आलोक कुमार
पटना.वैश्विक कोरोना के बाद ब्लैक फंगद को भी महामारी घोषित करने के बाद डॉक्टरों में भी बैचेनी बढ़ गयी है.बिहार के 90 प्लस हॉस्पिटलों में शुमार पटना एम्स और आईजीआईएमस के डॉक्टर्स आंदोलन के मूड में आ गये हैं.राजधानी पटना में एक बड़ी खबर है कि पटना एम्स (Patna AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल की चेतावनी दी है. रेजिडेंट डॉक्टरों ने खुद के लिए बेड रिजर्व करने की मांग की है.
कोरोना महामारी के बीच पटना एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी देकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमित होने पर बेड न मिलने का आरोप लगाते हुए एम्स में कम से कम 20 बेड रिजर्व करने की मांग की है. रेजिडेंट डॉक्टरों ने मांग नहीं पूरी होने पर 24 मई से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.पटना एम्स में 300 रेजिडेंट डॉक्टर हैं.
रेजिडेंट डॉक्टर दिन-रात कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हैं. ऐसे में यदि वे कहीं खुद कोरोना संक्रमित हो गए तो उन्हें समुचित इलाज मिलना चाहिए.लेकिन कई बार बेड मिलने में दिक्कत आ रही है.ऐसे में सरकार को पटना एम्स में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए कम से कम 20 बेड रिजर्व करने चाहिए.
आरडीए के अध्यक्ष डा.विनय ने चेतावनी देते हुए कहा कि मांग नहीं मानी गई तो 24 मई से सभी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे.उन्होंने सरकार से कोविड ड्यूटी के बाद आठ दिन ऑफ दिए जाने की भी मांग की है.
बिहार में डॉक्टर्स भी कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं. दो दिन पहले खबर सामने आई थी कि बिहार में कोरोना वायरस से 78 डॉक्टरों की अब तक मौत हो चुकी हैं. यही वजह है कि डॉक्टरों की अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता सता रही है.
आईजीआईएमएस में सांकेतिक हड़ताल शुरू
आईजीआईएमएस में इंटर्न डॉक्टरों ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर सांकेतिक हड़ताल शुरू किया है. इन डॉक्टरों का कहना है कि कोविड काल में मरीजों का इलाज करते हुए अपनी मांग को जारी रखेंगे. साथ ही इंटर्न डॉक्टरों ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में दिन रात हम सभी मरीजों की इलाज कर रहे हैं. इसलिए अन्य राज्यों की तरह ही अलग से मानदेय मिलना चाहिए.
डॉक्टर नवनीत कुमार का कहना है कि हमलोग लगातार 15 दिनों से कोविड वार्ड में काम कर रहे हैं, जब सरकार ने आईजीआईएमएस को कोविड अस्पताल बनाया है तो अन्य प्रदेशों की तरह कोरोना मरीजों की इलाज के लिए हमलोगों का भी मानदेय बढ़ना चाहिए. हम सभी डॉक्टर लगातार कोरोना मरीज का इलाज कर रहे हैं लेकिन सरकार ने किसी तरह का इंश्योरेंस भी नहीं दिया है. वहीं, डॉक्टर नीलेश का कहना है कि ये हड़ताल सांकेतिक है. इस हड़ताल में कोरोना मरीजों का इलाज हमलोग प्रभावित नहीं होने देंगे, लेकिन संस्थान का जो रवैया है, वो गलत है. संस्थान के निदेशक हमारी मांगों को नहीं सुन रहे हैं, इसीलिए आज से हमलोग मजबूर होकर सांकेतिक हड़ताल किए हैं.
मालूम हो कि आईजीआईएमएस के शासी निकाय के अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय हैं.जब संस्थान के जिद्दी निदेशक डॉ एन आर विश्वास के द्वारा इंटर्न डॉक्टरों की मांगों को अनसुनी की जा रही हैं, तब शासी निकाय के अध्यक्ष होने के नाते स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ठोस कदम उठाकर कोविड काल में मरीजों का इलाज करते हुए अपनी मांग को जारी रखकर सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं.आज से हमलोग मजबूर होकर सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं.
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