सीतामढी़.मान्यता है कि माता सीता का जन्म बिहार के सीतामढ़ी शहर से करीब पांच किमी दूर पुनौरा नाम के स्थान पर हुआ था.इस जगह पर माता सीता का एक मंदिर भी है.यहीं पर राजा जनक को एक कलश में माता सीता मिली थीं.फिलवक्त यहां के किसान आक्रोशित हैं.आक्रोशित गन्ना किसानों ने शनिवार को समाहरणालय के समक्ष गन्ना दहन किया.वहीं राज्य सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी.तीनो काला कानून वापस करो को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
संत रविदास जयंती तथा क्रांतिकारी शहीद चन्द्रशेखर आजाद के शहादत दिवस को 'किसान मजदूर एकता दिवस' के रुप मे मनाया गया.राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत एआईकेएससीसी सीतामढी़ के बैनर तले सीतामढी़ समाहरणालय पर धरना-प्रदर्शन किया गया.कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान नेता जयप्रकाश राय ने की. इस संबंध मे राष्ट्रपति के नाम संबोधित राष्ट्रीय मांगों तथा डीएम के नाम स्थानीय मुद्दों पर दो मांग पत्र समाहर्ता को सौंपा गया.
रीगा चीनी मिल चालू हो, किसान-मजदूरों के सभी बकाये150 करोड रु. का भुगतान हो,खेतों में सूख रहे 5 लाख क्वि.गन्ना के मूल्य का सरकार भुगतान करे. किसान विरोधी तीनो कानून रद्द हो,एमएसपी सीटू+50%पर कानून बने,जिले मे अपराध तथा हत्या बंद हो तथा अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो, डीजल, पेट्रोल तथा गैस पर टैक्स कटौती कर कीमत घटाने जैसे ज्वलंत सवालों पर मांग पत्र में उल्लेख था.
अन्य मांगों मे बागमती तथा अधवारा समूह की नदियों पर तटबंध तथा ऊंचीकरण का खेल बंद करने तथा खेतों को उपजाऊ पानी उपलब्ध कराने,लखनदेई उडाही का लंबित कार्य शीघ्र पूरा कराने,किसान मजदूरों से जुडी योजनाओं मे भ्रष्टाचार पर रोक तथा सभी को कृषि इनपुट का लाभ देने,पूर्व की भांति 3500/-रु. लेकर नो ड्यूज देने तथा विद्युत कनेक्शन विच्छेद नही करने,कृषि उत्पादन की लागत घटाने के लिए उर्वरक, कीटनाशकों पर सब्सिडी बढ़ाने,कृषि ऋण से मुक्ति,निःशुल्क विद्युत आपूर्ति तथा ब्याजमुक्त ऋण की व्यवस्था करने की मांग की गई.
अम्बेडकर प्रतिमा स्थल पर ही सभा को विधायक मुकेश कुमार ने संबोधित कर किसानों की मांगो का पुरजोर समर्थन किया.सभा को किसान नेता डा.आनन्द किशोर,विश्वनाथ बुन्देला,केदार शर्मा, वरीयअधिवक्ता रामपदारथ मिश्रा,जलंधर यदुबंशी, ओमप्रकाश,प्रो.दिगम्बर ठाकुर,संजय कुमार,मुकेश कुमार मिश्रा,आलोक कुमार सिंह,बैधनाथ हाथी,प्रमोद कुमार नील,जीवनाथ साफी,चन्द्रदेव मंडल, अल्पसंख्यक मोर्चा के मो.मुर्तजा,हृषिकेश कुमार,पारसनाथ सिंह,राहुल मंडल,आफताव अंजुम,भोलाबिहारी,सुरेश बैठा,मदन राय,देवेन्द्र यादव,भिखारी शर्मा, रामबाबू,अर्चना कुमारी,मंसूर अहमद खां,उमेश कुमार सिंह,महेश झा,शंकर मंडल,सोनिया देवी,अजारुल हक तौहीद,अंगद यादव,अधिवक्ता एसएनझा,जनकदास,शम्स शहनवाज,चन्दनपासवान,उमाशंकर सिंह,विनोद कुमार,ओमप्रकाश,नरेश पासवान,रामाशंकर सिंह,सुशीला देवी ने संबोधित किया.
वक्ताओं ने कहा कि अंग्रेजी राज मे भी किसान आन्दोलन की मांगो पर चम्पारण, खेडा,बाड़डोली सत्याग्रह पर सरकार कानून वापस ले लिया था आजाद भारत मे किसानों की मांगो पर सरकार कानून वापस लेने के वजाए दमन के सारे हथकंडा अपना रही है.
सभा के अंत मे समाहरणालय के समक्ष ही रीगा चीनी मिल से जुडे आक्रोशित गन्ना किसानों ने गन्ना का होलिका दहन कर सरकार से चीनी मिल चालू कराने,बकाये मूल्य का भुगतान तथा खेतों मे छुटे गन्ने की पैमाईश कराकर मूल्य भुगतान कराने तथा गन्ना किसानों का जीवन बचाने के सवाल पर जमकर नारेबाजी की.
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