पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार से जवाब मांगा

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार से जवाब मांगा

आलोक कुमार

पटना.बिहार में सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं. हाल ही केंद्र सरकार ने भी इस मामले में बिहार को पहले स्थान पर रखा था. देश भर में सबसे ज्यादा बिहार की शिक्षा व्यवस्था ख़राब है, यह केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है. गुरूवार को शिक्षकों की बहाली को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में नीतीश सरकार से जवाब मांगा है.

गुरूवार को पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में यह बात निकल कर सामने आई कि बिहार के सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में लगभग 34 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. जिसको लेकर नीतीश सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जवाब मांगा गया है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 8 जनवरी 2021 को होगी.


आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति सबसे बदतर हो गई है. बिहार के सरकारी स्कूलों में देश भर की तुलना में शिक्षकों की सबसे अधिक सीटें खाली हैं. केन्द्र सरकार की ओर से जारी रिक्तियों के अनुसार पूरे देश मे 10 लाख 60 हजार 139 शिक्षकों के पद खाली हैं, जिसमें सर्वाधिक बिहार में 2 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये जानकारी खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में सांसद धर्मवीर सिंह द्वारा अतारांकित प्रश्न के जबाव में दिया था कि बिहार राज्य में शिक्षकों के कुल स्वीकृत 6,88,157 पद के विरुद्ध 2 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं. लेकिन आपको बता दें कि बिहार सरकार की ओर से सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में 94 हजार शिक्षकों का नियोजन होना है. इसकी प्रक्रिया चल रही है. बिहार के प्रारंभिक से लेकर प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 1.24 लाख पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. 


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि  बिहार में शिक्षकों के कुल स्वीकृत 6,88,157 पदों के विरुद्ध 2,75,255 पद रिक्त है लेकिन फिर भी  सरकार नियुक्ति नहीं कर रही है.पटना हाईकोर्ट ने नियुक्ति संबंधित जवाब माँगा है.जब तक युवाओं की नौकरी नहीं मिल जाती ना चैन से बैठेंगे और ना सरकार को बैठने देंगे.




बता दे कि गत वर्ष राज्य ने घोषणा की थी कि प्रारंभिक विद्यालयों में करीब एक लाख पदों पर शिक्षकों के नियोजन के लिए आवेदन 18 सितम्बर से लिए जायेंगे. सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से पांच (प्राथमिक) अथवा कक्षा छह से आठ (मध्य विद्यालय) में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले अभ्यर्थी 17 अक्तूबर तक आवेदन जमा कर सकते हैं.


नियोजन के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक मेधा सूची की तैयारी 18 अक्तूबर से 4 नवम्बर तक, और इसका नियोजन समिति द्वारा अनुमोदन 10 नवम्बर तक होगा. 14 नवम्बर को मेधा सूची प्रकाशित की जाएगी और इसपर आपत्ति 15 से 29 नवम्बर तक की जा सकेगी.7 दिसम्बर को अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन होगा.

4 जनवरी को सार्वजनीकरण : जिला द्वारा पंचायत और प्रखंड की मेधा सूची के अनुमोदन के बाद नियोजन इकाइयों द्वारा इसका सार्वजनीकरण 4 जनवरी 2020 को होगा. 6 जनवरी से 13 जनवरी के बीच प्रमाण पत्रों का मिलान एवं चयन सूची बनेगी. 16 से 20 जनवरी तक नियोजन इकाइयां नियुक्ति पत्र बांटेंगी.



  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :