आलोक कुमार
पटना.पिछले 4 साल से काम कर रहे हैं वार्ड सचिव. लेकिन उनको अभी तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है.तब जाकर वार्ड सचिव बिहार विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे.प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं लेने को कहकर पुलिस अधिकारियों ने राज्यभर के वार्ड सचिवों पर लाठीचार्ज करवा दिया और जेपी गोलंबर को एक घंटे तक छावनी में तब्दील कर दिया.
स्थायी मानदेय की मांग को लेकर राज्यभर के सैकड़ों वार्ड सचिव विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे, लेकिन अनुमति न रहने की वजह से पुलिस ने जेपी गोलंबर के पास ही सबको रोक दिया. इस दौरान बैरिकेडिंग तोड़ने का वार्ड सचिवों ने प्रयास किया, तभी भारी संख्या में मौजूद पुलिसबल ने वाटर कैनन चलाने के साथ लाठीचार्ज कर दिया. इस बीच अफरातफरी का माहौल बना रहा. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए दौड़ा-दौड़ा कर वार्ड सचिवों की पिटाई भी की जिसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसमें कुछ महिलाओं को भी चोट लगी है. वार्ड सचिव जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे थे और उनकी मंशा विधानसभा तक पहुंचने की थी, लेकिन पुलिस ने उसे विफल कर दिया.
उचित मानदेय और स्थायी करने की मांग को लेकर वार्ड सचिवों ने गुरुवार को गांधी मैदान में जम कर प्रदर्शन किया उनका कहना है कि पिछले 4 साल से वे लोग काम कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वार्ड के अंतर्गत होनेवाले तमाम कामों को करते हैं लेकिन वेतन का भुगतान नहीं हुआ है.
एक लाख 14 हजार 697 की संख्या में राज्य भर में काम कर रहे वार्ड सचिवों को लगातार 4 साल से काम करवाया गया. वार्ड में होनेवाले तमाम कार्यों को करवाया गया. नल-जल योजना, सात निश्चय के तहत होनेवाले सभी कामों को करते हैं.
बताया जाता है कि गांधी मैदान में सैकड़ों की संख्या में जुटे वार्ड सचिवों ने जम कर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. स्थानीय थाने की पुलिस भी पहुंची. वार्ड सचिवों ने प्रदर्शन के दौरान कोरोना के नियमों का जम कर उल्लंघन किया. सोशल डिस्टेंसिंग की जम कर धज्जियां उड़ायी गयीं. बिना मास्क के लोग घंटों प्रदर्शन करते रहे. पुलिस समझाने का प्रयास करती रही. लेकिन इसके बावजूद उनका प्रदर्शन जारी रहा.प्रदर्शन कर रहे वार्ड सचिवों पर प्रशासन ने लाठीचार्ज कर उनके प्रदर्शन को तितर-बितर कर दिया. प्रदर्शन कर रहे कई वार्ड सचिव घायल भी हुए हैं.
ट्रेड यूनियन ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) महासचिव प्रेमचन्द कुमार सिन्हा ने मिलकर कहा है कि नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे वार्ड सचिवों पर आज पटना में नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा की गई पुलिसिया कार्रवाई की घोर निंदा किया गया है.
द्वय नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी वार्ड सचिवों जिसमें बड़ी संख्या में महिला कर्मी शामिल थीं. पर लाठीचार्ज,दौड़ा दौड़ा कर पीटने की घटना को नीतीश सरकार की तानाशाही कार्रवाई बताया है और कहा कि लोकतन्त्र में किसी को भी अपनी बात रखने का भी अधिकार यह सरकार छीन लेने पर उतर गई है.
नेताओं ने कहा कि निजीकरण के दौर में सरकार ने पहले स्थायी पदों को समाप्त किया और बदले में मामूली मानदेय आधारित आधुनिक गुलामी वाली संविदा प्रथा को थोप दिया लेकिन नीतीश -भाजपा सरकार को अब संविदाकर्मी की भी जरूरत नहीं बल्कि मुफ्त में बेगार खटने वाला कामगार चाहिए.
गोप गुट नेता प्रेमचन्द कुमार सिन्हा व ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने नीतीश -भाजपा सरकार से वार्ड सचिवों के नेताओं से अविलम्ब सम्मानजनक वार्ता कर नियमितीकरण सहित सालों से बकाया मानदेय का भुगतान व अन्य मांगे अविलम्ब पूरा करने की पुरजोर मांग किया.
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