जूनियर डॉक्टरों का बायकाट जारी

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

जूनियर डॉक्टरों का बायकाट जारी

आलोक कुमार

पटना.बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार जारी है.स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इलाज कार्य बाधित नहीं हो, इसके लिए शुक्रवार से ही विशेष प्रबंध किए गए.मगर ओपीडी में मरीजों को रजिस्ट्रेशन करवाने में दिक्कत होने पर काउंटर पर पुलिस बल तैनात किया गया.इसी प्रकार इमरजेंसी और वार्डों में भी पुलिस बल तैनात किया गया.इसके अलावा जूनियर डॉक्टरों ने यदि इलाज बाधित करने का प्रयास किया तो उसके अध्यक्ष और सचिव को कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी.समाचार संग्रह करने गये एक निजी चैनल की धुलाई करने से बायीं हाथ की हड्डी तोड़ दी.

एक देश,एक पेंशन,एक राशन,एक कोर्स के बाद एक समान मानदेय की मांग उठने लगी.सरकारी मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चौथे दिन नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन यानी एनएमओ ने भी उनके समर्थन में विज्ञप्ति जारी की है.उनके अनुसार राज्य व केंद्र संचालित मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों के मानदेय में भारी अंतर के कारण असंतोष होना लाजिमी है. एनएमओ इसकी निंदा करता है.जब एक देश है, एक कोर्स है तो मानदेय भी एक समान होना चाहिए. बताते चलें कि एनएमओ भाजपा का आनुषंगिक संगठन है.

इस बीच बिहार सरकार द्वारा सख्त चेतावनी के बावजूद स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल शनिवार को चौथे दिन भी जारी रही.पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों ने काम नहीं किया, लेकिन हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते जरूर नजर आए.हड़ताल का सबसे ज्यादा असर इमरजेंसी में देखने को मिल रहा. जूनियर डॉक्टर पोस्टर के जरिए वो हड़ताल को लेकर अपनी बातें सरकार के सामने रख रहे हैं.पोस्टर में लिखा है कि वादों की बौछार है, कोरोना योद्धा लाचार है.छात्रवृत्ति नहीं बढ़ रही, मौज में सरकार है.प्रदर्शन के दौरान पोस्टर के जरिए जूनियर डॉक्टरों की यूनिटी भी बतायी जा रही है.वहीं दूसरी ओर पटना मेडिकल कॉलेज ने 50 डॉक्टरों की डिमांड के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा था.शनिवार की सुबह 10 डॉक्टरों ने पीएमसीएच में रिपोर्ट कर दिया है.



क्रिसमस की छुट्टी के बाद जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बीच जब शनिवार को पीएमसीएच का ओपीडी खुला. दोपहर 12 बजे तक महज 4 घंटे में 720 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. हालांकि सामान्य दिनों की अपेक्षा भीड़ काफी कम रही.वहीं दूसरी ओर, पीएमसीएच की ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों की मुश्किल हड़ताल के कारण बढ़ गई है.ओपीडी में मरीजों की भीड़ से सीनियर डॉक्टरों को समस्या हो रही है.डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल का कोई असर नहीं पड़े, इस कारण से वह अधिक से अधिक मरीजों को देख रहे हैं.उधर, जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वह कोई बाधा नहीं पहुंचा रहे हैं.


जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर इमरजेंसी में देखने को मिल रहा है.यहां से लगातार मरीजों का पलायन हो रहा है.परिजन मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराने को मजबूर हैं.जिससे अधिकांश बेड खाली हो गए हैं.सर्जिकल इमरजेंसी में मरीजों की संख्या काफी कम है. यहां पचास प्रतिशत भी मरीज नहीं हैं.हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के कारण मरीज घटे हैं, लेकिन जूनियर डॉक्टर इसे हड़ताल का असर बता रहे हैं.

पटना मेडिकल कॉलेज ने 50 डॉक्टरों की डिमांड के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा था. शनिवार की सुबह 10 डॉक्टरों ने पीएमसीएच में रिपोर्ट कर दिया है.अब 40 और डॉक्टरों का इंतजार है.पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विमल कारक के अनुसार, 50 में से 10 डॉक्टरों ने रिपोर्ट किया है अब 40 और डॉक्टर मिल जाएंगे तो व्यवस्था थोड़ी सही हो जाएगी.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र ने कहा कि हड़ताल जारी है क्योंकि अभी तक उनकी किसी से कोई वार्ता नहीं हो पाई है.जूनियर डॉक्टर कोई बाधा नहीं पहुंचा रहे हैं, बस खुद को काम से अलग किए हुए हैं. शनिवार को ओपीडी के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी उनका कहना है कि मरीज आ रहे हैं और रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.रजिस्ट्रेशन काउंटर को उन्होंने बंद नहीं कराया है.

स्वास्थ्य विभाग ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्देश मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को दिया है. विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को आदेश दिया है कि वे इस मुद्दे पर अनुशासन समिति को बैठक बुलाकर निर्णय लें.


