नवदीप कौर को यातनाएं-मीना हैरिस

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नवदीप कौर को यातनाएं-मीना हैरिस

आलोक कुमार  

हरियाणा.हरियाणा के करनाल जेल में बंद हैं श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर.इसकी सुधि अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने ली हैं.उन्होंने एक ट्वीट कर दावा किया  कि पुलिस हिरासत में नवदीप कौर को यातनाएं और यौन उत्पीड़न किया गया.  

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने जेल में बंद दलित मजदूर अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर के लिए आवाज उठाई.मीना ने ट्विटर पर लिखा है कि यह देखना बेहद अजीब है कि एक कट्टरपंथी भीड़ आपकी फोटोग्राफ जला रही है.सोचिए अगर हम भारत में रह रहे होते, तो यह लोग क्या करते.मैं बताती हूं- 23 साल की श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को गिरफ्तार किया गया, उन्हें पुलिस कस्टडी में उत्पीड़ित किया गया और उन पर यौन हमले किए गए. उन्हें बिना बेल दिए 28दिन से ज्यादा वक्त से हिरासत में रखा गया है.नवदीप को सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. वे 28 से भी ज्यादा दिनों से जेल में बंद हैं. 

पंजाब के मुक्तसर में मजदूर परिवार में जन्मीं नवदीप कौर स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेना चाहती थीं, लेकिन जब उनके परिवार को आर्थिक परेशानी हुई तो उन्हें रोजगार की तलाश करनी पड़ी.दिसंबर में उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने किसानों के साथ विरोध करना शुरू कर दिया था. 

कुंडली(सोनीपत) में फैक्ट्री मालिक द्वारा पिछले कई महीनों के काम का वेतन न देने पर मजदूर अधिकार संगठन की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसी दौरान फैक्ट्री मालिक द्वारा बुलाए गए गुंडों ने मजदूरों के साथ हाथापाई की और कई हवाई फायर किए. 

मज़दूर अधिकार संगठन (एमएएस) से जुड़ी नवदीप कौर ने 12 जनवरी को उन मज़दूरों को लेकर फ़ैक्ट्री गई थीं जिनकी सैलरी बकाया थी और कंपनी पैसे देने से इनकार कर रही थी.एमएएस ने बयान जारी कर कहा है कि पुलिस ने मज़दूरों और नवदीप कौर के साथ हाथापाई की और उसी दौरान पुलिसकर्मियों को हल्की फुल्की चोट आई, जिसे हत्या की कोशिश में बदल दिया गया. 

कुंडली थाने के एक पुलिस अधिकारी ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि इस घटना में एसएचओ का सिर फूट गया और एक सिपाही के पैर में चोट आई थी, जिनका मेडिकल कराया गया.पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब नवदीप कौर को पुलिस थाने में बंद किया गया तो क़रीब 50 मज़दूर उसे छुड़ाने वहां पहुंचे जिसके बाद उसे पुलिस ने अज्ञात जगह पर भेज दिया.एमएएस का कहना है कि नवदीप के साथ कुछ और लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है. 

बीते कुछ सालों से मज़दूर अधिकार संगठन, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री के सताए हुए मज़दूरों की मदद कर रहा है और मज़दूरों के हक़ दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है.संगठन ने अपने बयान में कहा है कि सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में भी नवदीप कौर और उनके साथी लगातार शामिल रहे थे और साथ ही मज़दूरों की समस्या को हल कराने की कोशिशों में भी जुटे थे. 

ताज़ा घटना दो जनवरी की पृष्ठि भूमि में हुई है, जब अपना बकाया वेतन देने की मांग को लेकर फ़ैक्ट्री गेट पर पहुंचे तो फ़ैक्ट्री के बाउंसरों और मज़दूरों के बीच झड़प हुई.इस घटना का एक वीडियो सामने आया है। कहा जा रहा है कि इस दौरान गोली भी चली थी. 

संगठन के कार्यकर्ताओं के अनुसार, दो जनवरी को जब इस घटना की शिकायत कुंडली थाने पर की गई तो पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की और उल्टे नवदीप कौर और कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर लिया. 

पुलिस पर आरोप है कि उसने बाउंसरों की ओर से चलाई गोली का संज्ञान नहीं लिया और सबूत का हवाला देते हुए उनको छोड़ दिया.संगठन का आरोप है कि, लेकिन 12 जनवरी को जब फिर मज़दूर फ़ैक्ट्री गेट के सामने जाकर बकाया वेतन की मांग उठाने लगे तो मौके पर पहुंची पुलिस ने सीधे लाठी चार्ज कर दिया.प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वहां पुलिस ने खुद हवाई फ़ायर किया और महिला प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की जिसमें महिलाओं के कपड़े फट गए. 


