कभी जनता के पास तो कभी जनता से दूर रहने वाले मुख्यमंत्री

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कभी जनता के पास तो कभी जनता से दूर रहने वाले मुख्यमंत्री

आलोक कुमार 
पटना.कभी जनता के पास तो कभी जनता से दूर रहने वाले मुख्यमंत्री का नाम है नीतीश कुमार.बिहार में सत्तासीन होने के बाद नीतीश कुमार ने 2005 में जनता दरबार की शुरुआत की थी, जो कि खूब चर्चा में रहा था. यही महीने के हर सोमवार को पटना में आयोजित किया जाता था और इसमें बिहार के सभी जिलों के लोग पहुंचते थे. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री और सचिव दोनों रहते थे. इस जनता दरबार के सहारे नीतीश कुमार को पूरे राज्‍य के विकास के बारे में जानकारी मिलती रहती थी, लेकिन इसे 2016 में बंद कर दिया गया.मुख्यमंत्री जनता से दूर चले गये.इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.प्रदेश में तीसरे पावदान पर लुढ़क गये.एक बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों की फरियाद सोमवार से सुनेंगे. 


आवेदकों को 60 कार्य दिवसों में कार्य का निष्पादन करना था 

सर्व साधारण की शिकायतों का एक निश्चित समय-सीमा में समाधान कराने के उद्देश्य से 5 जून, 2016 से पूरे राज्य में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू किया गया.क्या खास है इस कानून में ? इस कानून से सभी आवेदकों को 60 कार्य दिवसों में उनकी शिकायतों की सुनवाई,उसके निवारण का अवसर तथा 
उस पर निर्णय की सूचना प्राप्त होने का कानूनी अधिकार प्राप्त करवाना था.शिकायतकर्ता एवं शिकायत के विषय से संबंधित सरकारीकर्मी के आमने-सामने सुनवाई कर शिकायत का समाधान किया जाता था साथ ही, निर्णय की प्रति भी उपलब्ध कराई जाती थी ताकि निर्णय से व्यथित होने की स्थिति में अपील दायर किया जा सके.शिकायतकर्ता ने कहा कटिहार जिले के कुर्सेला प्रखंड में है दक्षिणी मुरादपुर ग्राम पंचायत.यहां पर गंगा नदी से विस्थापित होने वाले  महादलित तीनघरिया में रहते हैं.  कुल 45 महादलितों को आवासीय भूमि दी गयी। सरकार की ओर से सीमांकन किया गया. सरकारी योजना से मकान बना. कुर्सेला अंचल कार्यालय से  बासगीत पर्चा देने  की सूची बनायी गयी.मगर बासगीत पर्चा देने में आनाकानी करने लगे.इसके बाद प्रगति ग्रामीण बिकास समिति के सी बी ओ के अध्यक्ष अनील राम वार्ड सदस्य मुनिलाल एवम प्रखंड समान्वयक प्रदीप कुमार ने लोक शिकायत निवारण अधिनियम में आवेदन दिया.जो आज 

जेडीयू को इस बार 43 सीटों पर जीत मिली 

एक बार फिर से लोगों की फरियाद सुनेंगे.पांच साल बाद एक बार फिर से मुख्यमंत्री जनता के सामने होंगे. उनकी शिकायतों को सुनेंगे.'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम हर सोमवार को आयोजित होगा, जिसमें आमलोग अपनी समस्याएं लेकर पटना पहुंचेंगे.हालांकि फिर से जनता दरबार शुरू करने की खबर ने लोगों में दिलचस्‍पी पैदा कर दी है. वहीं, नीतीश कुमार भी अपनी इस कवायद से राज्‍य के सभी जिलों के लोगों से संवाद कर सकेंगे. वैसे भी जेडीयू को इस बार 43 सीटों पर जीत मिली है, जो कि उसका खराब प्रदर्शन है. जबकि भाजपा ने 74 पर बाजी मारी है. वहीं, एनडीए के अन्‍य साथी हम और वीआईपी ने चार-चार सीट जीतने में कामयाबी हासिल की है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से लोगों की फरियाद सुनेंगे. पांच साल बाद एक बार फिर से मुख्यमंत्री जनता के सामने होंगे. उनकी शिकायतों को सुनेंगे. 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम हर सोमवार को आयोजित होगा, जिसमें आमलोग अपनी समस्याएं लेकर पटना पहुंचेंगे. 

12 जुलाई से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री सचिवालय में इसके लिए एक बिल्डिंग बनकर तैयार है. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम साल 2016 में बंद कर दिया गया था. उसके बाद लोक शिकायत निवारण कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. 

नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना में कहा कि 'जो मेरी इच्छा थी दो टेन्यूर तक हम लगातार 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' हमने तीन सोमवार को कर दिया था. लोक सेवा अधिकार कानून के बाद हो गया कि अब इसकी जरूरत नहीं है.2016 से हो गया कि अब इसकी कोई आश्यकता नहीं है.लेकिन बाद के दिनों में कई जगहों पर लोगों ने कहा कि ये होना चाहिए.' 

मुख्यमत्री ने कहा कि 'आपको मालूम है कि हमने चुनाव के बाद ऐलान कर दिया था कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम फिर करेंगे.हम तो और पहले करते मगर ऐसा कोरोना का दौर चला कि जिसके चलते बाधा आई.अब फिर इसी महीने के अगले सोमवार से हम इसे शुरू करने वाले हैं.ये सब हमने, सबकुछ देख लिया है. एक-एक चीज बता दिया है और जो तरीका पहले का था, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का वही तरीका अपनाया जाएगा. चूंकि कोरोना का दौर चल रहा है इसलिए जो भी आना चाहेंगे उनको आने की सुविधा वगैरह सब जिला स्तर से प्रदान होगी और ये सब नियम बनाने के लिए हमने कह दिया है.' 

मुख्यमंत्री सचिवालय के पास बने बड़े हॉल  में लगाया जाएगा. जो मुख्यमंत्री आवास से चंद मिनट की दूरी पर है.इतना ही नहीं यह खास इसलिए भी होगा. क्योंकि अभी कोरोना काल चल रहा है. इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. जिसको लेकर आज रविवार को आला अधिकारियों की राजकीय अतिथि शाला में बैठक हुयी. साथ ही नीतियां बनाई जा रही हैं कि किस तरीके से जनता दरबार को सुरक्षित और कोविड प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कराया जा सके. इसको लेकर  पटना जिलाधिकारी, पटना एसएसपी समेत कई अधिकारी यहां आए और पूरी व्यवस्था का जायजा लिया. 

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भाग लेने वाले लोगों को आरटीपीसीआर की जांच करानी होगी. कोरोना जांच निगेटिव आने के बाद ही लोग मुख्यमंत्री के जनता दरबार में हिस्सा ले सकेंगे. जनता दरबार में जाने वाले लोगों को पहले आवेदन करना होगा. आवेदन करने के बाद संबंधित व्यक्ति को आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा जाएगा. कल सामाजिक क्षेत्र से जुड़े स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, श्रम संसाधन, सामान्य प्रशासन, कला संस्कृति एवं वित्त विभाग से संबंधित शिकायतें सुनी जाएगी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए मोबाइल ऐप जेकेडीएमएम के माध्यम से समस्या व शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था की गई है. जिन आवेदकों के पास मोबाइल ऐप की सुविधा नहीं है. वैसे आवेदक अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकार, जिला पदाधिकारी कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जहां आवेदक की शिकायत को जिला, अनुमंडल, प्रखंड कार्यालय द्वारा मोबाइल ऐप में दर्ज किया जाएगा. इसके लिए आवेदक को आधार संख्या एवं मोबाइल नंबर देना होगा. 

मंत्रिमंडल सचिवालय के अनुसार दूर से आने वाले आवेदक को डीएम एक दिन पहले कुछ चिह्नित जिला के लिए रवाना करेंगे. यहां उनके रात्रि विश्राम के साथ भोजन की व्यवस्था रहेगी. आवेदकों को संबंधित जिलाधिकारी सोमवार की सुबह जनता दरबार के लिए रवाना करेंगे.अररिया-कटिहार के लोगों के लिए बेगूसराय में रात्रि विश्राम की व्यवस्था रहेगी.इसी प्रकार किशनगंज व पूर्णिया के लोगों के लिए समस्तीपुर.सहरसा, सुपौल के लिए मुजफ्फरपु , भागलपुर और बांका के आवेदकों के लिए नालंदा और प. चंपारण व मधेपुरा के लोगों के लिए वैशाली में रात्रि विश्राम की व्यवस्था की जाएगी. यह सभी व्यवस्था सरकारी स्तर पर अधिकारी करेंगे.पटना पहुंचने के बाद सभी लोगों की इस स्क्रीनिंग कर यह पुख्ता किया जाएगा कि उन्हें कोरोना है या नहीं.कोरोना के कारण इस बार जनता दरबार में पत्रकारों को एंट्री नहीं है. पत्रकार सूचना जनसंपर्क विभाग के तरफ से उपलब्ध कराये गये लिंक पर जनता दरबार में शामिल हो सकते हैं. 

 

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