सोशल मीडिया पर सावधान रहें ,वर्ना कार्यवाई हो जाएगी

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सोशल मीडिया पर सावधान रहें ,वर्ना कार्यवाई हो जाएगी

आलोक कुमार 

पटना.उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि हाल के समय में बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का ‘सबसे ज्यादा’ दुरूपयोग हुआ है.इसके आलोक में बिहार सरकार ने सख्त कदम उठा लिया है.अब से सोशल मीडिया पर किसी के खिलाफ आपत्तिजनक या तथ्यहीन पोस्ट करने पर अब सीधे कार्रवाई होगी.गुरुवार को इस संबंध में ईओयू द्वारा जारी पत्र में ऐसे किसी पोस्ट की सूचना देने का आग्रह किया गया है जिससे व्यक्ति या संस्थान के साथ सरकार की प्रतिष्ठा का हनन होता है या किसी की छवि धूमिल होती है. इस श्रेणी में आपत्तिजनक, अभद्र और भ्रांतिपूर्ण टिप्पणी आएगी.

आज ईओयू के एडीजी एनएच खान ने सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि उनके अधीन किसी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ ऐसा कोई पोस्ट सामने आता है तो तुरंत इसकी जानकारी दें. इसे सोशल मीडिया का दुरुपयोग मानते हुए जांच की जाएगी और आईटी एक्ट के तहत पोस्ट डालनेवाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. माननीयों के साथ किसी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी या अन्य व्यक्ति की प्रतिष्ठा का हनन या छवि धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया पर किए जानेवाले आपत्तिजनक, भ्रामक या अभद्र टिप्पणी की शिकायत मिलती है तो नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 



बिहार सरकार के किसी मंत्री, सांसद, विधायक या अफसर के खिलाफ गलत टिपण्णी करने वाले अब सीधे जेल जायेंगे. नीतीश सरकार की ओर से यह फरमान जारी किया गया है. आर्थिक अपराध इकाई यानी कि ईओयू ने बिहार सरकार के सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखकर ऐसे किसी पोस्ट की शिकायत करने को कहा है. सोशल मीडिया पर गलत तरीके से सरकार या सरकार से जुड़े किसी भी व्यक्ति जैसे कि एक कर्मचारी के खिलाफ भी अगर किसी ने गलत टिपण्णी की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बिहार सरकार की ओर से जारी नए फरमान के मुताबिक प्रतिष्ठा हनन या छवि धूमिल करने के आरोप में ऐसा करने वाले लोगों के विरूद्ध आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज होगा और जांच की जाएगी. साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए राज्य में ईओयू को नोडल एजेंसी बनाया गया है. साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच में वह स्थानीय पुलिस को भी सहयोग देती है. चूंकि भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट साइबर क्राइम की श्रेणी में आएगा, लिहाजा ईओयू की ओर से यह पत्र लिखा गया है.

सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति या संस्थान के साथ सरकार की प्रतिष्ठा का हनन होता है या किसी की छवि धूमिल होती है, तो इसके लिए ऐसा करने वाले लोग खुद जवाबदेही होंगे और उनके खिलाफ अब कड़ा एक्शन लिया जायेगा. बिहार सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आपत्तिजनक या तथ्यहीन पोस्ट करने पर अब कार्रवाई होगी.

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