आज 5 जून 2021 को विश्व पर्यावरण दिवस पर जहां पयार्वरण बचाने की बात करते है वहीं बड़वानी जिले में नर्मदा नदी में एवं सहायक गोई नदी में बड़ी मात्रा में अवैध रेत खनन हो रहा है. 50 सौं ट्रेक्टरों से रेत खनन जारी है एवं खनिज विभाग , जिला कलेक्टर, पुलिस विभाग, की नाक के नीचे यह अवैध रेत खनन हो रहा है.
आज सुबह बड़वानी के चूनाभट्टी में रेत भरा ट्रेक्टर जगदीश पिता रमेश माली, निवासी कल्याणपुरा, जिला बड़वानी में अवैध रेत खनन में सालों से लिप्त है और उसके ट्रेक्टर 10 अधिक बार पकड़े जा चुके है . आज ट्रेक्टर पकड़े जाने बाद उसकी दादा गिरी इतनी थी कि वह मेधा पाटकर जी ऊपर ट्रेक्टर चढ़ाने की कोशिश की एवं भद्दी भाषा का उपयोग किया. पुलिस को फोन कर ट्रेक्टर थाने भिजवाया गया.
अवैध रेत खनन पर 6 मई 2015 के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश अनुसार अवैध रेत खनन पर सख्त रोक है. उसके बावजूद अवैध रेत खनन बड़ी मात्रा में बड़वानी जिले के छोटा बड़दा, उटावद, पीपलूद, बगुद , पिछोड़ि, पेंड्रा, गोई नदी, अवलदा, एवं धार जिले की धरमपुरी तहसील के भोगांव, धरमपुरी, गुलाटी, खुजावां, बडा बड़दा, रतवा, मलनगांव, उर्दना,पेरखड़, एकलबारा, गोपालपुरा, चिखलदा, करोंदिया, भावरिया, खराजना जिला धार ,म प्रदेश बड़ी मात्रा चल रहा है. पर्यावरण दिवस पर केवल पौधे लगाना ही नही अवैध रेत खनन से भी पर्यावरण खत्म होता है. नदियों को जिंदा रखना है तो अंधाधुन्द रेत खनन को भी रोकना पड़ेगा.
आज नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर जी ने सरदार सरोवर से डूब प्रभावित विस्थापितों की अवलदा बसाहट, कडमाल, नानक बैडी, नर्मदा नगर बसाहट, कवठी बसाहट में पर्यावरण दिवस पर पौधे लगाए गए. पौधे हमारे नर्मदा घाटी के संघर्ष में संघर्षरत साथी जो शाहिद हो गये उनकी याद में उनके नाम का पौधा लगाया गया . पौधे पर उनकी नाम के साथ फोटो की पट्टी भी लगाई गई ताकि वह पौधे का सुरक्षा करना अपने अपने घर के सामने लगाए पौधों की जिम्मेदारी ली है.
आज किसान विरोधी 3 काले कानूनों को एक वर्ष पूरे हुआ है. पिछले 6 माह से दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर चल रहे किसान विरोधी कानून के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. लेकिन केंद्र सरकार उन कानूनों को रद्द नही कर रही है. आज उन कानूनों को रद्द करने के लिए किसान आंदोनल के समर्थन में 3 काले कानूनों की प्रतियां जलाने का कार्यक्रम भी किया गया.
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