कोरोना से दस माह से बंद स्कूलों में पढ़ाई शुरू

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कोरोना से दस माह से बंद स्कूलों में पढ़ाई शुरू

आलोक कुमार

पटना.वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले दस माह से सरकारी स्कूलों बंद पठन-पाठन सोमवार से शुरू हो गया.नौवीं से 12वीं तक के बच्चे पचास फीसद की उपस्थिति के साथ स्कूलों में पहुंचे. इस दौरान स्कूल खुलते ही चहल-पहल के साथ रौनक दिखी. स्कूल खुलते ही पहले दिन छात्र-छात्राएं दोगुने उत्साह के साथ स्कूल पहुंचे.

बिहार सरकार के निर्देश पर सोमवार से राजधानी के अधिकांश स्कूल खुल गए.कोरोना से जारी लड़ाई के बीच आज से स्कूलों के बीच पढ़ाई शुरू हो गई.10 महीनों के बाद शिक्षा के मंदिर की रौनक लौट आई और घंटी की गूंज से छात्रों के चेहरे में चमक लौट आई. सुबह से ही स्कूलों में बच्चों के आने का सिलसिला जारी रहा.स्कूलों के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा था.

छात्रों ने कहा कि इतने दिनों के बाद आने की खुशी है. इस दौरान जिस तरीके से ऑनलाइन पढ़ाई हुई, जिसमें टीचर्स ने अपना बेस्ट दिया है. बता दें कि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद राज्य में शैक्षणिक संस्थान करीब10 महीने पहले बंद किए गए थे. ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या में कमी और ठीक होने की दर 97.61 प्रतिशत होने से राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई फिर से भौतिक रूप से शुरू करने को लेकर विश्वास बढ़ा है.

 स्कूल खुलते ही राजधानी के कई सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में प्री बोर्ड की परीक्षा शुरू करने की तैयारी है.जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति कुमार ने रविवार को ही एक बैठक कर स्कूल संचालकों को कोरोना गाइड लाइन का सख्‍ती से पालन करने का निर्देश दिया. 

 स्कूलों के साथ कोचिंग संस्थान और हॉस्टल भी संचालित होंगे. हालांकि शैक्षणिक संस्थानों को इस दौरान सरकार की ओर से निर्धारित गाइडलाइन का पालन करना होगा. अभी नौंवी-12वीं की क्लास ही चलेगी. कक्षा में छात्रों की संख्या आधी ही रहेगी. अनिवार्य रूप से उपस्थित होना जरूरी नहीं है. यानि माता-पिता तय करेंगे कि वह अपने बच्चे को स्कूल भेजें अथवा नहीं. 


सरकार के निर्देश के अनुसार, स्कूलों में आधे बच्चे ही अभिभावकों की सहमति से आ पाएंगे. आधे बच्चों को दूसरे दिन बुलाया जाएगा. 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए ही स्कूल खोला गया है.स्कूल खुलते ही शहर के कई विद्यालयों में 10 और 12वीं की प्री-बोर्ड की परीक्षा प्रारंभ हो जाएगी.नोट्रेडेम की वरिष्ठ शिक्षिका आभा चौधरी का कहना है कि सोमवार से स्कूल प्री-बोर्ड की परीक्षा शुरू हो गई है, जिससे फिलहाल क्लास नहीं हो पाएगी.

दसवीं- बारहवीं के स्कूल खुलने के 15 दिनों की समीक्षा के बाद सरकार तय करेगी कि जूनियर क्लास खोली जाये या नहीं. सबकुछ ठीक रहा तो 18 जनवरी से कक्षा 1-8 तक के स्कूल खोल दिये जायेंगे. आधे छात्रों को पहले दिन बुलाया जायेगा, बाकी छात्रों की कक्षा दूसरे दिन लगेगी.नौवीं कक्षा से नीचे के बच्चों के स्कूल आने का फैसला 18 जनवरी को लिया जाएगा.मिशनरी स्कूलों में फिलहाल कक्षाएं नहीं होंगी. केवल प्री बोर्ड की परीक्षाएं लिए जाएंगे. नौवीं के बच्चों के सेकंड टर्म की परीक्षाएं होंगी. कुछ स्कूलों ने ऑड-ईवन फार्मूले के तहत क्लास चलाने की रणनीति बनाई है. रोल नंबर के हिसाब से बच्चों को बुलाया गया है.पहले दिन ऑड तो दूसरे दिन ईवन रोल नंबर वाले बच्चे आएंगे. सरकारी स्कूल भी सोमवार से ही खोले जाएंगे.फिलहाल हाई स्कूलों के बच्चे ही आएंगे। उनकी कक्षाएं चलेंगी.

छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा. पानी की टंकी, रसोई, शौचालय आदि को सेनेटाइज करना अनिवार्य है. डिजिटल थर्मामीटर, सेनेटाइजर, साबुन की सुविधा रहेगी.किन छात्रों को बुलाना है स्कूल प्रशासन तय करेगा ऑड एवं इवेन नंबर का भी किया जा सकता उपयोग स्कूल सैनिटाइज होने के बाद ही बच्चे करेंगे प्रवेश बिना मास्क के स्कूल में शिक्षक, बच्चे, अभिभावक का प्रवेश नहीं होगा स्कूल में हर महत्वपूर्ण जगहों पर सैनिटाइजर रहेगा स्कूल अवधि में शौचालय का सैनिटाइज दो बार किया जाएगा स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होगी स्कूल के गेट पर ही मास्क की विशेष व्यवस्था होगी हर स्कूल में कोविड केयर कमेटी का गठन होगा.

सीबीएसई के सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ.राजीव रंजन सिन्हा का कहना है कि इस वर्ष दसवीं एवं बारहवीं के परीक्षार्थियों को दो प्री-बोर्ड परीक्षा देनी होगी.स्कूल खुलने के बाद जनवरी में पहली प्री बोर्ड परीक्षा होगी.इसके बाद मार्च में दूसरी प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। कोरोना संकट के कारण स्कूल बंद थे, इसलिए अब तक प्री-बोर्ड की परीक्षाएं नहीं हो पाई थीं.

जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि स्कूल प्रशासन चाहे तो अभिभावकों की सहमति से रविवार की छुट्टी रद कर सकता है. इसके अलावा अन्य छुट्टियों के दौरान भी क्लास ली जा सकती है.कोरोना संकट को लेकर मार्च से स्कूल बंद हैं, इसलिए स्कूल छुट्टी के दौरान भी खोले जा सकते हैं.

कोर्स पूरा करना स्कूलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.हालांकि सीबीएसई ने कोर्स में 30 फीसद की कटौती की है.फिर भी मात्र चार माह में दसवीं एवं बारहवीं का कोर्स पूरा करना स्कूलों के लिए कठिन चुनौती रहेगी.


बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देश पर बोर्ड से मान्यता प्राप्त इंटर स्कूल-कॉलेजों में नौ जनवरी से प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसके लिए बोर्ड की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। बोर्ड परीक्षा सामग्री स्कूलों को भेजना शुरू कर दिया है.इंटर की प्रायोगिक परीक्षा 18 जनवरी तक चलेगी। वहीं मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा 20 से 22 जनवरी तक चलेगी.


एसोसिएशन ऑफ पब्लिक स्कूल्स के अध्यक्ष डॉ.सीबी सिंह का कहना है कि स्कूल खुलने के बावजूद ऑनलाइन शिक्षा जारी रहेगी. जो बच्चे स्कूल नहीं आ पाएंगे, वे ऑनलाइन क्लास कर सकते हैं.



पाटलिपुत्र सहोदय के पूर्व कोषाध्यक्ष एके नाग का कहना है कि स्कूलों में फिलहाल प्रार्थना सभा नहीं होगी.स्कूलों में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं होगा, जिससे बच्चों की भीड़ जमा हो. फिलहाल खेलकूद की घंटी भी रद रहेगी.सांस्कृतिक कार्यक्रम भी बंद रहेंगे.स्कूल के बारह पिकनिक या भ्रमण का कार्यक्रम भी फिलहाल बंद रहेगा.

बच्चों को मास्क पहनाकर ही भेजें सैनिटाइजर भी दे दें ताकि जरूरत पडऩे पर बच्चा उपयोग कर सके बच्चों को बाथरूम के नल छूने के बाद एवं लंच करने से पहले हाथ को सैनिटाइज करना जरूरी बच्चों को समझाएं कि स्कूल और बस में दूरी बनाकर रखे क्लास या लंच के दौरान बच्चा भीड़ में न जाए तबीयत खराब होने पर स्कूल प्रशासन को तत्काल सूचित करें अभिभावक भी बिना मास्क स्कूल में जाने की जिद न करें स्कूल गेट पर भीड़ होने पर थोड़ी देर इंतजार कर लें.


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