अंबरीश कुमार
यह फोटो देख रहे हैं .यह टिकैत की रैली थी वर्ष 1988 में बोट क्लब पर .जनसत्ता से मैं इसे कवर कर रहा था .टिकैत से दो तीन बार बात हुई और किसान नेताओं से भी .मैंने जनसत्ता में लिखा था पांच लाख से ज्यादा किसान इस रैली में आये .और हेडिंग थी -धरना में बदल सकती है टिकैत की रैली ,हेडिंग दी थी कुमार आनंद ने .कई दिन तक जनसत्ता के पहले पेज पर किसान आंदोलन की खबरे छपी जबकि दूसरे अखबारों में भीतर चली गई थी .जनसत्ता ने किसान आन्दोलन के लिए तब दोपहर का एक अलग अख़बार ही निकाल दिया था .यह दृष्टि थी अपने संपादक प्रभाष जोशी और स्थानीय संपादक बनवारी की .खैर तब किसी ने इस रैली को रोकने का प्रयास भी नही किया था .यह याद रखना चाहिए .और इस रैली को भी याद रखना चाहिए .
फोटो साभार सोशल मीडियाCopyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments