हिसाम सिद्दीकी
भोपाल.मध्य प्रदेश के चीफ मिनिस्टर शिवराज सिंह चैहान देश के पहले ऐसे चीफ मिनिस्टर बन गए हैं जिन्होने अमित शाह के शहरियत कानून (सीएए) के बाकायदा नाफिज होने से कब्ल ही अपनी रियासत मध्य प्रदेश को बड़ी बेरहमी और बेशर्मी के साथ ‘मुस्लिम मुक्त’ रियासत बनाने की मुहिम पर जुट गए हैं. वह खुद को मामा कहलाते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के मुसलमानों का कहना है कि शिवराज मामा ने तो ‘कंस मामा’ और ‘शकुनी मामा’ को भी पीछे छोड़ दिया है. दिसम्बर के आखिरी पन्द्रह दिनों में भगवान राम के मंदिर के लिए चंदा जुटाने निकली तकरीबन पांच हजार भगवा आतंकियों की भीड़ ने इंदौर समेत कम से कम पांच अलग-अलग जिलों के मुस्लिम इलाकों में घुस कर जहरीली नारेबाजी की, मुसलमानों और इस्लाम को गालियां, मस्जिदों और मकानात पर हमले किए, जब मुसलमानों ने जवाब में पथराव किया तो सारी जिम्मेदारी उन्हीं के सर मढ दी गई. सैकड़ों वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे किसी ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की, उल्टे हर मामले में मुसलमानों को ही पथराव करने का जिम्मेदार करार देते हुए उनपर एकदामे कत्ल (307) और एनएसए जैसी कार्रवाई की गई.
मंदसौर जिले के दोराना गांव पर पहले भगवा गुण्डों ने हमला किया, जहरीली नारेबाजी की भद्दी-भद्दी गालियां बकीं तो गुस्से में दो-तीन मुस्लिम ख्वातीन ने एक घर के टेरेस पर चढ कर भीड़ पर पत्थर फेंके. इन पत्थरों से जख्मी तो कोई नहीं हुआ लेकिन उन तीनों ख्वातीन को संगीन दफाओं में गिरफ्तार कर लिया गया. डेढ-दो घंटों के अंदर जिला एडमिनिस्टेªशन ने बुलडोजर और जेसीबी मशीनें भेजकर उस तीन मंजिला मकान को ही जमींदोज करा दिया जिस पर चढ कर तीनों ख्वातीन ने भगवा गुण्डों पर पत्थर फेंकने की हिम्मत की थी. एक सीनियर पुलिस अफसर ने तो साफ तौर पर कहा कि हमें ऊपर से आर्डर है कि भारत में रह कर अगर कुछ मुसलमान, हिन्दुओं खुसूसन रामभक्तों की जानिब आंख उठाने की भी जुर्रत करते हैं तो उन्हें ऐसा सबक सिखा दो कि पूरे देश के मुसलमान ऐसा करने की कभी हिम्मत न कर सकें. सरकार इस फार्मूले पर सख्ती के साथ अमल भी कर रही है. इंदौर के मुस्लिम अक्सरियती इलाके चंदन खेड़ा में भी भगवा भीड़ की नारेबाजी की वजह से टकराव हुआ था. उस टकराव के कई दिन बाद साल के आखिरी दिन से एक दिन पहले तीस दिसम्बर को मुस्लिम दुश्मन शिवराज सिंह चैहान की सरकार ने बुलडोजर भेजकर मुसलमानों के दर्जनों मकान तोड़वा दिए पहले अफसरान ने कहा कि चंदन खेड़ी में सड़कें चैड़ी करने की गरज से यह कार्रवाई की गई है फिर दोपहर बाद एडमिनिस्टेªशन का नया बयान आ गया कि जो मकान तोड़े गए हैं वह सरकारी जमीन पर नाजायज कब्जा करके बनाए गए थे.
