पटना नगर निगम में शह- मात का खेल जारी

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पटना नगर निगम में शह- मात का खेल जारी

आलोक कुमार 
पटना.पटना नगर निगम में शह- मात का खेल जारी है.कभी मेयर तो कभी डिप्टी मेयर पर विकास कार्य नहीं करने का कथित आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है.यह सिलसिला 2017 से जारी है.नियमानुसार मेयर पद का चुनाव के दो साल बाद और उसके बाद एक साल के अंतराल पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. प्रतिष्ठित पटना नगर निगम का अगला चुनाव 2022 में होगा.पटना नगर निगम में 75 वार्ड है.19 जून 2017 में पटना नगर निगम की पहली महिला मेयर सीता साहू बनी थीं.मेयर के चुनाव में धांधली करने के आरोप में मेयर सीता साहू का मामला सिविल कोर्ट में विचाराधीन है.वार्ड नम्बर-22 सी की वार्ड पार्षद रजनी देवी ने सिविल कोर्ट में मामला दायर की थीं.दो साल के बाद मेयर सीता साहू पर अविश्वास प्रस्ताव पारित करते समय विपक्षी पार्षद ने मेयर पर धांधली करके मेयर का पद बरकरार रखने का आरोप लगाकर माननीय पटना उच्च न्यायालय में मामला दायर किया गया.यहां भी मामला विचाराधीन है.पटना हाईकोर्ट ने पटना की मेयर सीता साहू को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.कोर्ट ने पटना नगर निगम को भी जवाब देने का आदेश दिया है. मेयर के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.  

पटना नगर निगम में 2017 में उप महापौर पद को लेकर 26 दिनों से चली खींचतान खत्म होने पर चुनाव हुआ.निगम के इतिहास में पहली बार उपमहापौर पद के चुनाव में टाई हुआ और लॉटरी से विजयी उम्मीदवार चुना गया. पूर्व उपमहापौर विनय कुमार पप्पू गुट की पूर्व उपमहापौर पार्षद मीरा देवी ने मेयर सीता साहू गुट के पार्षद डॉ.आशीष कुमार सिन्हा को टाई के बाद लॉटरी में हरा दिया. चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को 37-37 वोट प्राप्त हुए.इसके बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगर पालिका)-सह-जिला पदाधिकारी कुमार रवि के निर्देश पर अपर समाहर्ता अरुण कुमार झा ने उपमहापौर पद विजेता के लिए लॉटरी निकाली.निर्वाचित उपमहापौर मीरा देवी को जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.  

पटना नगर निगम के मेयर का 2017 में हुआ.मेयर सीता साहू बनी. पटना नगर निगम की पहली महिला मेयर बनीं सीता साहू के कार्यकाल को 4 साल पूरे हो गये हैं. 19 जून 2017 में वह पटना नगर निगम की मेयर बनीं थीं. चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मेयर समर्थकों में जश्न का माहौल है. मेयर सीता साहू के कार्यकाल में पटना नगर निगम क्षेत्र में कितना विकास हुआ है. शहर में क्या परिवर्तन हुआ है. इससे प्रोत्साहित होकर उपमहापौर पार्षद मीरा देवी पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.मेयर के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले गुट का समर्थन किया जा है.यह कवायद विपक्षी गुट का मनोबल तोड़ने के लिए किया जा रहा है.हमेशा मेेयर का साथ निभाने वाली वार्ड नम्बर-22 सी की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह को उप महापौर बनाकर तोहफा देने की योजना है. 

उपमहापौर मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने आरोप लगाया है कि उपमहापौर विकास में बाधक हैं. विकास कार्यों को लेकर सहयोग नहीं करती हैं. जिसके कारण वार्डों में काम प्रभावित हो रहा है.पार्षदों ने आरोप लगाया कि इस व्यवस्था में विकास नहीं हो पाएगा. इस कारण से वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं.29 पार्षदों ने कहा कि विश्वास टूटा है इसलिए अविश्वास लेकर आए हैं. 

महापौर सीता साहू ने कहा कि 30 जुलाई को पार्षदों के साथ बैठक होगी, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी.चर्चा के बाद उपमहापौर मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग होगी. इसके मत के हिसाब से आगे की कार्रवाई होगी. महापौर ने कहा कि पार्षदों ने उपमहापौर पर विकास कार्य में बाधा पहुंचाने सहित कई आरोप लगाए गए हैं. पार्षदों को इस प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाने का निर्देश दिया गया है. महापौर की अध्यक्षता में 30 जुलाई को बांकीपुर अंचल कार्यालय सभागार में बैठक होगी.महापौर ने बताया कि बैठक में ही इस प्रस्ताव पर अंतिम स्वीकृति प्रदान की जाएगी. 


दरअसल अविश्वास प्रस्ताव में पराजित डिप्टी मेयर मीरा देवी की ओर से दायर याचिका दाखिल की गयी है.अर्जी में मेयर पर भ्रष्टाचार सहित कई अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं.अर्जी में आरोप  लगाया गया है कि मेयर ने कोविड -19 महामारी के दौरान पटना के गरीब व जरूरतमंद निवासियों की सहायता करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. साथ ही मामला लंबित रहने तक मेयर के कामकाज पर रोक लगाने की भी मांग कोर्ट से की गई है.मेयर पर पद का दुरुपयोग करने और अविश्वास प्रस्ताव का कोरम पूरा किये उसे गिराने का आरोप भी लगाया गया है. 

पूर्व में भी अविश्वास प्रस्ताव लाकर उपमहापौर को हटाया जा चुका है.अब इस बार देखना है कि उपमहापौर मीरा देवी अपनी कुर्सी बचाने में सफल होती है या नहीं.यह तो भविष्य में ही पता चल पाएगा. बता दें पटना नगर निगम क्षेत्र में कुल 75 वार्ड पार्षद हैं.29 पार्षद मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं.शेष बचे 46 पार्षद किस ओर करवट लेंगे, अभी कहना मुश्किल है. अगर 38 पार्षदों को उपमहापौर मीरा देवी अपने विश्वास में लेने में सफल हो जाती हैं तो कुर्सी पर बनी रहेंगी. 



 

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