाए.
10- किसानों-मजदूरों के सभी कर्जे माफ हों. स्वयं सहायता समूह और माइक्रो-फाइनेंस के कर्जे माफ किये जायें. महामारी में कर्ज वसूली पर रोक लगे.
इस मौके पर नेताओं ने कहा कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में लोग ऑक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़प कर मर रहे हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, आंध्र सहित अन्य राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं जो देश मे दर्ज हो रही मौतों की संख्या में शामिल नही हैं. गांव-गांव में बड़ी संख्या में लोग सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं, लेकिन उनके बीच जांच के लिए कोई एजेंसी नही जा रही है.
इस स्थिति ने पूरे देश को भय और आतंक में जीने को मजबूर कर दिया है. वहीं बीमारी को लेकर जागरूकता और बचाव के प्रति जरूरी वैज्ञानिक सोच का घोर अभाव है. इस कठिन दौर में आशा, रसोइया, आंगनबाड़ी आदि स्कीम वर्कर्स जो फ्रंट लाइन वर्कर्स के बतौर काम कर रही हैं, उनके लिए जरूरी सुरक्षा कीट और वाहन की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें जीने लायक सम्मानजनक मजदूरी देने के लिये भी केंद्र व राज्य सरकारें तैयार नही हैं. कुल मिलाकर पूरा देश हेल्थ इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा है, लेकिन हमारा तंत्र बूत की तरह खड़ा है. सरकार से लेकर पूरा सिस्टम अपाहिज हो गया है. लगता है कि देश एक गहरे 'पालिसी पैरालिसिस' का शिकार हो गया है.
वक्ताओं ने आगे कहा कि इस अभूतपूर्व त्रासदी के बीच ऑक्सीजन से लेकर दवाइयों की कालाबाजारी जारी है. चैतरफा तबाही के बीच जब देश का एक बड़ा तबका बेकारी, भूख, अर्द्ध-भुखमरी का शिकार है, महिलाएं और बच्चे कुपोषित हैं, ऐसे दौर में मंहगाई की बढ़ती मार ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है.
खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी ने बलिया में मांग दिवस का नेतृत्व किया. गाजीपुर में माले केंद्रीय समिति सदस्य ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा व रामप्यारे राम, आजमगढ़ में किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण व माले के ओमप्रकाश सिंह, चंदौली में खेग्रामस राष्ट्रीय सचिव अनिल पासवान, बनारस में अमरनाथ, भदोही में बनारसी सोनकर, मिर्जापुर में संगठन की राष्ट्रीय पार्षद जीरा भारती व शशिकांत कुशवाहा, सोनभद्र में शंकर कोल व सुरेश कोल, महराजगंज में हरीश, गोरखपुर में राकेश, देवरिया में श्रीराम कुशवाहा, मऊ में वसंत, प्रयागराज में सुनील मौर्य व कमल उसरी, रायबरेली में एक्टू प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही, अयोध्या में अतीक व रामभरोस, सीतापुर में अर्जुन लाल, लखीमपुर खीरी में ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी व कमलेश राय, पीलीभीत में देवाशीष, कानपुर में विद्या रजवार, जालौन में राजीव कुशवाहा व रामसिंह, बांदा में रामप्रवेश यादव, मथुरा में नशीर शाह और मुरादाबाद में रोहिताश ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया.
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