कितने असहाय बन गए हैं नीतीश कुमार

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

कितने असहाय बन गए हैं नीतीश कुमार

आलोक कुमार

पटना.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगभग भाजपा काे 'बड़का भइया' मान ही लिया है.इसके कारण उसी स्तर से ही सियासत करना शुरू कर दिये है.मुख्यमंत्री जी ने मंगलवार को साफ तौर पर कह ही दिये कि 'बड़का भइया' भारतीय जनता पार्टी की ओर से मंत्रिमंडल विस्तार के लिए पहल नहीं की जा रही है.अगर भइया को लगेगा तभी बातचीत होगी.अभी तक उनके पास से कोई प्रस्ताव नहीं आया है.इस तरह के कथन से सियासत में मायने खोजा जाने लगा है.

बहलहाल बता दें कि बीते 16 नवंबर को नीतीश कुमार समेत जदयू के 6, दोनों उप मुख्यमंत्रियों समेत भाजपा के 7 और हम-वीआईपी के 1-1 नेता ने मंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद से ही लगातार मंत्रिपरिषद के विस्तार की कयासबाजी हो रही है.आज एक माह गुजर रहा है.


मंत्रिपरिषद के विस्तार की तरह ही बिहार विधानसभा की समितियों को लेकर भी चर्चा की जा रही थी. आखिरकार पिछले कई दिनों से चल रही सस्पेंस को खत्म कर दी गई. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को समितियों  के गठन का एलान कर दिया. सिन्हा ने विधानसभा के 22 समितियों का एलान किया. इन समितियों में लोकलेखा समिति और प्राकलन समिति 31 मार्च, 2022 तक के लिए प्रभावी होंगी. जबकि अन्य सभी समितियां 31 मार्च, 2021 तक के लिए प्रभावी होंगी.



बिहार विधानसभा की समितियों में लोक लेखा- सुरेंद्र प्रसाद यादव- राजद, प्राक्कलन- नंद किशोर यादव- भाजपा,सरकारी उपक्रमों संबंधी-हरि नारायण सिंह- जदयू,याचिका-प्रेम कुमार-भाजपा,एससी एसटी कल्याण-जीतन राम मांझी-हम,आचार- राम नारायण मंडल-  भाजपा, जिला परिषद एवं पंचायती राज-नरेंद्र नारायण यादव-जदयू,राजकीय आश्वासन-दामोदर       रावत-जदयू,,बिहार विरासत विकास-भाई वीरेंद्र-राजद, प्रत्यायुक्त विधान-अजीत शर्मा- कांग्रेस,

निवेदन-विनोद नारायण झा-भाजपा,पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण-राम प्रवेश राय -भाजपा,महिला एवं बाल विकास-अरुणा देवी -भाजपा,कृषि उद्योग

विकास-कृष्ण कुमार ऋषि-भाजपा,प्रश्न एवं 

ध्यानाकर्षण- अमरेंद्र कुमार पांडेय- जदयू,गैर सरकारी विधेयक एवं संकल्प-तेज प्रताप यादव- राजद,

पुस्तकालय- सुदामा प्रसाद-माले,पर्यटन उद्योग संबंधी -अनिता देवी-राजद,आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय 

सहायता-शमीम अहमद- राजद,शून्य काल-चंद्रहास चौपाल- राजद,अल्पसंख्यक कल्याण-मो. अफाक आलक-कांग्रेस व आवास-शशि भूषण हजारी-जदयू को शामिल किया गया.


बिहार विधानसभा की समितियों में 11 पूर्व मंत्री  शामिल हैं .विधानसभा में समितियों में जिन नामों को लिया गया है, उससे यह तय हो गया है कि उन नेताओं को अगले मंत्रिमंडल के विस्तार में नहीं रखा जाएगा. भाजपा ने पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव, डॉ. प्रेम कुमार, रामनारायण मंडल, कृष्ण कुमार ऋषि, विनोद नारायण झा और राम प्रवेश राय को समितियों का सभापति बनाकर इनके लिए मंत्रिमंडल का दरवाजा बंद कर दिया है. अब इन नेताओं को अगले विस्तार में मंत्री नहीं बनाया जाएगा.वहीं, जदयू ने ऐसे 5 नेताओं- नरेंद्र नारायण यादव, हरिनारायण सिंह, दामोदर रावत, अमरेंद्र कुमार पांडे और शशि भूषण हजारी के लिए मंत्रिमंडल का दरवाजा बंद कर दिया है.


मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिलहाल भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बहुत जल्दी में नहीं है. इसलिए नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार रुका हुआ है. हालांकि भाजपा ने विधानसभा की समिति में अपने कई पूर्व वरिष्ठ मंत्रियों जैसे नंदकिशोर यादव या विनोद नारायण झा को अध्यक्ष बनाकर उनके मंत्री बनने की संभावना खत्म कर दी हैं. वहीं जनता दल यूनाइटेड ने भी अपने कुछ वरिष्ठ नेता जैसे नरेंद्र नारायण यादव और दामोदर रावत को भी विधानसभा समितियों में संयोजक बनाकर साफ कर दिया है कि अब वह नए लोगों को मौका देने वाले हैं.


बिहार में फिलहाल एनडीए विधायकों को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए इंतज़ार करना होगा.वर्तमान मंत्रियों को एक से अधिक विभागों का जिम्मा भी अगले एक महीने तक संभालना होगा. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार भारतीय जनता पार्टी  के कारण फिलहाल अटका हुआ है. यह कहना है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का.नीतीश कुमार ने मंगलवार को साफ कहा था कि जब भारतीय जनता पार्टी को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए लगेगा तभी बातचीत होगी. अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.सीएम नीतीश के बयान देने के बाद भाजपा भी इस मसले को लेकर सफाई दी है. पार्टी के प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और सबके साथ बैठकर तय कर लिया जाएगा. कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार है. इसमें मंत्रिमंडल विस्तार के पूर्व सभी दल के नेता बैठेंगे और सलाह मशविरा के बाद सबकुछ तय होगा.



मंगलवार को मुख्‍यमंत्री के इस बयान पर बिहार में सियासत गरमाती दिख रही है. राष्‍ट्रीय जनता दल व कांग्रेस ने सरकार में मुख्‍यमंत्री की हैसियत को लेकर तंज कसा है.आरजेडी ने सलाह दी है कि नीतीश कुमार अब तेजस्‍वी यादव का राजतिलक कर राष्‍ट्रीय राजनीति में चले जाएं.


आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्‍तार को लेकर दिए बयान पर कहा है कि बीजेपी नीतीश कुमार को घेरने में लग गई है.बीजेपी का मकसद नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड  को 43 से 13 सीटों पर लाना है.नीतीश कुमार को चेतावनी देते हुए उन्‍होंने कहा कि अभी भी समय है, वे तेजस्वी यादव का बिहार में राजतिलक कर खुद देश की राजनीति में चले जाएं.

वहीं राजद विधायक भाई बिरेंद्र ने कहा नीतीश कुमार को भाजपा फंसाना चाहती है.



मंत्रिमंडल विस्‍तार पर नीतीश कुमार के बयान पर कांग्रेस ने भी तंज कसा है.कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार अब असहाय प्राणी होकर रह गए हैं. मंत्रिमंडल विस्तार उनका विशेषाधिकार है, लेकिन इसके निए वे राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ और बीजेपी के आदेश की प्रतीक्षा में हैं.इस बार उनकी अंतरात्‍मा नहीं जग रही है.वे फिर अपनी अंतरात्मा जगाएं और मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा दें.


हालांकि माना जा रहा है कि भाजपा और नीतीश के बीच मंत्रिमंडल में किसको कितना प्रतिनिधित्व मिलेगा, इसको लेकर कोई कोई कन्फ़्यूज़न नहीं है. लेकिन राज्यपाल कोटे से जिन बारह सदस्यों का मनोनयन होगा उसमें बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में किसको कितना मिलेगा यह अभी भी विवाद का एक कारण है.इतना तो जरूर है कि 74 सीट लाकर जादुई फिगर 122 की ओर बढ़ना चाहेगी.किसान आंदोलन को लेकर 243 विधानसभा क्षेत्रों में बैठके कर रही है.



  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :