मुजफ्फरपुर.शांतिपूर्ण ढंग से मंगलवार को भी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के द्वारा तीन काले कानून के विरोध में धरना दिया जा रहा था.इस बीच लाठी-डंडो से लैस होकर गुंडे जय श्री राम के नारे लगाने लगे और शहीद खुदी राम बोस स्मारक स्थल पर बैठे सत्याग्रियों पर लाठी-डंडो से वार करने लगे .इससे सत्याग्रही चोटे खा बैठे.चंदेश्वर चौधरी और मो.इदरीश को काफी चोटे आयी है.हमलावर को रोकने के प्रयास के क्रम में उग्र होकर कुछ ने बैनर व पोस्टर फाड़ने लगे. सभी हमलावर विश्व हिंदू परिषद के बताये गए हैं.
मुजफ्फरपुर में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के द्वारा तीन काले कानून के विरोध में बेमियादी धरना जारी है. इसके 69 दिन अप्रत्याशित घटना हो गयी.कोई15-20 की संख्या में विश्व हिंदू परिषद के लोग धरना स्थल पर आ गये और जोरजोर से जय श्री राम के नारे लगाने लगे.ऐसा नहीं करने पर उग्र होकर बैनर व पोस्टर फाड़ना शुरू कर दिए.इन लोगों को रोकने पर सभी हमलावर हो गये और मार पिटाई शुरू कर दी.कई धरनार्थी चोट खा बैठे.अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के साथियों पर लाठी डंटे से हमला किया गया है. जिसमे साथी चंदेश्वर चौधरी और मो. इदरीश को काफी चोटे आयी है. साथियों पर लाठी - डंटे से हमला किया गया है.ये सभी विश्व हिंदू परिषद के पालतू गुंडे हैं.जो निहत्थे किसानों पर लाठी डंडो से हमला कर दिये.
बताया जाता है कि मंगलवार को धरना स्थल पर चौधरी छोटु राम जी की जयंती मनायी जा रही थी.इसी बीच 15-20 की संख्या में विश्व हिंदू परिषद के कुछ लोग आये.जो हमलावर हो गये.हमलावर 69 दिनों से शांतिपूर्ण ढंग से जारी धरना को समाप्त करने की धमकी भी दे रहे थे.हमलावरो की पहचान विडियो और फोटो से किया जा सकता है. प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है अब देखना है सुशासन बाबू की पुलिस किसकी मदद करती है.
राष्ट्र सेवा दल के नेता शाहिद कमाल की अध्यक्षता में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक चंद्रशेखर भवन मे हुई ,जिसमें लगभग नौ संगठनों के किसान नेता मौजूद थे.बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि इस तीनों काले कानून से किसानों -मजदूरों को कारपोरेट का गुलाम बनना पड़ जाएगा. अडानी और अंबानी की नजर अब देश की किसानों पर है.पंजाब, हरियाणा, मध़यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में अडानी और अम्बानी का गोदाम भी बनना शुरू हो गया है.केन्द्र की सरकार अडानी व अम्बानी के लिए रेल की लाईने बिछाने कार्य कर रही है. अभी केन्द्र की मोदी सरकार कारपोरेट के एजेंट की भूमिका में है.वक़ताओ ने कहा कि किसान विरोधी तीनों काले कानून ,प्रस्तावित 2020 बिजली बिल को रद करवाके ही किसान दम लेगें. इस बैठक में मुख्य रूप से प्रो. अवधेश कुमार, मुकेश ठाकुर, साथी शत्रुधन भाई, चंदेश्व र भाई, झा जी, मदन जी, योगेन्द्र जी, उदय चौधरी, समेत दर्जनो साथियों ने भाग लिया.
खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर किसान आंदोलन का बेमियादी धरना 69वें दिन जारी रहा.मुजफ्फरपुर में किसान आंदोलन के समन्वयक एसयूसीआइ के जिला सचिव अर्जुन कुमार ने कहा कि किसानों के आंदोलन को सरकार जबरन दबा रही है. लेकिन जबतक सरकार नहीं झुकेगी तबतक किसानों के समर्थन में यहां भी आंदोलन जारी ही रहेगा.
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलनकारियों पर अब मुजफ्फरपुर में भी हमले हो रहे हैं. इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है. उन्होंने कहा कि बीते 26 जनवरी को मुजफ्फरपुर में आयोजित किसान आंदोलन से लौट रहे किसान आंदोलन के कार्यकर्ताओं पर दिघरा में जानलेवा हमला करने वाले हमलावरों को 15 दिन बीत जाने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई थी, जबकि कई हमलावरों की पहचान कर पुलिस को उनके नाम भी बताए गए हैं. खालिस्तानी आतंकवादी कह कर उनपर हमला किया गया. कुमार ने बताया कि आंदोलन की कड़ी में बीते मंगलवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, मुजफ्फरपुर के बैनर तले सैकड़ों किसान - खेत मजदूरों ने मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन सौंपा था.इसके पहले शहीद खुदीराम बोस स्मारक स्थल, कंपनीबाग से एक जुलूस निकला जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पहुंचा.
असामाजिक तत्व से चाहे जितना हमला करवा ले यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है.उन्होंने पीडि़त किसानों पर किसी तरह के झूठे मुकदमों पर रोक लगाने की मांग की.उन्होंने कहा कि सरकार जो कानून लाई है वह बड़े घरानों के लिए है.किसानों के लिए नहीं है.सरकार इस पर विचार कर अविलंब कानून को वापस ले.
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