राजेंद्र
लखनऊ .प्रदेशवासियों को नए साल में कई नई सौगातें मिलेंगी. कई पुराने काम पूरे होने से जिंदगी आसान बनेगी तो चुनावी वर्ष होने से तमाम अधूरे वादे व नए एलान खुशियों की सौगात लाएंगे. खासकर किसानों-युवाओं को बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. और अब राज्य में बजट बनाने की तैयारियां भी खामोशी से शुरू हो गई हैं. मुख्यमंत्री के चहेते अफसर अपर मुख्य सचिव वित्त अब मुख्यमंत्री से विचार विमर्श कर सीएम की सोच वाला "जनता बजट" बनाने में लगे गयें हैं.वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट होगा. यह वित्तीय वर्ष एक तरह से चुनावी वर्ष भी है. मार्च-2022 तक नई सरकार आ जाएगी, लिहाजा 2022-23 का बजट नई सरकार लाएगी. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोबारा सत्ता में वापसी को ध्यान में रखकर नया बजट लाने पर माथापच्ची तेज कर दी है. तमाम अफसर सरकार का घोषणापत्र खंगाल रहे हैं कि अभी कौन से वादे अधूरे हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए कई बड़े वादे चार वित्तीय वर्ष के बजट आने के बावजूद पूरे नहीं हो सके. इसमें विद्यार्थियों को लैपटॉप, किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण, युवाओं को रोजगार के लिए प्रदेश के उद्योगों में 90 फीसदी आरक्षण जैसे कई आकर्षक वादे भी हैं. अब अगर योगी सरकार इन वादों पर अमल करती है तो ये योजनाएं विधानसभा चुनाव के लिहाज से गेमचेंजर साबित हो सकती हैं. इन वादों के दायरे में बड़ी आबादी आती है. हालांकि, कोरोना महामारी से वित्तीय संसाधन सीमित है. कर्ज और उस पर ब्याज का भार बढ़ता जा रहा है. आखिरी बजट होने से जनाकांक्षाओं की पूर्ति किसी चुनौती से कम नहीं है. मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, ई-लर्निंग, धार्मिक पर्यटन, उद्योगों को प्रोत्साहन समय-समय पर सीएम ने तमाम घोषणाएं की हैं. इनमें कई पर अमल होना बाकी है. चर्चा है कि नए बजट में मेरठ को स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की सौगात मिल सकती है. ई-लर्निंग, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा, आत्मनिर्भर भारत के तहत नई योजनाएं लाने का प्रस्ताव भी बजट में जगह पा सकता है. बताया जा रहा है कि बजट में अयोध्या, काशी व मथुरा से जुड़े प्रोजेक्ट तो होंगे ही, धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास, पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदूषण मापक यंत्र की स्थापना, एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की एक नई स्कीम आ सकती है. महिलाओं से जुड़ी दो नई योजनाएं बजट का हिस्सा बन सकती हैं. चर्चा यह भी है कि एमएसपी के प्रति प्रतिबद्धता जताने के लिए सरकार धान व गेहूं खरीद का लक्ष्य बढ़ा सकती है. इसके लिए भी पर्याप्त बजट देने और सिंचाई परियोजनाएं पूरी करने पर भी जोर बजट में रहेगा. पढ़े-लिखे किसानों को समूह में खेती के प्रति आकर्षित कर कृषक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों के प्रोत्साहन का प्रस्ताव आ सकता है.
सड़क व ऊर्जा से जुड़े प्रोजेक्ट के विस्तार के अलावा नमामि गंगे प्रोजेक्ट व जल जीवन मिशन के साथ पेयजल परियोजनाओं पर फोकस बना रहेगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे नए साल में ही पूरा किया जाना है. इसी तरह गंगा एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया-गाजीपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भी बजट मिलेगा. कानपुर व आगरा मेट्रो के साथ गोरखपुर मोनो रेल प्रोजेक्ट भी बजट का हिस्सा होगा. पिछले बजट सत्र में विधायक निधि दो करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये करने का एलान किया गया था. लेकिन कोरोना महामारी से निधि का आवंटन एक वर्ष के लिए स्थगित हो गया. नए बजट में इसे बहाल किया जा सकता है.
सरकार कर्मचारियों का डीए भी बहाल कर सकती है. कोविड-19 के चलते सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) जुलाई 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया था. जुलाई से बढ़ी दरों पर भत्ता बहाल करने की तैयारी है. इसके लिए विभागों से प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं. फिलहाल मुख्यमंत्री के जनता बजट में और क्या क्या होगा? इसके लेकर बहुत गोपनीयता बरती जा रही है. अब देखना यह है कितने दिनों तक वित्त विभाग के आला अफसर इस गोपनीयता को बरकरार रख पाते हैं क्योंकि तमाम अफसरों की निगाह सूबे में तैयार हो रहे नये बजट पर जम गई हैं.
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