आरके स्टूडियो को बिकने से क्यों नहीं बचा पाए

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आरके स्टूडियो को बिकने से क्यों नहीं बचा पाए

अतुल कुमार 'अनजान' 
पाकिस्तान में  दिलीप कुमार  और राज कपूर के मकान  राष्ट्रीय संग्रहालय बन गए .भारतीय फिल्मों के सबसे बड़े शोमैन, बेहतरीन अदाकार -एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और प्रगतिशील विचारों पर फिल्में बनाने वाले राज कपूर के जन्मदिन पर उन्हें याद कर उनके फिल्मी सफर पर नजर डालने पर बहुत-सी बेमिसाल बातें सामने आती है .राज कपूर और नरगिस की जोड़ी ने लगभग 15 फिल्में की जिनमें से 10 फिल्में सुपरहिट थी . 
राज कपूर और नरगिस दोनों ने एक साथ सारी दुनिया में अपनी फिल्मों को प्रमोट करने के लिए सफर भी किया .राज कपूर की कई फिल्में दुनिया में मशहूर हुई .उनकी फिल्मों के गीत दिलों को छू जाते थे .सामाजिक सरोकारों से लैस रहते थे ."मेरा जूता है जापानी" यह तो सारी दुनिया में आज भी गाया और वाद्य यंत्रों पर बजाया जाता है  राज कपूर के बैनर "आर के फिल्म" के तहत बनाई गई फिल्मों ने शोहरत हासिल की .1955 से  1985  के बीच में  राज कपूर की  के निर्देशन  राज कपूर के निर्देशन और आरके फिल्म्स के बैनर तले बनी  फिल्मों को  सर्वश्रेष्ठ  हिंदी फिल्म का  राष्ट्रीय अवार्ड मिला ."बॉबी" और "राम तेरी गंगा मैली" उनके जीवन के आखरी दो दशक की बहुत मशहूर फिल्में थी .1988 में राज कपूर का देहांत हुआ .मुंबई के चेंबूर में 1948 में राज कपूर ने "बरसात" फिल्म की असाधारण बॉक्स ऑफिस पर सफलता के बाद "आर के स्टूडियो" की स्थापना की .2 एकड़ में फैले इस स्टूडियो कपूर परिवार के शानदार उपलब्धियों और बेशुमार दौलत के इतिहास और बॉलीवुड की तमाम ऊंचाइयों और गहराइयों को देखा  महसूस किया है . 
चार वर्ष पूर्व आर के स्टूडियो में आग लग गई .गहरी क्षति हुई .राज कपूर के परिवार के सभी सदस्य फिल्मी दुनिया में बहुत ही नामचीन हस्तियां थी और है .लेकिन यह साधारण लोगों की समझ के बाहर है कि अरबों- खरबों रुपए के मालिक, बड़े-बड़े स्टार का यह परिवार ,राज कपूर के नाम पर उनके द्वारा स्थापित आरके स्टूडियो को बिकने से क्यों नहीं बचा सका ? वह बिक गया .यह लोगों को बहुत बुरा लगा .उनके परिवार के तमाम चाहे वह  उनके पुत्र रणधीर कपूर , ऋषि कपूर या उनके भाइयों के परिवार के लोग या उनकी पोती करीना कपूर , करिश्मा कपूर उन तमाम लोगों को यह तो बताना ही पड़ेगा कि वह इस धरोहर को क्यों नहीं बचा सके ? आज उनका जन्मदिन मना रहे ,उनको याद कर रहे हैं .आज ही खबर आई है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तून राज्य की सरकार ने राज कपूर एवं दिलीप कुमार के पुश्तैनी मकान को राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने के लिए खरीद कर राज्य के संस्कृति मंत्रालय के अधीन कर दिया है .खैबर पख्तूनवा  प्रांत की सरकार ने पृथ्वीराज कपूर राज कपूर खानदान की लगभग 22 सौ स्क्वायर फीट की जमीन पर बने  मकान को आज के मालिकों  से डेढ़ करोड़ रुपए मैं खरीदा  और दिलीप कुमार के सोलह सौ स्क्वायर फिट पुश्तैनी मकान को इसके वर्तमान मालिकों से 80 लाख रुपए में खरीदा .यह खबर निश्चित ही दिल को छू जाने वाली है .हिंदी फिल्मों के हृदय सम्राट ,एक्टर ,महान एक्टर दिलीप कुमार को यह खबर बहुत ही सुखद लग रही होगी .लेकिन मैं समझता हूं कि राज कपूर, पृथ्वीराज कपूर  के खानदान के लोगों को इस पर खुश होने या जश्न बनाने का कोई कारण नहीं दिखता .क्योंकि  राज कपूर की विरासत आर के  स्टूडियो को वह लोग एक यादगार के रूप में रख नहीं सके . फोटो साभार           

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