चंचल
गांव में भूख बहुत लगती है . कई इंद्रियां भूख बयान करने लगती हैं . आंख थाली निहारती है ,हसरत से . थाली में परोसे गए व्यंजन को . उसका रंग , आकार , घनत्व , और सब मिला कर कम्पोजीशन . थाली देखते ही व्यंजनपरखी भूख रसोइए के मन मिजाज को भांप लेता है . इसी तरह सुगंध . वाह ! और घर कुछ गलत हुआ तो . उफ्फ !, की बऊ दी ! मूड भालो ना कि ? फिर स्वाद . खाने का बखान करनेवाले अब नही रहे . कवि त्रिलोचन , सुपर स्टार राजेश खन्ना , जन नेता कर्पूरी ठाकुर , तबलाबादक गुदई महराज , कथा लेखक गुलशेरखां शानी , यायावर मरहूम अक्षय उपाध्याय , भोजन पर ये लोग ऐसे बैठते थे जैसे इबादत पर हों . भोजन है भी इबादत . एकाध इंद्रियों को कुछ देर के लिए किनारे दीजिए तो बाद बाकी सारी इंद्रियों को जगा कर , आह्वाहन करके भोजन ग्रहण करना चाहिए . यह बात गांव कहता है जो अन्न उपजाता है . पत्रकार अंबरीश कुमार का एक कार्यक्रम है ' भोजन के बाद , भोजन पर बात . दिलचस्प होता है . सच्ची बताऊं ! लंबे अंतराल के गांव आने पर वही सुख मिला जिसे छोड़ कर शहर गया था . कुछ परिवर्तन हुआ है , तमाम जिनिस के साथ भोजन भी रंग बदले दिखता है . टी बी का फ़िल्म का और भोंडी नकल के चलते गांव के बाजारों में शी सा करते , मुह फैलाये, जीभ निकाले लाखैरे दोना चाटते मिल जांयगे . चाओ मीन , नूडल , मोमो , आदि आदि के बीच पकौड़ी , समोसा , जलेबी भी जिंदा दिखाई पड़ जाती है पर गांव के घर मे अभी भी ' जो जिससे बना है ' , उसी असली नाम से महकता मिल जाएगा .
गांव का खाना , कलेवा से शुरू होता है दिया लेसाने
तक चलता है . गांव में मौसम बहुत मतलब रखता है . हर मौसम का अपना अन्न है अपना फल है . यहां ' आफ सीजन ' वर्जित ' है .ठीक उसी तरह जैसे हर मौसम के अपने गीत हैं कजरी फागुन में नही चलेगी , न ही जाड़े में फगुआ . गांव में ठंड का मौसम खाने में विबिधता देता है . आज आलू मटर . धनिये की चटनी . इस चटनी से जो आवाज निकलती है , बहुत नाकिस आवाज . धोखेबाज . आलू मुह में डाला , चटनी जीभ पर रखा , तब तक फोन की घण्टी बजी - हलो के पहले चटनी बोल गयी .
- बत्तमीज ! इडियट , किसी महिला से बात करने का यह तरीका है ?
- उओह , सुनिए तो सही
- लोफर कहीं के , तमीज से रहा करो . शटअप
मोटू की आंख का कोना बता रहा है उधर क्या हुआ ? अब इनकी बारी - नौटंकी , दुष्ट , नशेड़ी . और लो चटनी का मजा .
फागुन सुनो हो फागुन
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments