समाज को तोड़ने वाला प्रस्ताव मंजूर नहीं

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समाज को तोड़ने वाला प्रस्ताव मंजूर नहीं

आलोक कुमार 

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में कानून का राज स्थापित किया है तथा उनकी क्राइम (अपराध), करप्शन (भ्रष्टाचार) और कम्युनलिज्म (सांप्रदायिकता) के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है.इसमें किसी तरह की समझौता नहीं करेंगे.बड़े भाई से छोटे भाई की भूमिका में आते ही बड़े भाई भाजपा के मंत्री ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांगकर सीएम नीतीश कुमार को मझधार में डाल दिया है.अब वास्तव में कम्युनलिज्म के विरूद्ध व संविधान के अनुरूप चलने वालों बहुत कुछ होने लगा है.

इस संदर्भ में अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) का मानना है कि भाजपा हिंदू महिलाओं के संविधान प्रदत अधिकारों को खत्म करना चाहती है.कई भाजपा शासित राज्यों ने घोषणा किया है कि वे "लव जिहाद" के खिलाफ कानून बनाएंगे.केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी बिहार में ऐसे कानून की मांग की है. 

ऐपवा ऐसे किसी भी कानून का विरोध करता है क्योंकि ऐसा कानून हिन्दू महिलाओं की आज़ादी पर, जीवन के फैसले खुद लेने के उनके संवैधानिक अधिकार पर करारा हमला है. ऐसे कानून की अम्बेडकर के संविधान को मानने वाले भारत में कोई जगह नहीं है.अभी तक देश और कई राज्यों के पुलिस तंत्र, जांच एजेंसी, और अदालतों ने कहा है कि "लव जिहाद" नाम का कोई प्रकरण है ही नहीं. इसका कोई सबूत नहीं है कि मुस्लिम नौजवान हिन्दू महिलाओं का प्रेम के बहाने धर्म परिवर्तन की साजिश रच रहे हैं. सच तो यह है कि भारत का युवा वर्ग, जाति और धर्म के बंधन को तोड़कर प्रेम कर रहे हैं - और यह स्वागत योग्य है, देश हित में है. भाजपा के अनुसार, हिन्दू महिला किसी मुस्लिम पुरुष से प्रेम करे, तो इसे लव जिहाद माना जाएगा और इस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी. कुल मिलाकर प्रेम के खिलाफ पितृसत्तात्मक हिंसा यानी ऑनर क्राइम को कानूनी हथियार सौंपा जा रहा है. 

डॉ अम्बेडकर ने मनुवादी पितृसत्ता की ताकतों का मुकाबला करते हुए, हिन्दू कोड बिल पारित किया था जिसमें हिन्दू महिलाओं की बराबरी और आजादी के कई पहलू थे. दहेज और सती प्रथा के खिलाफ लंबी लड़ाई के बाद कानून बने. इन कानूनों को कमजोर करने और हिंदू महिलाओं के  संविधान प्रदत अधिकारों को छीन लेने की भाजपाई साजिश है लव जिहाद के खिलाफ कानून.  इसलिए आज हिन्दू लड़कियों और महिलाओं को मुस्लिम युवकों से नहीं बल्कि हिन्दुओं के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा से खतरा है. इतिहास गवाह है कि किसी भी धर्म के नाम पर देश चलाने वाली ताकतें महिलाओं के अधिकारों की दुश्मन होती हैं. 


लव कभी जिहाद या युद्ध नहीं हो सकता. निकिता तोमर को मुस्लिम नौजवान ने स्टॉक किया और उसकी हत्या की - पर यह "लव जिहाद" नहीं था क्योंकि निकिता को उस नौजवान से प्रेम यानी लव नहीं था. स्टॉकिंग और हत्या तो प्रियदर्शिनी मट्टू की संतोष सिंह ने भी किया. उसी तरह बिहार की गुलनाज़ की हत्या कुछ हिंदू नौजवानों ने किया - यह भी पितृसत्तात्मक हिंसा है, "प्रेम युद्ध" नहीं. 

किसी भी वयस्क नागरिक को अधिकार है कि वह किसी भी धर्म को अपने निजी विवेक के अनुसार अपनाए और प्यार और शादी के मामले में निर्णय खुद ले. वैसे शादी के लिए धर्म परिवर्तन अक्सर इसलिए होता है कि स्पेशल मैरेज ऐक्ट में विवाह के लिए एक महीने की नोटिस देनी पड़ती है जिसके चलते ऐसी शादियों के खिलाफ हिंसा का डर रहता है. इसी हिंसा से बचने के लिए लोग धर्म परिवर्तन करते हैं. ऐपवा की मांग है कि स्पेशल मैरेज ऐक्ट के प्रावधान को बदला जाये और एक महीने के वेटिंग पीरियड को खत्म किया जाए. 

देश की महिलाओं से और युवा लोगों से ऐपवा की अपील है कि अपनी आज़ादी और स्वायत्तता बचाने के लिए उठ खड़े हों. जहां "हेट" यानी नफ़रत के खिलाफ बेहतर कानून और कार्यवाही चाहिए वहां भाजपा लव यानी प्यार के खिलाफ कानून बनाना चाहती है!भाजपा की इस साजिश को नाकाम करें.  

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा है कि योगी सरकार के यूपी में लव जिहाद कानून के बाद अब बिहार के मंत्री ने इसे बिहार में लागू करने की मांग कर दी है . केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार  को समर्थन किया.गिरिराज सिंह ने दावा किया कि यह विषय देश के राज्यों में परेशानी का सबब बन गया है.


गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार सरकार से अनुरोध किया कि वह लव जिहाद पर कानून बनाएं.गिरिराज ने कहा कि लव जिहाद और जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों का सांप्रदायिकता से कोई सरोकार नहीं है बल्कि ये तो सामाजिक समरसता के विषय हैं.गिरिराज सिंह ने कहा कि इस समस्या को जड़ से समाप्त करना होगा और यदि बिहार में लव जिहाद को रोकने के लिए कानून लाया जाए तो अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को समझना चाहिए कि लव जिहाद को रोकना और जनसंख्या नियंत्रण का संबंध सामाजिक समरसता से है ना कि यह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना है.

वहीं गिरिराज के लव जिहाद पर कानून पर जेडीयू ने कहा-‘हमारा विश्वास सद्भाव में है.’ जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं.कोई सरकार क्या फैसला ले रही है, यह उनका मामला है.लव जिहाद पर हमारी सरकार को निर्णय लेना है.संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने कभी भी दबाव की राजनीति नहीं की है.उन्होंने कहा कि समाज को तोड़ने वाला कोई भी प्रस्ताव आएगा तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.

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