फज़ल इमाम मल्लिक
बिहार में एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. भाजपा और जदयू ने फिर से तलवारें म्यानों से बाहर निकाल ली है. इसकी आंच सरकार तक भी पहुंच रही है. पिछले कुछ महीने से तनातनी चल रही थी. तीन तलाक, धारा 370 और एनसीआर के मुद्दे पर दोनों दलों में एकराय नहीं है. तीन तलाक और धारा 370 पर सरकार का विरोध करने वाली नीतीश कुमार की पार्टी ने यों तो सदन में बहस में हिस्सा लिया. सदन में इसका विरोध किया लेकिन वोटिंग के वक्त सदन से वाकआउट कर भाजपा का परोक्ष रूप से साथ ही दिया. इसके लिए विपक्षी दलों खास कर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और राजद ने नीतीश कुमार के रुख की कड़ी आलोचना की थी. अब दोनों दलों के बीच विरोध के स्वर फिर सुनाई दे रहे हैं.
बिहार की सत्ता परा बैठे एनडीए गठबंधन के दोनों प्रमुख दलों के बीच जबानी जंग उफान पर है. वाक युद्ध के बीच ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान के बयान ने आग में फिर घी का काम किया. संजय पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि वे सत्ता छोड़ दें और भाजपा को बिहार की सरकार की अगुआई करने दें. उनका कहना है कि नीतीश कुमार को सत्ता अब सुशील मोदी के हवाले कर देनी चाहिए. जाहिर है कि इस बयान ने सूबे की सियासत में तूफान खड़ा कर डाला है. यों इससे पहले भी तीन तलाक से लेकर धारा 370 पर कई बार भाजपा और जदयू के नेता आपस में भिड चुके हैं. लेकिन यह पहली बार है जब किसी भाजपा नेता ने सीधे तौर पर यह कहा है की सत्ता सुशील मोदी को सौंप देनी चाहिए. इससे साफ़ है की भाजपा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है. अब भाजपा किसी कीमत पर बिहार की राजनीति में छोटे भाई की हैसियत में नहीं रहना चाहता.
हालांकि विधान सभा चुनाव होने में अभी देर है लेकिन उससे पहले संजय पासवान के बयान से एनडीए में घमासान है. संजय पासवान ने यह भी कहा की उन्होंने कहा कि सुशील मोदी बिहार में ही रहें और नीतीश कुमार को दिल्ली चले जाना चाहिए. अगले साल होने वाले जाहिर है कि विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में भाजपा ने नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी है. संजय पासवान ने नीतीश कुमार को सीधी सलाह दी-अब बिहार की राजनीति छोड़ दें. बिहार भाजपा चला लेगी, नीतीश केंद्र की राजनीति करें.
संजय पासवान ने नीतीश मॉडल फेल होने की बात कह कर मुख्यमंत्री के सुशासन पर सवाल खड़ा किया लेकिन इसके साथ ही उन्होंने खुद अपनी पार्टी पर भी सवाल खड़ा कर डाला है क्योंकि नीतीश अगर फेल हुए हैं तो भाजपा भी फेल हुई है. क्योंकि करीब पंद्रह साल के नीतीश कुमार के कार्यकाल के साझीदार भाजपा भी रही है इसलिए नाकामी के दाग जितने नीतीश कुमार के दामन पर हैं, उससे कम भाजपा के दामन पर नहीं हैं. नीतीश कुमार का मॉडल फेल होने का मतलब साफ है कि भाजपा-जदयू की सरकार बिहार में फेल है. संजय पासवान के बयान ने भाजपा की परेशानी भी बढ़ा दी है.
वैसं संजय पासवान ने कहा कि बिहार में अब नरेंद्र मोदी मॉडल चलेगा. नीतीश मॉडल बीते दिनों की बात हो गई है. वैसे भी नीतीश कुमार को बिहार में राज करते पंद्रह साल हो गए. अब उन्हें नए लीडरशिप के हाथों में बिहार सौंप देना चाहिए ताकि बिहार का और विकास हो सके. संजय पासवान ने कहा कि बिहार का विकास भाजपा शासन से ही संभव है. नीतीश कुमार पर भाजपा का चौतरफा हमला शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ाने वाला बयान दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में घुसपैठिए हैं और यहां भी एनआरसी बनाना चाहिए. यह नीतीश कुमार के उस दावे पर हमला था, जिसमें बार-बार यह कहा जाता रहा है कि बिहार में कोई घुसपैठिया नहीं है. इससे पहले मंत्री विनोद कुमार सिंह ने भी एनआरसी को लेकर लगातार बयान दिए हैं.
जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने संजय पासवान के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि नीतीश कुमार को किसी की नसीहत की जरूरत नहीं है. संजय पासवान जैसे नेता हैसियत में रहें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दिए गए भाजपा एमएलसी का बयान जेडीयू को रास नहीं आया. जेडीयू ने संजय पासवान के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए पलटवार किया. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक ने कहा कि नीतीश कुमार का कद इतना बड़ा है कि उनके बारे में बयान देने का सबको अधिकार नहीं हो सकता. श्याम रजक ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद इस बात की बिहार आकर चर्चा कर चुके हैं कि 2020 का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.
संजय पासवान के नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति छोड़कर केंद्र का रुख कर लेने के बयान पर रालोसपा और राजद ने नीतीश कुमार पर तंज कसा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनके अंदर माद्दा है तो वे भाजपा नेताओं की बात का खंडन करके दिखाएं. तेजस्वी ने पूछा है कि क्या यह सच नहीं है कि उन्होंने अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किए बिना ही लोकसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के घोषणापत्र पर ही सोलह सांसद के साथ लोकसभा पहुंचे गए.
दूसरी तरफ रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवहा ने कहा कि भाजपा के रुख से साफ है कि नीतीश कुमार अब उनके लिए बोझ बन गए हैं और अब वह उनसे पीछा छुड़ाने में लगी है. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र सामने आया है खास कर तीन तलाक और धारा 370 पर परोक्ष रूप से भाजपा का समर्थन कर नीतीश ने अपना रुख साफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा और नीतीश कुमार दोनों सरकार में साझीदार हैं इसलिए नीतीश मॉडल के फेल होने का मतलब भाजपा का मॉडल का फेल होना भी है. सरकार के जाने का समय आ गया है, इसका अहसास भाजपा को भी हो गया है इसलिए अब वह नीतीश कुमार पर हमला कर उनसे दूरी बना रही है. लेकिन बिहार को बर्बाद करने का दाग तो भाजपा पर भी लगा है, उसे बयानों से नहीं धोया जा सकता है.
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