आलोक कुमार
पटना.बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंदोलन को तेज करने की योजना और रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई.किसान संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के संयोजक दिनेश सिंह ने जानकारी दी.बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह जी पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा एवं किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात करने के बाद बहुत जल्द ही बिहार में बहुत बड़ा किसान आंदोलन होगा.
किसान आंदोलन को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहल शुरू हो गयी है.अब किसान आंदोलन को बिहार आंदोलन का साथ मिलना शुरू है. इसके लिए बिहार आंदोलन के नेताओं के साथ किसान नेता राकेश टिकैत की दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक और गहन समीक्षा की गयी. किसान आंदोलन के साथ और समर्थन में पूर्व पीएम देवेगौड़ा खड़े होंगे.
बता दें कि 28 जुलाई को किसान संसद में हिस्सा लिया.संसद के स्पीकर हम लोगों के बड़े भाई और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह थे.किसान आंदोलन के विस्तार के लिए दिन भर बैठकों का दौर चलता रहा.आंदोलन को राष्ट्रव्यापी बनाने की मशक्कत होती रही. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से लंबी बातचीत हुई.पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने अंततः एच देवेगौड़ा को राजी कर ही लिया कि वे विपक्ष की पार्टियों को एक जुट कर किसान आंदोलन के समर्थन में आगे लाने के लिए पहल करेंगे.
देवेगौड़ा ने कहा कि जेपी उनके आइडियल और मार्गदर्शक रहे हैं. ऐसे में वे जेपी निवास पटना जाकर देश की मौजूदा स्थिति में बदलाव की मुहिम को तेज़ करने के लिए संकल्प लेना चाहते हैं. ऐसा लगता है जैसे बढ़ते उम्र की लाचारी से उन्होंने हार नही मानी है.उन्होंने कहा कि मैं सभी पार्टियों के नेताओं से बात करूंगा और अब दक्षिण के राज्यों में भी किसान आंदोलन तेज होगा.
उसके बाद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जी से भी लंबी बातचीत हुई. उनके स्वास्थ्य की हालात को लेकर कुशल क्षेम पूछा.उनके स्वास्थ्य में हो रहे सुधार से मेरा मन हर्षित है. लालू से मिलने अब सभी पार्टियों के नेताओं का आना जाना हो रहा है.उनसे मिलने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पहुंचे थे और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह से उनकी अच्छी बात हुई.बचपन के बीते पल से लेकर मौजूदा हालात पर.मैंने भी कहा आप पूरी तरह ठीक हो जाइए, हमलोग दिल से आपके साथ हैं.
सृजन घोटाले से मनरेगा लूट के खिलाफ चल रहे मुहिम को अद्यतन जाना. लालू जी ने यह भी विश्वास दिलाया कि किसान आंदोलन को वे भरपूर समर्थन करेंगे और कहा कि हमलोग भी तो आखिर किसान के ही बेटे हैं. उसके पश्चात सुई की कांटा जैसे ही सात पर पहुंचने को आई किसान आंदोलन के प्रमुख नेता राकेश टिकैत अपने पूरे दल बल के साथ बिहार आंदोलन के हीरो रहे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बिहार निवास के कमरा नंबर 112 में पहुंच गए.बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंदोलन को तेज करने की योजना और रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई.बातचीत ढाई घंटे से अधिक चली.बैठक में बिहार आंदोलन जिस तरह 18 मार्च 1974 से शुरू हुई थी उस तर्ज़ पर वाराणसी में पीएम कार्यालय को घेरने और सत्ता के अहंकार को चूर-चूर करने की योजना पर भी बातचीत हुई. आंदोलन शांतिमय हर हाल में चले इस पर ध्यान रखा जाय. इसके लिए बिहार और झारखंड में किसान आंदोलन को और तेज करने पर भी योजना और संभावित कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई.
राकेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ किसानों के एमएसपी को कानून दर्जा दिलाने और कृषि से जुड़े तीन कृषि काला कानूनों की वापसी तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि यह न्याय के साथ विकास के साथ-साथ लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर उठाएगी.उन्होंने यह भी कहा अब किसान आंदोलन का फोकस दक्षिण से लेकर उत्तर और पूरब से पश्चिम तक होगा.यह देश किसानों और मजदूरों का है.
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