पंकज चतुर्वेदी
मीटू मामले में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की शिकायत के मामले में दिल्ली की अदालत द्वारा आज फैसला सुनाते हुए रमानी को आरोपमुक्त करते हुए बरी कर दिया है. अदालत ने रमानी के खिलाफ अकबर की ओर से दाखिल मानहानि मुकदमे को खारिज कर दिया है.
अदालत ने कहा कि महिलाओं को अधिकार है कि वह घटना के एक दशक बाद भी उचित मंच पर शिकायत कर सकें. कोर्ट के इस फैसले को एमजे अकबर के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
2018 में मी टू कैंपन के दौरान प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा था कि जब 20 साल पहले अकबर एक अंग्रेजी अखबार के संपादक थे, तो वह नौकरी के साक्षात्कार के लिए मिलने गई थीं. इस दौरान अकबर ने उनका शोषण किया. इसके बाद एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने रमानी का साथ दिया था.
इन आरोपों पर बवाल होने पर एमजे अकबर ने अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए प्रिया रमानी पर मानहानि का केस दर्ज कराया था. अकबर ने घटना के बाद 17 अक्टूबर, 2018 को केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. प्रिया रमानी की तरफ से रेबेका जॉन और कुंजी टीम ने कानूनी युद्ध को नुकाम पर पहुंचाया.
चित्र में रमानी के साथ रेबेका .
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