चंचल
मुंशी प्रेमचंद , सादर नमन .
31 जुलाई 1880 जन्मतिथि
प्रश्न छोटे होते थे , जवाब बड़ा होता था . अब प्रश्न सात गुना बड़ा होने लगा और जवाब जुबान से बाहर होकर उंगलियों की हरकत पर आकर टिक गया . पटना के रिकसावालों के ' हैं नू' की तरह . तुक्का है गर आप कूद कर बैठ गए तो रिक्सा चल पड़ा , 'नू' को ना समझ लिए तो घूमते रहिये .
छोटा सवाल देखिये . जमाने तक यही चला है . इसी सवाल जवाब पर गांधी , नेहरू , सुभाष , लोहिया , मौलाना निकले हैं . पाणिनि , से लेकर चार्वाक , राजा रमन्ना से लेकर नार्लीकर तक आये हैं . कहाँ तक गिनाए . बहरहाल आइये प्रश्न देखा जाय .
पहला सवाल लिखो
एक - निम्न में से किसी एक की जीवनी लिखो .
क - मुंशी प्रेमचंद
ख- ईश्वर चंद विद्यासागर
ग- राम वृक्ष बेनीपुरी
घ - रहीम खानखाना
और हम दो पन्ने कम से कम लिखते थे . 'मोटकी' कलम से - जन्म , कार्य स्थल , कार्य क्षेत्र , रचनाएं और उपसंहार . ' पतरकी ' कलम से पूरा जीवन परिचय . इस तरह कुल तीन पन्ना लेख लिखा जाता था . कामा , सेमी कोलन , अर्धविराम , पूर्ण विराम , मुरधन्नी स , वगैर वगैरह का ख्याल रखा जाता था . चुन्नी लाल वाहिद तालिबे इल्म रहा जिसने मुतवातिर मार खाने के बावजूद इन तमाम ' विरामो ' 'कामा ' कोलन वगैह को छुआ तक नही . बाबू साहब से मार पड़ती तो छड़ी के साथ जानकारी भी मिलती . मुफ़्त में /
- कमबख्त उर्दू समझ रखा है , उनके यहां ये सारे नुक्ते नही लगते , लेकिन यह देवनागरी लिपि है इसमें कामा , पूर्ण. विराम लगेगा .
- बाबू साहब !उर्दू में ये सब नही लगता ?
- नही लगता अगरचे कई बार बड़े बड़े तुर्रम खान भी गड़बड़ा जाते हैं . मसलन गालिब को सुनो - नुक्ता चीं है गमे दिल उनको सुनाए न बने . अमूमन लोग नुक्ता चीं को गमे दिल के साथ जोड़ लेते हैं , यह गलत है .
- आप उर्दू कहाँ से पढ़े बाबू साहब ?
- हमारे जमाने मे उर्दू अरबी फारसी की पढ़ाई होती थी . हमारे उस्ताद थे पंडित चिंतामणि उपाध्याय .
- बाभन होकर उर्दू पढ़ाते थे ?
- भाषा किसी जाति या धर्म की नही होती .
- हम लोग उर्दू पढ़ना चाहें तो पढ़ सकते हैं ? आप पढा देंगे ?
- बिल्कुल पढा देंगे . नाम बताओ कौन कौन उर्दू पढ़ेगा ?
चुन्नी लाल सबसे पहले हाथ उठाया .( ससुरा कामा पूर्ण विराम से तो जान बचेगी . )
और छुट्टी हो गयी . बच्चे अपने अपने गांव की ओर भागे , फदर फदर करते . साथ मे संदेश भी गया - भाषा किसी जाति या धर्म की नही होती .
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जमाना बदला . तरक्की का ऐलान हुआ . पहला घन गिरा किताब पर . अब सवाल लम्बे थे और उत्तर , पेंसिल की बांकी अदा पर जा गिरी . तुक्का लगाओ .
प्रश्न है -
मुंशी प्रेमचंद पैदा हुए - यहां चार ऑप्शन है. इसमे से एक सही है . जो सही है उस पर पेंसिल से टिक का निशान लगाइए
A - 26 जनवरी 1951 , B - 9 अगस्त 1942
C - 31 जुलाई 1880 , D- 2 अक्टूबर 1869
चन्नी लाल पहले ही झटके में पास बाद बाकी सब फेल .
आज मुंशी प्रेमचंद का जन्मदिन है . सादर प्रणाम मुंशी जी .
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