आलोक कुमार
पटना.राजधानी में पटना नगर निगम के द्वारा अतिक्रमण हटाओं अभियान जारी है. इस बार निशाने पर है महादलित मुसहर समुदाय के लिए निर्मित अम्बेडकर कॉलोनी.जनसंख्या बढ़ जाने से महादलित अम्बेडकर कॉलोनी के आगे और पीछे झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे.
बताया जाता है कि अम्बेडकर कॉलोनी के आगे और पीछे जमीन पर घर बना लेने वाले महादलितों की झोपड़ी हटा लेने का फरमान पटना नगर निगम के दण्डाधिकारी द्वारा मौखिक सूचना दी गयी.उनके द्वारा धमकी दी गयी कि अवैध ढंग से निर्मित घर को हटा दें वरणा मिट्टी में मिला दिया जाएगा.मिट्टी में मिलाने के पहले महादलितों काे पुनर्वास नहीं किया जा रहा है.जंगन मांझी की तरह दर्जनों महादलित पुल के नीचे जीवन बीता रहे हैं. पुल के पाया नम्बर 38 पी के नीचे जंगन रहते हैं.
यह क्षेत्र शास्त्री नगर थाना अन्तर्गत आशियाना मोड़ में आता है.पटना में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने झोपड़पट्टी में रहने वालों की सुधि लेकर अम्बेडकर कॉलोनी में बनवाया था. इस समय महादलित मुसहर समुदाय के लोग पूर्व मुख्यमंत्री को याद कर रहे हैं.पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव 1990 में सत्तासीन होने के बाद महादलितों के परिवेश में सुधार करने में लग गये थे.
अम्बेडकर कॉलोनी के महादलित डब्लू मांझी कहते हैं कि राजधानी के विभिन्न जगहों में 1992 में संविधान निर्माता डाॅ.भीमराव अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर भवन निर्माण कराया. 1992 में बने निर्मित कुल 48 घरों के परिवारों की बन्दोबस्ती कागजात व नाम भी आॅनलाइन दर्ज है. इनके पास इस जमीन का कागजात भी है. एक साथ पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र के नाला रोड, शास्त्री नगर क्षेत्र के बेली रोड के अलावे अन्य जगहों में अम्बेडकर भवन बनाया गया. उन्होंने आगे कहा कि यहां पर 6 फ्लैटों के चार मंजिला अम्बेडकर भवन निर्माण किया गया. ऊपर में 24 परिवार और नीचे 24 परिवार रहते हैं. कुल 48 परिवार अम्बेडकर भवन में रहने लगे. 1992 में कुल 48 परिवार लगातार स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं.
महादलित जंगन मांझी ने कहा कि जिस अम्बेडकर कॉलोनी के परिवारों को अम्बेडकर भवन में घर नहीं मिला तो अम्बेडकर भवन के सामने खाली भूखंड पर झोपड़ी बनाकर रहने लगे. इनके झोपड़ी के बगल में राजकीय प्राथमिक विद्यालय भी बनाया गया.इसके एक कोने में आंगनबाड़ी केन्द्र भी बना दिया गया.ऐसा करने से अम्बेडकर कॉलोनी में रहने वाले महादलितों के बच्चे कुपोषण के गर्भ में जाने से बचने लगे.मृत्यु दर और जन्म दर पर नियत्रंण आ गया.उन्होंने खुलासा किया कि अम्बेडकर भवन को जिला प्रशसान के द्वारा बनाया गया था.कुछ साल के बाद अम्बेडकर कॉलोनी में निर्मित अम्बेडकर भवन का छज्जा गिर गया. भगवान की कृपा से बच्चे मामूली ढंग से घायल हो गये.
महादलित कमलेश मांझी ने कहा कि हमलोग खुशी-खुशी रहे थे कि अचानक 22 जनवरी 2020 को बिना नोटिस दिए ही अम्बेडकर कॉलोनी के अम्बेडकर भवन के बाहर घर बनाकर रहने वालों को अतिक्रमण के नाम पर जेसीबी लाकर 18 महादलितों के घर ढाह दिया गया.इसके साथ ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय को भी ध्वस्त कर दिया गया. एक कोने में आंगनबाड़ी केन्द्र भी चलता था.इस तरह के अकस्मात अत्चायार के कारण महादलित खुले आकाश में रहने लगे.
इस पर महादलित डब्लू मांझी ने कहा कि अम्बेडकर भवन के पीछे 10 फीट चौड़ा और 50 फीट लम्बा जमीन परती थी.इस पर हमलोग घर बनाकर रहने लगे.अभी डब्लू मांझी, जंगन मांझी,शमरू मांझी और जगन मांझी घर बनाकर रहते हैं. इस जगह पर पटना नगर निगम के अधिकारियों की गिद्ध दृष्टि पर गयी.जो महादलित लोग बचे हैं वैसे लोग आशियाना के पास निर्मित ओभर ब्रीज के नीचे रहते हैं. अपने बाल-बच्चों को खुले आसमान के नीचे रहने को बाध्य हैं. एक तरफ वैश्विक कोरोना महामारी में बाल-बच्चे भूखे-प्यासे मर रहें हैं.वहीं बहु-बेटियों असुरक्षा के बीच में रहते हैं.
महादलित शमरू मांझी कहते हैं कि सुशासन सरकार के पास जीवन से लेकर मरण तक की योजना है. जो कल्याण और विकास के लिए निर्मित है. इससे हम महादलितों को लाभ नहीं दिलाया जाता है. उनका कहना है कि एक योजना यह है कि विस्थापन के पूर्व पुनर्वासित करने की है। जो आवासीय भूमिहीन हैं उनको दस डिसमिल जमीन देकर नुरूम से मकान बना दिया जाएगा. जो सुशासन सरकार के द्वारा नहीं हो रहा है.
हम (सेक्युलर) बिहार के प्रदेश प्रवक्ता अमर कुमार भारती मांझी ने कहा कि एक आवेदन पत्र जिलाधिकारी महोदय को देने के लिए बनाया गया है. इस पत्र में लिखा गया है कि पटना नगर निगम के दण्डाधिकारी द्वारा मौखिक सूचना एवं धमकी दिये जाने के संबंध में.आगे लिखा गया है कि हमलोग आशियाना मोड़ वार्ड नम्बर-2 के स्थायी निवासी हैं और जाति के मुसहर (अनुसूचित जाति) के सदस्य हैं. दिनांक 04.06.2020 को पटना नगर निगम के दण्डाधिकारी द्वारा मौखिक सूचना मिली है कि दो दिनों के अन्दर डीएम का आदेश लाओ नहीं तो मकान तोड़ देंगे.जबकि पटना सौन्दयीकरण द्वारा निर्मित भवन एवं रेयती जमीन पर बसे हैं. जमीन रेयती पर है और उसकी कागजात है.60 -70 परिवार रहते हैं.उस दिन हमलोग दे नहीं सके.जिलाधिकारी के नहीं रहने पर एडीएम डा. आदित्य प्रकाश से मिला गया.उन्होंने इन सब मुद्दों को लेकर पटना के जिलाधिकारी महोदय तक पहुंचा देने का आश्वासन दिया.इतना जरूर कहा कि समुचित जांच करने के बाद जरूर ही न्याय किया जाएगा.अभी तक किसी तरह का न्याय और न ही पुनर्वास ही किया गया है.
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