पीजी के जिन छात्रों द्वारा कार्य बहिष्कार किया जा रहा है, उनके स्टाइपेंड का भुगतान नो वर्क नो पे के आधार पर किया जाये. साथ ही किसी पीजी छात्र द्वारा ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी सेवा को बाधित किया जाता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये.



अनुशासन समिति को निर्देश दिया गया है कि वह रोज ओपीडी में रोगियों की संख्या, ओपीडी के माध्यम से रोगियों के भर्ती किये जाने की संख्या, इमरजेंसी में देखे गये रोगियों की संख्या और कुल किये गये ऑपरेशनों की रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध कराये.


अपर सचिव ने बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में हड़ताल पर जानेवाले डॉक्टरों की सूचना अखबारों और प्राचार्यों व अधीक्षकों के माध्यम से मिली है. उनकी मांगों पर बातचीत करने के लिए प्रधान सचिव की अनुपस्थिति में सचिवालय बुलाया गया था.


 प्रधान सचिव खुद पीएमसीएच में छात्रों से बात करने पहुंचे तो कोई प्रतिनिधिमंडल मिलने नहीं आया. उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना महामारी का दौर चल रहा है. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों के स्टाइपेंड देने में थोड़ा विलंब हुआ है.


उनको स्टाइपेंड बढ़ाने की की कार्रवाई की जा रही है. इधर, जूनियर डॉक्टर भी अपनी मांगों की पूर्ति को लेकर अड़े हुए हैं. उन्होंने और यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

डीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ नीरज कुमार ने बताया कि स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने के लिखित आश्वासन के बाद ही हम हड़ताल तोड़ेंगे, अन्यथा अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.राजधानी पटना में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पीएमसीएच, एनएमसीएच और डीएमसीएच में इलाज की व्यवस्था चरमरा गयी है. इन अस्पतालों में जहां इमरजेंसी सेवा बाधित रही, वहीं ऑपरेशन को भी टाल देना पड़ा.


हालांकि, एसकेएमसीएच, जेएलएनएमसीएच व एएनएमएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की संख्या कम होने कारण हड़ताल का कम असर देखने को मिला. पीएमसीएच में करीब एक दर्जन मरीजों के ऑपरेशन टल गये और कुछ मरीज यहां से पलायन कर गये.


इसके साथ ही इलाज सही नहीं होने से जहानाबाद की महिला मरीज की मौत हो गयी. फिलहाल हालत ऐसी है कि ओपीडी में भी मरीजों को दिखाने में परेशानी हो रही है. क्रिसमस की छुट्टी के कारण आज ओपीडी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ.पीएमसीएच की मुख्य इमरजेंसी में 30 फीसदी बेड खाली हो चुके हैं. हालांकि, टाटा इमरजेंसी में अब भी मरीज हैं और कई मरीजों का ट्रॉली ले जाने वाले रास्ते में लिटा कर इलाज किया जा रहा है.

इमरजेंसी से लेकर वार्ड में एक-दो डॉक्टर ही मौजूद हैं और परिजन अपने मरीज के इलाज के लिए दौड़ लगा रहे हैं. इसके साथ ही डॉक्टर के चैंबर के पास परिजनों की काफी भीड़ लगी हुई है. हड़ताल खत्म होने व ऑपरेशन होने के इंतजार में कई मरीज पीएमसीएच में ही कड़ाके की ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं.

डीएमसीएच, दरभंगा में भी आपातकालीन विभाग में तालाबंदी के कारण वहां पहुंचने वाले मरीजों को बाहर का रास्ता दिखाया जाता रहा.हड़ताल के कारण सर्जरी, गायनी व ऑर्थो विभाग का ओटी बंद है.इस कारण मरीजों को मुश्किल हो रही है. सबसे ज्यादा परेशानी एक्सीडेंटल मरीजों को हो रही है. मालूम हो कि अस्पताल के ओटी में करीब डेढ़ दर्जन मरीजों का रोजना ऑपरेशन किया जाता रहा है. अब सभी ओटी ठप पड़ा है.वार्डों में इलाजरत मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नाम के लिये वरीय चिकित्सक वार्ड में आते हैं.

एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और इनडोर डयूटी का विरोध जताया. उनके ड्यूटी के जगह दूसरे यूनिट के डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया. हालांकि, यहां जूनियर डॉक्टरों की संख्या कम रहने की वजह हड़ताल का मिला-जुला असर रहा.


जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल, भागलपुर में शुक्रवार को लगभग दो दर्जन ऐसे मरीज का ऑपरेशन होना था, जिन्हें रद्द कर दिया गया. हालांकि, इमरजेंसी में 65 मरीजों का इलाज किया गया, जिनमे 19 मरीज को भर्ती लिया गया. 16 मरीजों का ऑपरेशन इमरजेंसी के ओटी में किया गया. वहीं अस्पताल में कोरोना जांच भी हड़ताल से बाधित रही.

अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का असर नहीं दिखा. सामान्य दिनों की तरह ही मरीजों का इलाज वार्ड व इमरजेंसी में हुआ. अस्पताल अधीक्षक डॉ हरिशचंद्र हरि ने बताया कि मगध मेडिकल में पीजी की कम सीटें होने के कारण यहां हड़ताल का असर नहीं पड़ रहा है.


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :