मुरैना. देश भर में चल रहे किसान आंदोलन की अनदेखी करके केन्द्र सरकार लगातार यह झूठ बोल रही है कि तीनों कृषि कानूनों से किसानों को फायदा होगा.किसानों की मांग मानने के बजाय उनकी उपेक्षा की जा रही है.हम ‘‘जय जवान, जय किसान’’ का नारा लगाते हैं क्योंकि जवान सीमाओं की रक्षा करता है और किसान हमारे अन्नदाता हैं. यदि उद्योगपतियों की जेब भरने के लिए किसानों की अनदेखी की गई, तो देश अंधकार में डूब जाएगा. यह कहना है एकता परिषद के संस्थापक गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. का. किसान आंदोलन के समर्थन में एकता परिषद ने राजगोपाल की अगुवाई में मुरैना से पद यात्रा शुरू की है.
जल, जंगल और जमीन के मुद्दे पर एकता परिषद लगातार आंदोलन करती रही है. एकता परिषद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में विश्व शांति के लिए जय जगत यात्रा का आयोजन किया था. इसके पहले भी जमीन के मुद्दे पर जनादेश एवं जन सत्याग्रह जैसे बड़े आंदोलन की अगुवाई संगठन ने किया है. राजगोपाल का कहना है कि गांधी के देश में किसान का महत्व सबसे ज्यादा होना चाहिए. वर्तमान कृषि कानून बिना किसी चर्चा के संसद से पारित करवाया गया. किसानों इस कानून की बारीकियों को समझ रहे हैं. वे जानते हैं कि भले ही कोई आश्वासन दिया जाए, अंततः बाद में कानून के कारण न केवल वे प्रभावित होंगे, बल्कि पूरा देश उद्योगपतियों के चुंगल में फंस जाएगा.केन्द्र सरकार को किसानों की मांग मानते हुए तीनों कानूनों को रद्द करना चाहिए और उद्योगपतियों के बजाय किसानों के साथ चर्चा कर स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर कृषि कानून बनाना चाहिए.
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रन सिंह परमार का कहना है कि आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के किसान ही नहीं बल्कि देश भर के लोग शामिल हैं. इन कानूनों का प्रभाव पूरे देश पर नकारात्मक पड़ेगा, इसलिए किसान आंदोलन में किसानों का समर्थन देने के लिए विभिन्न जन संगठन दिल्ली पहुंच रहे हैं.
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि 13 दिसंबर से 16 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कवर्धा तहसील से मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडोरी, उमरिया, कटनी, दमोह, सागर, ललितपुर, झांसी, दतिया, ग्वालियर होते हुए मुरैना तक की जागरूकता यात्रा निकाली गई.इसके बाद 17 दिसंबर को केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना से दिल्ली की ओर पद यात्रा निकाली गई है.मुरैना में कई विधायकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यात्रा को संबोधित किया.
यात्रा में लगभग 1000 लोग साथ-साथ चल रहे हैं। मध्यप्रदेश के सागर, रायसेन, सीहोर, सिवनी, टीकमगढ़, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर सहित देश के 7 राज्यों से आए किसान शामिल हैं. आज यात्रा का पड़ाव मुरैना के सराय छोला स्थित किसान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय होगा. कल 19 दिसंबर को पद यात्रा राजस्थान के धौलपुर जाएगी.20 दिसंबर को धौलपुर शहर में लोगों के बीच कृषि कानूनों की हकीकत बताकर एकता परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली रवाना हो जाएगा.
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