जनता के दरबार में मुख्यमंत्री

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जनता के दरबार में मुख्यमंत्री

आलोक कुमार 
पटना.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार में विभिन्न जिलों से पहुंचे 153 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के तहत ऐसे मामलों, जिनमें फैसला हो गया है, में आदेश को लागू नहीं किया जा रहा है.उन्होंने अधिकारियों से कहा, सारे विभाग से पूरा का पूरा आंकडा मांगिये। कहां गड़बड़ी है. 
सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचे फरियादी बताने लगे कि उन्होंने जो लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम बनाया था, वह काम का नहीं रहा है. उसमें फैसला पक्ष में आने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है.यह सुनते ही CM गुस्से में आ गए. 
उन्होंने मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी सहित कई अधिकारियों को बुलाया. कहा- 'आप लोग देखिए, अभी कुछ ही लोगों से मिले हैं तो लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से जुड़ी समस्या आ रही है.अभी और भी समस्या होगी। यानी इसकी मॉनिटरिंग नहीं हुई है'. 
कहा जाता है कि CM नीतीश कुमार ने 2016 में जनता दरबार को इसलिए बंद किया था कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत लोगों की समस्याएं सुलझ जाएंगी.CM पिछले पांच साल से इस खुशफहमी में थे कि उनके द्वारा लाया गया अधिनियम बेहतर तरीके से काम कर रहा है. अब जब दुबारा नीतीश कुमार ने जनता दरबार शुरू किया है तो इसी अधिनियम से जुड़ी शिकायतें आने लगी हैं.लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू हुआ था.उसकी समीक्षा होती थी.अधिकारीगण लीपापोती कर समीक्षा करते थे.आज सवा घंटे में सात-आठ शिकायते आ गयी. 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के तहत ऐसे मामलों, जिनमें फैसला हो गया है, और आदेश को लागू नहीं किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों से कहा,‘सारे विभाग से पूरा का पूरा आंकडा मांगिये। कहां गड़बड़ी है.’ 

मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई. 

मुजफ्फरपुर से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि डीसीएलआर कार्यालय और निबंधन विभाग में बिना पैसा लिए किसी का काम नहीं होता है. उस शख्स ने कहा, ‘जब हमने कहा कि हम जा रहे हैं मुख्यमंत्री से शिकायत करने, तो वहां के अधिकारियों और कर्मियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के यहां जाओ या प्रधानमंत्री के यहां चले जाओ, कुछ नहीं होने वाला.’ 

इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुये राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को कहा,‘देखिए यह क्या हो रहा है. भूमि विवाद और अफसरों की लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अधिकांश मामले स्थानीय थाना और अंचल के हैं. जनता दरबार में यह बात सामने आई कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में पारित आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. इस बात की जानकारी मिल रही है कि अंचल अधिकारी और अन्य अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.’ 

सीएम ने कहा कि भूदान की जमीन को लेकर साल 2018 में ही पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई. उन्होंने कहा कि कमिटी ने अब तक क्या किया, कितना काम हुआ, इसकी समीक्षा करीये. 

पश्चिम चंपारण जिले की बिमला भारती ने शिकायत की, कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज मामले में नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं करने तथा अधिकारी द्वारा उसको संरक्षण देने और उसे केस वापस लेने के लिए डराया धमकाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने इस पर अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिये. 

औरंगाबाद के नवीनगर के श्याम बिहारी तिवारी ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा ,‘मेरे पूर्वजों ने विद्यालय के निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि दी थी, उस पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जबकि कुछ लोगों ने उस पर मकान बना लिया है.’ तिवारी ने उक्त जमीन को खाली कराकर उस पर स्कूल का निर्माण कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर इस पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. 

एक बुजुर्ग फरियादी ने मुख्यमंत्री से कहा,‘मैंने अपनी पत्नी के नाम पर एक कट्ठा जमीन ली थी. उसमें से थोड़ी सी जमीन भू.अर्जन में चला गई. मैंने भू.अर्जन अधिकारी से शिकायत की, कि मेरी जमीन का मुझे पैसा मिलना चाहिए. भू.अर्जन पदाधिकारी ने मेरी शिकायत नहीं सुनी. इसके बाद मैंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत की. लोक शिकायत से आदेश हुआ कि मेरा भुगतान किया जाय लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं किया गया.’ बुजुर्ग की शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उचित कार्रवाई के निेर्देश दिये. 

 

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