दानापुर की विधायिका को बदलने की मांग

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

दानापुर की विधायिका को बदलने की मांग

आलोक कुमार
पटना.दीघा और दानापुर के बीजेपी विधायक संकट में हैं.हाल यह है कि यू ट्यूब पर न्यूज प्रेषित करने वाले दर्जनों कथित पत्रकार मुहिम चला रखे हैं. इस चुनाव में सिटिंग विधायक की पौल खोल रहे हैं.माननीय के द्वारा पांच साल के अंदर विकास का काम नहीं किये जनता की नजर में फेल हैं.वही हाल दानापुर की विधायिका आशा सिन्हा का भी है.अब तो नया उम्मीदवार देने की मांग करने लगे है.
 

बता दें कि जदयू और भाजपा की कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन्हें दोनों ही दल आखिरी दम तक अपने हिस्से में रखना चाहेंगे. इसमें पटना की दीघा सीट भी है. 2009 में परिसीमन के बाद पहली बार हुए 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू को दीघा विधानसभा की सीट मिली थी.यहां से पूनम देवी जदयू के टिकट पर विजयी हुई. 2015 में इस सीट पर भाजपा और जदयू का सीधा मुकाबला हुआ, जिसमें जीत भाजपा को मिली.डॉ.संजीव चौरसिया ने जदयू के जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद को पराजित किया था. इस तरह  2009 में परिसीमन के बाद दीघा सीट जदयू के पास रहने से दीघा विधानसभा की सीट जदयू के हिस्से में जाने की उम्मीद है. इसके कारण सिटिंग विधायक के विरूद्ध कार्यकर्ता सड़क पर नहीं आ रहे हैं.


प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता सिटिंग विधायक से मोहभंग करके राजद में शामिल हो रहे हैं.इस बात की जानकारी राजद नेता पप्पू राय ने दी है.राजद की संभावित प्रत्याशी सुनीता देवी हैं. जो 1995 से 2010 तक जिला में उपाध्यक्ष रहे. 2010 से 2019 तक प्रदेश महासचिव रहे.2019 से सक्रीय कार्यकर्ता रहे.राजद में आने वाले कार्यकर्ताओं का जोरदार स्वागत करती हैं.


यह विडम्बना है कि आजतक दानापुर की विधायिका आशा सिन्हा को लगातार तीन बार चुनाव जिताने वाले कार्यकर्ताओं ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें विरोध का सामना तो करना पड़ ही रहा था.अब तो कार्यकर्त्ता पार्टी दफ्तर पहुँच कर उम्मीदवार बदलने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे हैं.आशा सिन्हा तीन बार से दानापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं.लेकिन विधायक के खिलाफ इस बार भारी नाराजगी है.नाराजगी ऐसी है कि अब बीजेपी कार्यकर्ता ही सड़कों पर उतर कर विरोध जता रहे हैं.सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी का झंडा लेकर सगुना मोड़ पर विधायक आशा सिन्हा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.उन पर क्षेत्र का विकास नहीं करने का आरोप लगाया.कार्यकर्ताओं की मांग थी कि इस बार पार्टी का उम्मीदवार बदला जाए.स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि अगर पार्टी आशा सिन्हा को टिकट  नहीं दे बल्कि किसी दूसरे योग्य उम्मीदवार को मैदान में उतारे.अगर बीजेपी ऐसा नहीं करती है तो हमलोग उम्मीदवार उतारेंगे.गौरतलब है कोरोना काल में जनता के बीच नहीं जानेवाले सभी विधायक लोगों के निशाने पर हैं.उनका हर जगह विरोध हो रहा है.लेकिन आशा सिन्हा की समस्या ये है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्त्ता भी उनकी जगह किसी दूसरे को उम्मीदवार बनाने की मांग कर रहे हैं. आशा सिन्हा इसे विरोधियों की साजिश बता रही हैं.सगुना मोड़ पर इकट्ठा हुए बीजेपी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विधायक आशा सिन्हा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन पर क्षेत्र का विकास नहीं करने का आरोप लगाया.बीजेपी कार्यकर्ताओं की मांग है कि दानापुर से इस बार पार्टी का उम्मीदवार बदला जाए.स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि अगर पार्टी आशा सिन्हा को टिकट देती है तो ऐसे में वह अपने ही बीते किसी योग्य उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे.

नेता और कार्यकर्ता से लेकर ग्रामीण इन दिनों बिहार में मोर्चा खोल दिया हैं. विधानसभा चुनाव से पहले जनता से दूर रहने वाले ये कई दलों के विधायक अब ग्रामीणों के बीच जा रहे हैं.लेकिन पहले से नाराज ग्रामीणों को अब मौका मिल गया है. ऐसे में विधायकों को गांव से भगाने से लेकर दौड़ा रहे हैं. सैकड़ों लोगों के बीच इन दिनों कई दलों के विधायकों को लोग सवाल जवाब कर रहे और उनसे पांच सालों का हिसाब मांग रहे हैं.
 
राजद के संभावित प्रत्याशी होने का दावा करके इंजीनियर प्रेम किशोर,केडी यादव,सुजीत सिंह परमार,राम अवधेश सिंह यादव और करिश्मा यादव जनसम्पर्क अभियान चला रहे हैं. दानापुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष सह राजद नेता राजकिशोर यादव ने राजनीतिक जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा था.पायदान-दर-पायदान आगे बढ़ते रहे थे. शहर में गरीबों के बीच उनकी अलग पहचान थी.मगर नगर परिषद का यह किंग मेकर कोरोना के सामने हार गया.उनके पुत्र  इंजीनियर प्रेम किशोर मैदान मारने को बेताब हैं।दानापुर नगर परिषद के अध्यक्ष दीपक कुमार मेहता भी चुनावी दंगल फतह करने का प्रयास कर रहे हैं.

इसके साथ ही करिश्मा यादव दानापुर में जोरशोर से चुनाव प्रचार करने में काफी गर्मजोशी दिखा रही हैं.वहीं राजद परिवार के नज़दीक रहने वाले बाहुबली विधान पार्षद रीतलाल यादव को झटका लगा है.अब बाहुबली ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपने क्षेत्र में चुनाव की तैयारी में लग भीड़ गए हैं. दानापुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक रहे है .


विवेक यादव आदर देते हुए कहते हैं कि मैडम जी कभी चित्रकूट नगर भी चले आएं.इसके बाद डीएवी  दुखन राम स्कूल के पास. वहां भी जाकर देखे, क्या हाल है सड़क का और नाले का ?15 साल में आपने किया क्या है मैडम जी?  जरा पांच काम तो बता दीजिए.आप जहां रहते हो शिवाला पास वहां सड़क नहीं है कितनी तकलीफ से हो रही है जनता को क्या बताएं? हम आपको आपको दानापुर की जनता कभी माफ नहीं करेगी. 2020 का चुनाव बहुत निकट आ चुका है.मैडम कुर्सी पर से उठा कर आप को भगा दिया जाएगा. सारा जनता ने मन बना लिया है.         रोयल ऋषम ने मैडम जी से कहा कि वार्ड नं.21 के पंचशील नगर में कब रोड और नाल बनेगा? कम से कम नाला का निर्माण करवा दीजिये.मोहन कुमार ने कहा कि 15 साल जनता के ठगने के लिए बहुत है.   सुधीर कुमार ने भविष्यवाणी कर दी कि आप की हार निश्चित हैं.
चार दिनों से जनसम्पर्क में है आशा सिन्हा.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :