जानकारी मांगी तो एक्टिविस्ट को जेल भेज दिया

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जानकारी मांगी तो एक्टिविस्ट को जेल भेज दिया

आलोक कुमार 

पटना. यह तो देश-प्रदेश में अघोषित आपातकाल ही है.केंद्र की सरकार ने देश में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की तरह आपातकाल लागू करने के पक्ष में नहीं है.पर सरकार का कार्य व्यवहार 1975 की तरह ही है.किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर टूलकिट फैलाने के मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (21वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है.वहीं बिहार के सुपौल में रहने वाले आईटीआई एक्टिविस्ट अनिल कुमार सिंह ने आरटीआई के माध्यम से कौशिकी भवन के बारे में जानकारी मांगी है.तो जिला प्रशासन ने जानकारी देने के बदले आईटीआई एक्टिविस्ट को हथकड़ी दे दी.उसे हथकड़ी में जकड़ने के बाद जेल भेज दिया गया. 

कौन हैं अनिल कुमार सिंह 

कई वर्षों तक अनिल कुमार सिंह तक एक पत्रकार के रूप में सूबे के प्रतिष्ठित दैनिक हिंदुस्तान के लिए सुपौल से कार्य कर चुके हैं.उसके बाद अनिल कुमार सिंह आरटीआई के सदस्य हो गये.एक आईटीआई एक्टिविस्ट रूप में सक्रिय होने के नाते कई महत्वपूर्ण और समीचीन कार्यों में हुए घपले को उजागर किये है. इस बार कौशिकी भवन पर निशाना साधे हैं. उन्होंने सात करोड़ की फर्जी सप्लाई के लिए सुपौल के डीएम से जवाब मांगा.मामला वीरपुर में बने कौशिकी भवन का है.यह मामला सीधे सरकार से जुड़ हुआ है.सत्ता और सुशासन बाबू के लोगों को उम्मीद है कि आरटीआई के जवाब देने से दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.इससे कांप गये.सुपौल प्रशासन ने अनिल कुमार सिंह को सर्विलांस के जरिये सहरसा में सिविल ड्रेस में गिरफ्तार कर सुपौल के सुदूर थाना में रात भर रखकर दूसरे दिन हथकड़ी लगाकर कोर्ट के सामने पेश किया वो कई सवाल छोड़ गया। क्या यही सुशासन है? 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुभारम्भ किया गया था 

कुसहा त्रासदी के बाद कोसी पुनर्निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 650 करोड़ की राशि के कार्ययोजना की स्वीकृति दी गयी थी. इसके पूर्व कुसहा बांध को पुनस्थापित कर लिया जा चुका था. कोसी पुनस्थापना के तहत 320 करोड़ की कार्ययोजना मुख्य अभियंता वीरपुर को एवं शेष मुख्य अभियंता पूर्णिया परिक्षेत्र को मिला. इसके तहत दोनों परिक्षेत्र के नहरों के जाल,आवासों, उसकी सड़कों, कोसी का एकमात्र वीरपुर हवाई अड्डा आदि के पुनस्थापन एवं 30 करोड़ की लागत से कोसी के कार्यालयों के लिए कौशिकी भवन का निर्माण कार्यों का शुभारम्भ उक्त तिथि को मुख्यमंत्री के हाथों किया गया था.कौशिकी भवन पर एक नजर.कुल लागत राशि 44 करोड़ रुपये.कुल क्षेत्रफल 22518.37 वर्ग मीटर.जमीनी मंजिल क्षेत्रफल 523.57 वर्गमीटर. 
पहली मंजिल क्षेत्रफल 5107 वर्गमीटर.आखिरी मंजिल क्षेत्रफल 5328.86 वर्गमीटर. 


भव्य कौशिकी भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया 

वीरपुर स्थित कोसी नदी से संबंधित बाढ़-राहत-बचाव के लिए बने मुख्यालय वीरपुर में राज्य के जल संसाधन विभाग ने भव्य कौशिकी भवन का निर्माण किया है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. इसमें मुख्य अभियंता से सहायक अभियंता स्तर तक के सभी पदाधिकारी एक ही भवन में कार्य संचालित कर सकेंगे.पहली मंजिल पर राजकीय व राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार हॉल का भी निर्माण किया गया है. इसी तल पर बाढ़ एवं ¨सचाईं से संबंधित कार्यालय के भी कमरे हैं. दूसरी मंजिल पर कुछ कमरों को सुरक्षित रखा गया है जिसे भविष्य में कार्यालयों से संबंधित कार्य मे लाया जाएगा. साथ ही कौशिकी भवन के पिछले भाग में भूतल पर दो कमरों का डोरमेट्री व प्रथम तल पर चार कमरों की एक अतिथिशाला बनाई है.नवनिर्मित कौशिकी भवन में सुरक्षा के दूष्टिकोण से सीसीटीवी, अग्निशमन यंत्र, अग्नि अलार्म की भी पर्याप्त व्यवस्था है. इस भवन में विद्युत आपूर्ति के लिए इलेक्ट्रिकल सब स्टेशन, 500 केवीए व 63 केवीए के दो जेनरेटर लगे हैं. जल संसाधन विभाग के अनुसार कौशिकी भवन को भूकम्प रोधी मानकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिससे भविष्य में कोई अनहोनी न हो. 


शख्स कोई शार्प शूटर या कोई गैंगस्टर नहीं  

पुलिस के द्वारा लॉक हथकड़ी जिनके हाथ में है वो कोई शार्प शूटर या कोई गैंगस्टर नहीं बल्कि  एक आरटीआई कार्यकर्ता है.कसूर सिर्फ ये है कि उन्होंने  कुसहा त्रासदी के बाद बेहतर कोसी का वादा और कोसी पुनर्निर्माण के तहत 320 करोड़ की राशि से कोसी पुनस्थापन की कार्ययोजना के तहत वीरपुर में बनने वाले कौशिकी भवन के निर्माण खर्च की जानकारी मांग रहा है. बाद में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 650 करोड़ की राशि के कार्ययोजना की स्वीकृति दी गयी थी.अब उसमें और बढ़ोतरी कर दी गयी.अनुमान है कि सात करोड़ की फर्जी सप्लाई के लिए सुपौल के डीएम से जवाब मांगा.23 फरवरी को सुपौल अनिल कुमार सिंह जी से मिलने राज्य के पत्रकार संगठनों का टीम जा रहा है.

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