लखनऊ .समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत तीन दर्जन किसानों की मृत्यु पर गहरा शोक जताते हुए उनके संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
अखिलेश यादव ने कहा देश के अन्नदाता की मौतें विचलित कर देने वाली अत्यंत दुःखद घटनाएं है. शहीद किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन असंवेदनशील भाजपा सरकार टस से मस नहीं हो रही है. किसान अपने भविष्य को बचाने के लिए अपनी जान दे रहा है लेकिन भाजपा नेतृत्व अपने बेतुके तर्कों एवं झूठे तथ्यों से काले कृषि कानून थोपना चाहती है. श्री यादव ने कहा कि किसानों के मौत की जिम्मेदार भाजपा सरकार ही है. घने कोहरे और ठण्ड में किसान लगातार हक और इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं लेकिन सत्ताधारी हृदयहीन बने बैठे है. भाजपा जैसा सत्ता का इतना दम्भ एवं इतनी निष्ठुरता अब तक कभी देखी नहीं गई.
श्री यादव ने कहा बेहतर होगा भाजपा सरकार चंद अमीर मित्रों के फायदे के लिए पूरे देश के किसान को न ठगे, कृषि कानूनों को वापस ले. हर जमीनी कार्यकर्ता, वह चाहे जिस पार्टी में हो, यही चाहता है. भारत का राजनीतिक नेतृत्व इतना बंजर कभी न था. भाजपा लगातार किसानों का तिरस्कार कर रही है. किसान ही इस सरकार को सड़क पर ले आएंगे.
अखिलेश यादव ने कहा झूठ और धोखा भाजपा सरकार की आदत में शुमार हैं. किसानों को लागत से ड्योढ़ा मूल्य दिलाने, सन् 2022 तक आय दुगनी करने का वादा करने वाले इन्हें तो भूल गए, गन्ना किसानों को बकाया भी नहीं दे रहे हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य को अनिवार्य किए जाने की मांग पर भी चुप्पी मारे बैठे हैं. उत्तर प्रदेश में तो योगी सरकार ने किसानों को घरो में कैद करने के अलावा पुलिस और प्रशासन के अफसरों को भेजकर डराने धमकाने का अलोकतांत्रिक काम भी किया है. साफ है कि सरकार किसान आंदोलन को लेकर गम्भीर नहीं है और वह हल चाहती ही नही है लेकिन किसान जागरूक है और वह भाजपा के बहकावे में आने वाला नहीं है.
समाजवादी पार्टी पहले दिन से ही किसानों के साथ है. उनके संघर्ष का साथ देने के लिए वह प्रतिबद्ध है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण सिंह जी ने हमेशा किसान हितों की जो लड़ाई लड़ी थी समाजवादी उन्हीं के रास्ते पर चल रहें हैं. समाजवादी किसान यात्रा और समाजवादी किसान घेरा के माध्यम से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने गांव-गांव चैपाल लगाकर किसानों के साथ संवाद किया है और उन्हें अपने समर्थन-सहयोग का भरोसा दिलाया है.
निश्चित रूप से कोई भी सत्ता देश के किसानों की मांगों की उपेक्षा करके अपना अस्तित्व नहीं बचाए रख सकती है. भाजपा ने किसान को बर्बादी की कगार पर खड़ा कर दिया है. भाजपा कारपोरेट के समर्थक है. समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता में किसान गांव और खेती रही है. समाजवादी इनकी समृद्धि के लिए बराबर संघर्ष करती रही है.
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