दीघा अंडर पास की मांग को लेकर निर्णायक बैठक

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

दीघा अंडर पास की मांग को लेकर निर्णायक बैठक

आलोक कुमार

पटना.ब्रिटिश हुकूमत ने 1862 में पटना घाट से दीघा घाट के बीच माल परिवहन के लिए रेलखंड का निर्माण कराया था. बाद में भारत सरकार ने इस रेलखंड का उपयोग एफसीआइ गोदाम की कनेक्टिविटी के रूप में करना शुरू कर दिया.धीरे-धीरे इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया.आर. ब्लॉक से दीघा घाट का ट्रैक करीब 75.25 एकड़ जमीन पर बना है.इस पर अतिक्रमणकारी काबिज हो गए.

बताते चले कि 2004 में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे.उस समय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव थे.उन्होंने ही पटना घाट-दीघा घाट सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू कराया. सुबह में पटना घाट से चलकर शहीद गाड़ी आर. ब्लॉक होकर दीघा रेलखंड तक पहुंचती थी.इस रेलखंड के बीच में आर. ब्लॉक, सचिवालय, बेली रोड, पुनाईचक शिवपुरी, राजीव नगर एवं दीघाघाट हॉल्ट (स्टेशन)बनाए गए. सभी स्टेशनों पर बुकिंग काउंटर खोले गए.इस काम के लिए ठेकेदार नियुक्त किए गए. सवारी बैठती नहीं, ठेकेदार अपनी जेब से महीने में 700 टिकट का पैसा जमा करने लगे.इससे जितना राजस्व मिलता है, वह कमीशन में चला जाता है.


बताया जाता है कि हालांकि शुरुआत से ही यह रेलखंड रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ.इस पर चलने वाली ट्रेनों से प्रतिदिन रेलवे को 250 से 300 रुपये तक की आय होती है. जबकि रोजाना खर्च 20 हजार रुपये से अधिक का है.इस रेललाइन को घाटे में चलता देख राज्य सरकार ने रेलवे से इस जमीन की मांग की.प्रस्ताव था कि इस पर छह लेन की सड़क बनाई जाए.राज्य सरकार ने रेलवे को इस 75 एकड़ जमीन के बदले कहीं और जमीन देने की पेशकश की.परंतु रेलवे 75 एकड़ जमीन की बाजार दर के हिसाब से 900 करोड़ रुपये नकद अथवा इतने की ही जमीन देने की मांग की.मामला रेलवे बोर्ड में लंबित पड़ा रहा.बाद में जब एन.डी.ए. के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बने तो रेल अधिकारियों ने बिहार सरकार साथ बैठकर लेनदेन का मसला सलटा दिये.ट्रेन परिचालन बंद होने के बाद हो गये पूरे ट्रैक पर अतिक्रमणकारियों के कब्जे ट्रैक को मुक्त कराकर सिक्स लेन मार्ग बनने का मार्ग प्रर्दस्त हो गया. जो 2019 मार्च में कार्य आरंभ हुआ था.

इस कार्य से लोग काफी खुश हुए.लोगों का कहना है कि महेश नगर के पास पहले यू टर्न बोर्ड लगाया गया था. यहां यू टर्न या गोलंबर बनाने का प्रस्ताव था. नक्शे में भी इस बात का जिक्र था, लेकिन यहां से U टर्न हटा दिया गया.इसके कारण सदमे में चले गये.उसके बाद लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करने लगे.यहां के लोगों का कहना है कि शिवपुरी के बाद तीन किलोमीटर तय करके राजीव नगर तक जाने पर ही यू टर्न होने से करीब दो लाख की आबादी प्रभावित हो रहे हैं. पटेल नगर, इंद्रपुरी, महेश नगर, AG कॉलोनी, CDA कॉलोनी, आर्दश नगर, बाबा चौक सहित एक दर्जन मुहल्लों के लोग इस रास्ते का इस्तेमाल पहले से करते आ रहे हैं. यू टर्न हटा देने से करीब 2 लाख की आबादी प्रभावित हो रहे हैं.

राजधानी के दीघा-आर ब्लॉक पुल के पास सुबह 9 बजे से लगा जाम शाम 6:30 बजे हटाया गया.महेश नगर और इसके आसपास के इलाके के लोग यू टर्न की मांग को लेकर सड़क पर उतर गये थे. ट्रैक्टर लगाकर सड़क को जाम कर दिया गया. इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है.इन्हें हटाने के लिए काफी संख्या में पुलिस के जवानों को बुलाया गया.धरना दे रहे लोगों को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. साथ ही रोड पर लगाये गए टेंट, कुर्सियों को पुलिस ने जब्त कर लिया.प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल हमारे लिए मुश्किल बन गया है. बच्चों को स्कूल बस में बैठाने-लाने के लिए पहले पानी टंकी मोड़ जाते थे.अब 3 किलोमीटर घूमकर राजीव नगर, पॉलिटेक्निक मोड़ होते हुए जाना-आना होगा.


इस बीच बिहार की राजधानी पटना में बहुप्रतीक्ष‍ित सड़क योजना दीघा-आर ब्लॉक सिक्स लेन अब लगभग पूरी हो चुकी है.हड़ताली मोड़ पर ओवरब्रिज तैयार होने के बाद इसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है.इसके लिए अब निर्बाध पथ को जोड़ते हुए कालीकरण का कार्य भी पूरा हो गया है.अब रेलिंग व डिवाइडर के लिए आवागमन को रोका गया है.कार्य को पूरा कर एक जनवरी से आवागमन शुरू करने की तैयारी थी.

बीएसआरडीसी के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि सिक्स लेन सड़क तैयार हो चुकी है.14 जनवरी के बाद अधिकारिक रूप से शुभारंभ होने की उम्मीद है. इस पथ पर बस स्टॉप, पार्क, आकर्षक पेंडिंग, डिस्प्ले, पाथ-वे, टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण भी पूरा हो गया है. यातायात की निगरानी के लिए सीसी कैमरे भी लगाए गए हैं.इसकी मॉनीटरिंग कार्य सचिवालय थाना स्थित कंट्रोल रूम से होगा.

आर-ब्लॉक दीघा सिक्स लेन से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य


01 : आर ब्लॉक जीरो प्वाइंट पर बना है पार्क


07: जगहों पर सीसीटीवी

06: जगहों पर बस स्टॉप

06 : जगहों पर एलईडी स्क्रीन

02: टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण

460 मीट्रिक टन का भार देकर हड़ताली मोड़ ब्रिज का सफल ट्रायल


297 करोड़ की लागत से बन रही सिक्स लेन सड़क


6.3 किलोमीटर लंबी है सड़क


21 मीटर सिक्स लेन चौड़ाई

14 मीटर चौड़ाई वाले तीन फ्लाईओवर इस सड़क पर है अवस्थित

01 फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट से रहेगा सुसज्जित

420 सिंगल लाइट लगे हैं सर्विस लेन में

04 मीटर का हिस्सा मेट्रो के लिए सुरक्षित

01 सोलर ग्रिड प्रस्तावित

02 मीटर चौड़ा है पाथ-वे

2019 मार्च में आरंभ हुआ था कार्य

आज ए.एन.कॉलेज के पूर्व प्राचार्य बिहारी सिंह की अध्यक्षता में दीघा सिक्स लेन पर अंडर पास की  मांग को लेकर निर्णायक बैठक की गयी.इसमें महेश नगर, पटेल नगर, शिवपुरी आदि जगहों के लोग शामिल होंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर समस्या का समाधान करवाएंगे.जन प्रतिनिधियों से सहयोग लेंगे.हड़ताली स्थल पर जाकर धरना देंगे.इस पर भी बात नहीं बनने पर माननीय पटना उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका दायर करेंगे.इस बात की जानकारी विख्यात समाजसेवी विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा और राकेश जी ने दी है.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :