आलोक कुमार
पटना.कोरोना की भयावह दूसरी लहर की पूरी अवधि में बिहार से गायब रहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सरकार पर आरोप लगाने से पहले बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए.यह राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी का कहना है.
उन्होंने कहा कि विरासत में मिली झांसे की राजनीति से परे तेजस्वी को ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिए कि जनता से कट कर नेता प्रतिपक्ष जैसे संवैधानिक पद के दायित्व निर्वाह में वे पूरी तरह विफल रहे हैं. आगे कहा कि दो महीने के लंबे प्रवास के बाद बिहार की धरती पर पदार्पण करने वाले नेता प्रतिपक्ष हर संकट व चुनौतीपूर्ण मौके पर बिहार और बिहारियों के बीच रहने के बजाय किसी अज्ञात वास में रहते हैं.
आगे कहते हैं कि बिहार में बाढ़ की विभीषका या चमकी बुखार का कहर हो, यहां तक कि सदन की कार्यवाहियों के दौरान भी अक्सर नेता प्रतिपक्ष का दर्शन दुर्लभ रहता है.लालू परिवार के नाम लेकर चमकने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री का कहना कि भ्रष्टाचारजनित अकूत बेनामी सम्पत्ति के कंगूरे पर खड़े तेजस्वी यादव को सरकार के हर काम में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार ही दिखता है.
उन्होंने कहा कि जिसके माता-पिता के राज में बिहार के अस्पतालों में रुई-सुई भी नदारद थी,उसके लिए यह स्वीकार करना वाकई कठिन है कि सरकार के सतत प्रयास से बिहार में एक दिन में 7.29 लाख लोगों को टीका लगाया गया है, संक्रमण दर घट कर 0.25 और रिकवरी रेट बढ़ कर 98.28 प्रतिशत हो गई है.
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