आलोक कुमार
सिद्धार्थनगर.एक मई से शुरू हुए कोविड टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया है.कोविड वैक्सीनेशन यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में चल रहा था.जिले बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुछ लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की तो दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई है. वैक्सीन का कॉकटेल लेने वाले लोगों में दहशत है.
बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर औंदही कला गांव की मालती देवी, छेदीलाल, सनेही, शहाबुद्दीन, मोहम्मद इकराम धोबी, रामसूरत, राधेश्याम शुक्ल, बेलावती, इंद्र बहादुर, रामकुमार, गोपाल, मुन्नी, अनारकली, चंद्रावती, सोमना, रामकिशोर, मालती देवी, रामप्रसाद, उर्मिला, नंदलाल चौधरी को 02 अप्रैल को कोविशील्ड की पहली डोज दी गयी थी.
वैक्सीन का कॉकटेल का शिकार रामसूरत ने कहा कि इसके बाद शुक्रवार,14 मई को दूसरी डोज दी गई, लेकिन इस बार उन्हें कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन लगा दी गई.स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा की गयी बड़ी भूल से दहशत में आ गये है.इस बड़ी लापरवाही का खुलासा होने मानसिक तनाव में आ गये है.हालांकि अभी किसी की तबीयत खराब होने का मामला सामने नहीं आया है.
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आत्यियनाथ के उत्तर प्रदेश में कोरोना के टीकों की कमी के बीच स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आने से देश-प्रदेश में हड़कंप मच गया है.प्रदेश के 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड तो दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई. वैक्सीन के इस कॉकटेल को लेने वालों के साथ आम से खास लोगों में दहशत का व्याप्त है.
बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो अप्रैल को कोविशील्ड लगाई गई थी. फिर 14 मई को कोवैक्सीन टीके की दूसरी डोज लगाई गई. इस लापरवाही के मामले में सीएमओ संदीप चौधरी ने स्वीकार किया कि लगभग 20 लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही बरतते हुए कॉकटेल वैक्सीन लगा दी है. हमारी टीम इन सभी लोगों पर नजर बनाए हुए है. अभी तक किसी व्यक्ति में कोई समस्या नही देखने को नहीं मिली है.इस गंभीर लापरवाही के लिए हमने जांच टीम बना दी है. रिपोर्ट आते ही जो भी दोषी कर्मचारी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भिन्न कोविड टीके की दूसरी खुराक लेने पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं होंगे, लेकिन जांच की जरूरत है.नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि कुछ लोगों को कोरोना की अलग-अलग वैक्सीन की डोज लगाने का मामला सामने आने के बाद नीति आयोग सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि अगर अलग-अलग वैक्सीन की डोज भी लग गई हैं तो कुछ खास फर्क नहीं पड़ता.हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि फिलहाल लोग प्रोटोकॉल का पालन करें और दोनों डोज एक ही वैक्सीन की लगाएं.
डॉ. पॉल ने कहा कि प्रोटोकॉल में साफ है कि जिस वैक्सीन की पहली डोज दी गई है, दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की दी जाए. उन्होंने कहा कि जिस केस में अलग-अलग वैक्सीन की डोज लगा दी गई है उसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही कहा के अगर दूसरी वैक्सीन की डोज भी लग जाए तो शायद ऐसा कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.
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