नई दिल्ली .स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक और दो अन्य सरकारी बैंकों नें अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पर धोखाधड़ी से क़र्ज़ा लेकर चट कर जाने की रिपोर्ट पेश की है. यह रक़म क़रीब ९०००० नब्बे हज़ार करोड़ रूपया होती है जो कि भगोड़े विजय माल्या के क़र्ज़े से दस गुना ज़्यादा है. रिज़र्व बैंक ने भी अब इसकी पुष्टि कर दी है.
यह अनिल अंबानी कौन है ? मेरी दिलचस्पी इसमें नहीं कि वो धीरूभाई अंबानी का कनिष्ठ पुत्र और मुकेश अंबानी का छोटा भाई है बल्कि इसमें है कि भारत के प्रधानमंत्रीजी जब फ़्रांस यात्रा पर राफ़ेल युद्धक विमान की डील को फायनल करने गये थे तो उसके पहले ही अनिलअंबानी वहॉं पहुँच चुका था और सभी संबंधित बैठकों में आफसेट पार्टनर के रूप में शामिल था जब कि सरकार को यह जानकारी तब भी थी कि अनिलअंबानी भारी बड़ी रक़म का डिफाल्टर क़र्ज़दार है .
इसके बावजूद अनिलअंबानी को चालीस हज़ार करोड़ के सौदे का पार्टनर बनाया गया और अब जो रॉफेल अभी तक पहुँचे हैं वे सीधे फ़्रांस से ही कस कर तैयार होकर आ रहे हैं जबकि डील में यह कहा जा रहा था कि अंबानी एक फ़ैक्ट्री नागपुर में लगायेगें जहॉं रॉफेल जोड़ें जायेंगें.
मैं उन चित्रों व भाषणों को भी महत्व नहीं देता जिसमें अनिल अंबानी प्रधानमंत्री जी के साथ २०१४ के पहले गलबहियॉं कर रहे हैं और भरी सभा में ऐलान कर रहे हैं कि मोदीजी ही प्रधानमंत्री पद के योग्य हैं. कुछ समय लंदन की अदालत में वसूली केस के मामले में अनिल अंबानी ने बयान दिया था कि मेरे पास रहने के घर के अलावा अब वकील को देने के लिये भी पैसे नहीं है यानी खल्लास दीवालिया पर असली सवाल भारत के जन धन का है ! क्या समूती संपत्ति कुर्क कर वसूली की जायेगी ? किसान के यदि पचास हज़ार भी बकाया रह जायें तो खेत मकान सब कुर्क होने लगते है.रमा शंकर सिंह की फेसबुक वाल से .
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