संगठन के सदस्यों का कहना है कि चूंकि मज़दूर किसान आंदोलन में लगातार शिरकत कर रहे हैं और अपनी भी आवाज़ उठा रहे हैं, सरकार पूरी तरह डरी हुई है और इस तरह की प्रताड़ना से लोगों की आवाज़ दबा रही है.कई मज़दूर संगठनों ने नवदीप कौर की गिरफ़्तारी की निंदा की है और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है. 

पंजाब के मुक्तसर साहिब के तहत गांव ग्यानंदर की रहने वाली नवदीप कौर  के पिता का नाम सुखदीप सिंह है. नवदीप कौर को 12 जनवरी 2021 को आईपीसी की धारा 148, 149, 323, 452, 384 और 506 के तहत गिरफ्तार किया गया था. नौदीप कौर  पर कुंडली पुलिस स्टेशन में इन धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. ये एफआईआर पीड़ित ललित खुराना की शिकायत के बाद दर्ज की गई थी, जो एक प्राइवेट कंपनी में एकाउंटेंट हैं.  

संगठन ने हरियाणा पुलिस पर संगीन आरोप लगाया है कि नवदीप के शरीर और अन्य प्राईवेट पार्ट्स पर गंभीर चोटें आई हैं और पुलिस ने उनका मेडिकल तक नहीं कराया. 13 जनवरी को नवदीप को 14 दिन के न्यायिक हिरासत पर करनाल जेल भेज दिया गया. 
आरोप है कि पुलिस ने 12 जनवरी की रात कस्टडी में नवदीप को टॉर्चर किया, जबकि महिला पुलिस मौजूद नहीं थीं. 

मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से वकील जितेंद्र कुमार का ने बताया कि युवा एक्टिविस्ट नवदीप को यौन यातनाएं दी गई हैं.ऐसी खबरें भीतर तक हिला कर रख देती हैं.हाल ही में किसी जगह की कोई ख़बर आई थी कि जेल में बंद एक महिला को यौन संबंध बनाने से इंकार करने पर भूखा रखा जाता है. 

ऐसी बेबस महिलाओं की बातें बाहर नहीं निकलेंगी, उत्पीड़कों को काफी हद तक यह भरोसा होता है. लेकिन किसी आंदोलन के बीच से उठाई गई एक्टिविस्ट को भी यौन यातनाएं दी जाएं जबकि यह साफ़ है कि उसके उत्पीड़न की ख़बर बाहर आएगी ही आएगी, यह हमारे लिए भयावह स्थिति का उदाहरण है. छत्तीसगढ़ में सोनी सोरी को भयानक यौन यातनाएं दी गई थीं और इस बारे में खबरें आई थीं तो लगा था कि भूचाल आ जाएगा लेकिन सबसे ज़िम्मेदार माने जाने वाली राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की महिला इकाई भी उस वक़्त लगभग चुप्पी साधे रही थी.सोनी सोरी आदिवासी हैं, नवदीप दलित हैं. 

वहीं लगभग 28 दिन से जेल में बंद नवदीप कौर  की जमानत याचिका दो बार खारिज कर दी गई है. जमानत के लिये अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी. इस बीच नवदीप कौर  की छोटी बहन राजवीर कौर ने इन आरोपों का खंडन किया है. राजवीर कौर का दावा है कि उनकी बहन को झूठे आरोपों में फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि 'मेरी बहन मजदूर और दलित अधिकार कार्यकर्ता है. वो फैक्टरी में कुछ मजदूरों की मजदूरी दिलाने के लिये गई थीं, लेकिन कारखाना मालिक ने उन पर गोली चलवा दी, इसकी शिकायत करने का प्रयास किया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.'  वहीं अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने एक ट्वीट में दावा किया  कि पुलिस हिरासत में नवदीप कौर  को यातनाएं और यौन उत्पीड़न किया गया. उन्होंने यह भी दावा किया है कि उन्हें 28 दिनों के लिए जमानत के बिना हिरासत में लिया गया. 

पिछले 28 दिनों से हिरासत में रखी गईं हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली दलित मजदूर अधिकार कार्यकर्ता और मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य 23 वर्षीय नवदीप कौर के परिजनों ने कहा है कि उनकी रिहाई के लिए वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. चार दिन पहले ही सोनीपत के सत्र न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. 

पंजाब राज्य अनुसूचित आयोग ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव से श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर (Navdeep Kaur) से जुड़े मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में कौर को सोनीपत की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. वह हरियाणा के करनाल जेल में बंद हैं. 

मीडिया में आई कुछ खबरों पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा कि गृह मामलों और न्याय से संबद्ध पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस मामले में हस्तक्षेप करके जल्द से जल्द कौर को राहत मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. 


कौर (23) कार्यकर्ता मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं और उन पर हत्या के प्रयास और उगाही के आरोप हैं. उन्हें हरियाणा के सोनीपत में अन्य के साथ मिलकर एक औद्योगिक इकाई का कथित रूपसे घेराव करने को लेकर 12 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था.

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