बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया नीतीश ने

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बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया नीतीश ने

आलोक कुमार 
पटना.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लेने के साथ इस नदी के किनारे अवस्थित अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. 

बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लिया.इस दौरान उन्होंने गंगा के दक्षिणी छोर के दीघा घाट, भद्रघाट, कंगन घाट एवं गांधी घाट का जायजा लिया.पटना मुख्य नहर के दीघा लॉक तथा एलसीटी घाट पर सुरक्षा दीवार का जायजा लिया. जेपी सेतु पर रुककर गंगा की धारा का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंत्री ने जेपी सेतु होते हुए सोनपुर एवं हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया.उन्होंने महात्मा गांधी सेतु पर रुककर गंगा नदी की धारा एवं जलस्तर का जायजा लिया. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज हमने गंगा नदी के आसपास के कई इलाकों का दौरा कर अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति को देखा है.2016 में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों में बाढ़ के पानी से जो असर हुआ था, उसे ध्यान में रखते हुए इस बार पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है. 

मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से निरीक्षण करने के उपरांत गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण दीघा से मोकामा तक, राघोपुर, बख्तियारपुर, पंडारक, बाढ़ से सटे दियारा इलाकों, मोकामा के टाल इलाकों, समस्तीपुर के मोहद्दीनगर, बेगूसराय के बछवाड़ा एवं अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. 

हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने यहां यहां संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.उस बैठक में संबद्ध 12 जिलों- बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिले के जिलाधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े. 

बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने नदियों के जलस्तर की अद्यतन स्थिति की जानकारी, रोकथाम के उपायों, राहत एवं बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य प्रत्यय अमृत ने आपदा राहत कार्यों की विस्तृत जानकारी दी. 

बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिले के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में गंगा नदी के जलस्तर की स्थिति, प्रभावित जनसंख्या की स्थिति, कम्युनिटी किचेन, बाढ़ राहत शिविर, पशु राहत शिविर तथा बाढ़ से बचाव एवं किये जा रहे राहत कार्यों की जानकारी दी. 

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और जैसी कि सूचना है, अभी और बढ़ने की संभावना है.इसे देखते हुये सभी जिलाधिकारी पूरी तरह सदैव सतर्क रहें. प्रभावित लोगों से सम्पर्क बनाये रखें और पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी की सहायता करें. जल संसाधन विभाग लगातार तटबंधों एवं नदियों के जलस्तर की निगरानी करते रहें एवं इसमें स्थानीय लोगों की भी सहायता लें.’’ 

उन्होंने निर्देश दिया, ‘‘ पशु राहत शिविर में पशुओं के चारे की पूरी व्यवस्था रखें. विस्थापित लोगों को राहत शिविरों में मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सारी सुविधायें उपलब्ध करायें. बाढ़ राहत शिविर में जन्म लेने वाली बच्ची को 15 हजार रूपये तथा बच्चे को 10 हजार रूपये की राशि देने का पूर्व से ही जो प्रावधान किया गया है इसे लाभार्थियों को तत्काल उपलब्ध करायें.’’ 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ बाढ़ के दौरान जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुयी हैं, जलनिकासी के बाद तुरंत उसकी मरम्मति कार्य करायें. पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग अपने अभियंताओं से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के पथों की स्थिति का प्रतिदिन अपडेट लें.कृषि विभाग तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिलाधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में रहें.’’ 

बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं चंचल कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव एन0 विजयलक्ष्मी, कृषि विभाग के सचिव एन0 सरवन कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं 12 जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक जुड़े हुये थे. 

इससे पूर्व सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा नदी के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लेने के बाद पटना के गांधी घाट पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि गंगा के जलस्तर में वृद्घि हो रही है, इसमें और बढोतरी की संभावना जताई गई है.मंगलवार को गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर हमने बैठक की थी.उस बैठक में जलस्तर को लेकर पूरी जानकारी दी गई.आज हमने गंगा नदी के आसपास के कई इलाकों का दौरा कर अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति को देखा है. 

पत्रकारों से बात करते हुए कुमार ने कहा,‘‘ वर्ष 2016 में जब गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी, उस दौरान गंगा नदी के किनारे वाले 12 जिलों में बाढ़ से बचाव को लेकर पूरी तैयारी की गई थी.हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वर्ष 2016 में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों में बाढ़ के पानी से जो असर हुआ था, उसे ध्यान में रखते हुए इस बार भी पूरी तैयारी रखें.’’ 

केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी का जल॑स्तर पटना जिले के दीघाघाट में बुधवार को प्रातः आठ बजे खतरे के निशान से 73 संटीमीटर ऊपर था.इसके जलस्तर में कल प्रातः आठ बजे तक 24 सेंटीमीटर वृद्धि होने की सम्भावना है. 

पटना जिले के गाँघीघाट में गंगा नदी का जलस्तर आज प्रातः छह बजे खतरे के निशान से 125 सेंटीमीटर ऊपर था. इसके जलस्तर में कल प्रातः आठ बजे तक 17 सेंटीमीटर वृद्धि होने की सम्भावना है. पटना जिले के हाथीदह में गंगा नदी का जलस्तर आज प्रातः छह बजे खतरे के निशान से 144 सेंटीमीटर ऊपर था.इसके जलस्तर में कल प्रातः आठ बजे तक 16 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संम्भावना है. 

बिहार के बक्सर जिले में बुधवार को गंगा नदी का जलस्तर आज प्रातः छह बजे खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर था.इसके जलस्तर में कल दोपहर 12 बजे तक 18 सेंटीमीटर वृद्धि होने की सम्भावना है. 
जिलाधिकारी पटना द्वारा गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण पटना सुरक्षा दीवाल का निरीक्षण किया गया तथा गोसाईंटोला के प्रभावित परिवारों का हालचाल लिया गया.उनके लिए सामुदायिक रसोई शुरू की गई और पॉलिथीन शीट का वितरण किया गया. पशु चारा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया. 

गंगा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण दीघा लॉक पर गेट बंद कर दिया गया है.8 मोटर पंप से पटना नहर की जल निकासी की जा रही है . जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण कर सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया गया.

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