मुजफ्फरपुर.कोराना महामारी के दौर में भी देश में जारी सांप्रदायिक मॉब लिंचिंग की भयावह घटनाओं तथा सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में पिछले साल से जेल में बंद छात्र-नौजवानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए देशव्यापी विरोध दिवस के तहत मुजफ्फरपुर में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन(आइसा) ने प्रदर्शन किया.
इस दौरान हरिसभा चौक के निकट स्थित आइसा कार्यालय में पोस्टर व झंडा-बैनर के साथ छात्र-नौजवानों ने नारे लगाते हुए भाजपा व आरएसएस तथा मोदी सरकार की नफरत व सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति को दोषी ठहराया.उन्होंने कहा कि पिछले दिनों त्रिपुरा में तीन मुस्लिम नौजवानों की पिट-पिट कर हत्या, यूपी के गाजियाबाद, मुरादाबाद तथा अब बिहार में भी समस्तीपुर के गांव में एक ही मुस्लिम परिवार के तीन लोगों की भीड़ द्वारा मार-मार कर हत्या का भयानक दौर जारी है.
उन्होंने कहा कि पिछले साल सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए आंदोलन में दिल्ली तथा यूपी के जेलों में दर्जनों छात्र-नौजवान व सामाजिक कार्यकर्ताओं को अभी तक बंद रखा गया है. उन पर देशद्रोह का आरोप भी लगाया गया है.न्यायालय ने भी उन्हें जेल में बंद रखना आंदोलनकारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है.
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नफरत व उन्माद की फासीवादी राजनीति पर रोक लगाओ,मॉब लिंचिंग के दोषियों को संरक्षण देने के बदले सख्त कारवाई करो, छात्र-नौजवान व सामाजिक कार्यकर्ताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बंद करो, जेल में बंद छात्र-नौजवानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं को रिहा करो, जैसे नारे लगाए गए.
विरोध प्रदर्शन में आइसा के पूर्व राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, आइसा के राज्य पार्षद दीपक कुमार, शहनवाज, सौरभ कुमार, फैजान अख्तर, शफीकुर रहमान, जमाल, मो. एजाज, मो. इम्तियाज, आबिद हुसैन, राजू सहनी, मयंक मोहन, अजय कुमार सहित इंसाफ मंच के जिला अध्यक्ष फहद जमां भी शामिल थे.
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