कर्ज लेकर किया पिता का इलाज

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कर्ज लेकर किया पिता का इलाज

आलोक कुमार 
मुजफ्फरपुर.कोरोना से संक्रमित होने पर हेनरी सेराफिम को परिजन प्रसाद हॉस्पिटल ब्रहमपुरा में भर्ती कराएं.उन्होंने उक्त हॉस्पिटल में  25 अप्रैल 2021को दम तोड़ दिया.तब हेनरी सेराफिम के परिजन मृत्यु के 88 वां दिन यानी 22 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री आपदा/राहत कोष से कोरोना संक्रमण से मृत्यु के पश्चात आश्रित को मिलने वाली सहायता राशि रू.4 लाख के प्रावधान के आलोक में चार विभागों में जाकर आवेदन दिए.जो परिजनों को फंसाना साबित होने लगा है.संक्रमण से मृत्यु होने वाले की पुत्री अंजू हेनरी ने प्रावधान राशि को दिलवाने में अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ से सहयोग मांगा है. 

संक्रमण से मृत्यु होने वाले की पुत्री अंजू हेनरी ने कहा कि हमलोग गान्धी नगर,गोबरसही, पो. खबड़ा,थाना-सदर मुजफ्फरपुर का रहने वाले हैं.पिता जी हेनरी सेराफिम कोरोना से संक्रमित हो गये थे.तब उनको प्रसाद हॉस्पिटल,ब्रहमपुरा, मुज़फ्फ़रपुर में भर्ती कराया गया.इलाज के दौरान 25 अप्रैल 2021को दम तोड़ दिए. 

उन्होंने कहा कि बिहार में मृत्यु के उपरान्त मुख्यमंत्री आपदा/राहत कोष से कोरोना संक्रमण से मृत्यु के पश्चात आश्रित को सहायता राशि रू.4 लाख निर्गत करने का प्रावधान है.इस सहायता रकम की प्राप्ति के लिये  मुजफ्फरपुर के सम्बन्धित चार विभागों में दिनांक 22 जुलाई 2021को आवेदन दिया गया.यह आवेदन अंचलाधिकारी, मुसहरी अंचल  मुजफ्फरपुर,असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी IDSP CELL मुजफ्फरपुर तथा ए.डी.एम. आपदा,मुजफ्फरपुर को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ दिया गया. 

मजे की बात है कि उक्त आवेदन पर कार्यवाही पर जिला उप विकास आयुक्त (डीडीसी) मुजफ्फरपुर का कहना है कि प्रसाद हॉस्पिटल द्वारा मृतक का पोर्टल नहीं भेजा गया है.अत: अनुदान की राशि नहीं मिलेगी.इसके लिये उप विकास आयुक्त के द्वारा आवेदक अंजू हेनरी से कहा गया है कि आप प्रसाद हॉस्पिटल में जाकर वहां से पोर्टल भिजवाएं.विभाग और हॉस्पिटल की मैराथन दौर लगाने वाली अंजू हेनरी से प्रसाद हॉस्पिटल का प्रबंधक का कहना है कि दिनांक 29 मई 2021 को 152 मृतकों का पोर्टल विभाग को भेज दिया गया है.जिसमें मृतक हेनरी सेराफिम का नाम तीसरे नम्बर पर दर्ज है. 

बिहार सरकार के विभागों में बापू जी का तीन बंदर बैठे खास लोगों को आम लोगों को परेशान करने में मजा आता है.प्रेषित पोर्टल को खंगालने के बदले डीडीसी का कहना है कि विभागीय कार्यालय को  पोर्टल नहीं मिला है.जब अंजू ने हिम्मत करके डीडीसी से ही कह दी कि महोदय स्वयं ही हॉस्पिटल से पोर्टल मँगवा लेते.तो उन्होंने तपाक से आवेदक को ही पोर्टल की प्रतिलिपि लाने के लिये कह दिए.इस संदर्भ में प्रसाद हॉस्पिटल का कहना है कि यह पोर्टल सीक्रेट होता है.अत: आवेदक को पोर्टल नहीं दे सकते हैं.इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री की घोषणा को डीडीसी हवा में उड़ाने पर अमादा हैं. 


सरकार के द्वारा कोविड से मृत्यु प्राप्त व्यक्ति के आश्रित को मिलने वाली चार लाख की सहायता राशि प्राप्त करवाने में मुजफ्फरपुर जिले के सम्बन्धित विभाग उदासीनता व असहयोग रूख अपना रही है.परिवार के सदस्य के द्वारा आवेदन देने के बाद भी सम्बन्धित विभाग द्वारा सुनवाई नहीं होने पर इस सन्दर्भ में अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के महा सचिव एस.के.लॉरेंस से सहयोग मांगा गया.अत: महा सचिव ने तुरंत मुख्य मंत्री,बिहार सरकार तथा डी.एम. मुजफ्फरपुर को पत्र लिखकर अनुदान की राशि को दिलवाने में सहयोग करने की अपील की.उसी दिन मुख्य मंत्री के विभाग से डी.एम. मुजफ्फरपुर को कार्यवाही करने के लिए पत्र भेजा गया.उम्मीद की जा रही है कि  इस पर सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी.अत: भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि प्रस्तुत की जा रही है. 

बताया जाता है कि आवेदक अंजू हेनरी अस्वस्थ हैं.और तो और आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं, फिलवक्त आमदनी का कोई साधन भी  नहीं है.माता जी का स्वर्गवास हो चुकने के कारण बेदम परिवार पिता जी का इलाज कर्ज लेकर किया गया. इस नि:सहाय हेनरी परिवार को प्रसाद हॉस्पिटल तथा डीडीसी मझधार में डाल दिये हैं.इन दोनों के द्वारा उचित सहयोग नहीं किया जा रहा है.अब सीएम पर ही आसरा है.ऐसा आवेदक अंजू हेनरी का कहना है.परेशान तथा निराशा से गुजरने वाली अंजू पर विशेष ध्यान देकर जल्द से जल्द  कोविड- 19 से सम्बन्धित चार लाख सहायता की राशि का भुगतान कराने में सहयोग करें. 

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