शराबबंदी में जहरीली शराब पीने से तीन की मौत

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शराबबंदी में जहरीली शराब पीने से तीन की मौत

कैमूर. बिहार के कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र के कूड़ासन गांव में शुक्रवार की देर शाम जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई.ग्रामीणों ने बताया कि कूड़ासन गांव में 8 की संख्या में ग्रामीण एक साथ बैठकर शराब का सेवन कर रहे थे, जिसके बाद उन लोगों की अचानक तबीयत बिगड़ गयी. देखते ही देखते तीन लोगों की दर्दनाक तरीके से मौत हो गयी.

बिहार में एक अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है.शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए क़ानून बनाये गए हैं.इस कानून को तोड़ने के मामले में एक लाख से ज़्यादा लोगों को अब तक गिरफ़्तार किया जा चुका है.खबर है कि बिहार में एक और जहरीला शराब कांड हो गया है. कैमूर के कूड़ासन गांव में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. पांच की स्थिति गंभीर है.गांव में जाने वाले अधिकारियों को ग्रामीणों खदेड़ दिये.

बताया जाता है कि राजधानी पटना में स्थित एसके मेमोरियल हॉल के एक कोने से निकली धीमी-सी आवाज- नीतीश जी शराब को बंद करा दीजिए, इस आवाज ने एेसा असर डाला कि बिहार में इसके लिए सख्त कानून बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बहुत बड़े सामाजिक दायित्व के निर्वहन का बीड़ा उठाया और उसे पूरा कर दिखाया.


बिहार में एक अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है.आज भी वह दिन बिहार के लिए यादगार बनकर रह गया.शराबबंदी के इस बड़े फैसले की एक ओर तारीफ हुई तो दूसरी ओर निंदा भी. सब झेलते हुए आखिरकार शराबबंदी ने अपने चार साल पूरे कर लिए.

इन चार साल के दरम्यान बिहार में वैसे तो शराबबंदी है, लेकिन हर दिन शराब का खेप पकड़े जाने की खबरें सुर्खियों में रहती हैं. हालांकि, आम दिनों में आने वाली ऐसी खबरों से इतर कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं जिससे सरकारी अधिकारियों के कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो जाते हैं.

पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय अग्रवाल ने शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने दिया निर्देश है.बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद शराब माफिया की सक्रियता सरकार की किरकिरी करा रही है, इसे देखते हुए पटना के कमिश्नर संजय अग्रवाल ने एक बड़ा आदेश दिया है. कमिश्नर संजय अग्रवाल ने पटना के डीएम और एसएसपी को निर्देश दिया है कि शराब माफिया से कनेक्शन रखने वाले दोषी अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई की जाए. कमिश्नर संजय अग्रवाल ने इस मामले में अधिकारियों के ऊपर एफआईआर दर्ज कर तुरंत जेल भेजने को भी कहा है.


पटना हाई कोर्ट ने गोपालगंज जिले के खजुरिया ग्राम में अवैध शराब पीने से हुई 16 लोगों की मौत मामले में विभिन्न पदों पर रहे पुलिसकर्मियों के बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया. जस्टिस आशुतोष कुमार ने इस मामले में 10 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी को रद्द करते हुए राहत दी.इन पुलिसकर्मियों में मिथिलेश्वर सिंह, नीतीश कुमार सिंह, मनीष कुमार, सुनील कुमार श्रीवास्तव, चंद्रिका राम, धीरज कुमार राय, राज भारत प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह व नवल कुमार सिंह  शामिल हैं.


 इस बीच बिहार में एक और जहरीला शराब कांड हो गया है. कैमूर के कूड़ासन गांव में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. पांच और लोगों की हालत गंभीर है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मामले के सामने आने के बाद सरकार और प्रशासन में हडकंप है. बहुत कुरेदने के बाद पुलिस बोली है-मामले की छानबीन की जा रही है जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.


कैमूर के कूड़ासन गांव में जहरीली शराब पीने के बाद गंभीर रूप से बीमार हुए धर्मेंद्र कहार ने बताया “कूड़ासन गांव में ही मुन्ना मुसहर के यहां हम लोगों ने शराब पिया था. इससे मेरी तबीयत बहुत खराब हो गयी है, इसलिए अस्पताल में भर्ती हुआ हूं. जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गयी है.”जहरीली शराब पीने से गंभीर रूप से बीमार हुए धर्मेंद्र मुसहर के बयान से सारी तस्वीर साफ हो जाती है. शराबबंदी वाले राज्य में न सिर्फ शराब बिक रही है बल्कि बनायी भी जा रही है.दरअसल ये मामला भभुआ थाने के कूड़ासन गांव का मामला है. शुक्रवार की शाम ये वाकया सामने आया. गांव के लोगों ने बताया कि 8 लोगों ने गांव से ही बन रही शराब को खरीद कर पिया था. शराब पीने के दौरान ही सारे लोगों की तबीयत खराब होने लगी. तीन लोगों ने वहीं दम तोड़ दिया. 

ग्रामीणों के मुताबिक जहरीली शराब पीने से 3 लोगों की मौत हुई. पांच लोगों की हालत गंभीर है. उनमें से दो को उत्तर प्रदेश के बनारस भेजा गया है. बाकी तीन को कैमूर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कैमूर सदर अस्पताल में भर्ती धर्मेंद्र कहार से हमारी टीम ने बात की तो उसने शराब पीने और उसके बाद तबीयत खराब होने की बात स्वीकारी.



कैमूर जिला प्रशासन में हडकंप मच गया. आनन फानन में कैमूर के डीएम, एसपी के साथ साथ दूसरे अधिकारी कूड़ासन गांव पहुंचे. जहरीली शराब से हुई मौत के बाद मरने वालों के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी. 

इस मामले पर कैमूर के डीएम और एसपी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है. वहीं डीएसपी सुनीता कुमारी ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है.जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. पुलिस के अधिकारियों ने जहरीली शराब से मौत की बात को मानने से फिलहाल इंकार कर दिया है.  प्रशासन ने शवों को अपने कब्जे में ले लिया है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

परिजनों का मानना है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से ही हुई है. जबकि पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकारी इस मामले पर अभी चुप्पी साधे हुए हैं और जांच के बाद ही पुष्टि करने का मन बना चुके हैं.वहीं परिजनों का कहना है कि अब बिहार से शराबबंदी उठा ही लेने में बुद्धिमानी है.अब तो हर जगहों से शराब बरामद होने की खबर मिलने लगी है.अब तो पुलिसकर्मियों में दमखम नहीं रहा जो 2016 में था.

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