मध्य प्रदेश के कई शहरों से तकरीबन रोजाना ऐसी खबरें आती रहती हैं कि मुसलमानों के साथ शिवराज सिंह चैहान सरकार अपने भगवा गुण्डों और भगवा पहने बगैर पुलिस व एडमिनिस्टेªशन में बैठे दिल से भगवा हो चुके अफसरान के जरिए हो रहे मजालिम पर कांगे्र्रस पार्टी खामोश है. कांग्रेस लीडरान ने राजभवन जाकर गवर्नर को एक मेमोरण्डम देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली. न कोई कांग्रेस लीडरान उन गांवों और इलाकों में झांकने गया जहां भगवा गुण्डों और पुलिस व एडमिनिस्टेªशन ने मिल कर मुसलमानों का जिंदा रहना मुश्किल कर रखा है. उनके मकान तोड़ दिए और उल्टे मुसलमानों को संगीन दफाएं लगाकर जेल भेज दिया. इस सख्त सर्दी के दौरान जिन मुसलमानों के सर की छतें तोड़ दी गईं उनसे हमदर्दी के दो लफ्ज बोलने भी कोई नहीं पहुंचा और न ही उन मासूम बच्चों के सर पर किसी भी कांगेे्रसी का ‘पंजा’ उन्हें ढाढस बंधाने के लिए नहीं पहुंचा.
दरअस्ल मुसलसल शिकस्त और असम्बली व लोक सभा एलक्शनों में देश के अवाम के जरिए बुरी तरह पीटे जाने की वजह से कांग्रेस लीडरान की अक्ल ही जैसे जम गई है. पार्टी आला कमान आरएसएस जेहनियत के लोगों से घिरा हुआ है. यह लोग राहुल गांधी को कभी मंदिर ले जाकर उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कराते हैं तो कभी उनकी जनेव दिखाती हुई तस्वीर. पार्टी के तीनों बड़े लीडरान के जेहन में इन लोगांे ने यह जहर भर दिया है कि अगर पार्टी ने खुलकर मुसलमानों के साथ खड़े होने का काम किया तो हिन्दू वोट हमसे अलग हो जाएगा. पार्टी के तीनों बड़े लीडरान भी कभी यह नहीं सोचते हैं कि जिन हिन्दू वोटों के लिए उन्होने देश के बीस-बाइस फीसद मुसलमानों का नाम लेना बंद कर दिया, वह हिन्दू वोट मुल्क के किस कोने में कांगेे्रस को वोट दे रहे हैं? अगर हिन्दू वोट ही कांग्रेेस को मिलते तो वह अपना गढ अमेठी क्यों हार जाते? केरल के वायनाड में वह मुसलमानों की ताकत पर ही जीत कर लोक सभा पहुंचे हैं. इसके बावजूद तीनों कुछ समझने के लिए तैयार नहीं हैं.
वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी ने चंद रोज कब्ल अलीगढ मुस्लिम युनिवर्सिटी के सदसाला जलसे को खिताब करते हुए अलीगढ युनिवर्सिटी के कैम्पस को मिनी इंडिया बताया था अलीगढ युनिवर्सिटी में पढ चुके तलबा को पूरी दुनिया में फैले भारत के सकाफती एम्बेसडर बताते हुए न सिर्फ मुसलमानों की तारीफें की थीं बल्कि यह तक कहा था कि हमारे संविधान की वजह से देश के हर शहरी को अपने इंसानी हुकूक हासिल करने का भरपूर मौका रहता है. तो क्या मध्य प्रदेश के मुसलमानों के इंसानी हुकूक देने का उनका और उनकी सरकार का यही तरीका है जो शिवराज सिंह चैहान सरकार ने अख्तियार कर रखा है?
मध्य प्रदेश के मुसलमानों पर हो रहे सरकारी मजालिम पर खामोश रह कर कांगे्र्रस ने जितनी बेशर्मी का मुजाहिरा किया है उससे हजार गुना ज्यादा खराब रवैय्या वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोेदी और चीफ मिनिस्टर शिवराज सिंह चैहान का रहा है. मामूली वाक्यात पर भी ट्वीट करने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सवाल पर मुजरिमाना खामोशी ही अख्तियार कर रखी है. अगर ज्यादा कुछ नहीं तो वह एक बयान जारी करके इतना तो कह ही सकते थे कि किसी के साथ ज्यादती नहीं होने दी जाएगी और कानून अपना काम करेगा. उन्होंने यह भी नहीं कहा शायद वह शिवराज सिंह चैहान से इस ख्याल से बहुत खुश हो रहे होंगे कि शिवराज भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलकर मध्य प्रदेश को भी दूसरा गुजरता बना रहे हैं.
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