पटना. जब से चुनाव आयोग, भारत की ओर से भाकपा-माले को बिहार में राज्य पार्टी का दर्जा हासिल हुआ है.तब से जन सरोकारों को मुस्तैदी से सड़क से सदन तक रण करने में कामयाब हो रहा है. विगत बिहार विधानसभा चुनाव में 12 सीटों पर जीत और तकरीबन 4 प्रतिशत वोट हासिल करने के उपरांत चुनाव आयोग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि चूंकि विगत बिहार विधानसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) लिबरेशन ने पारा 6 A की अर्हताओं को पूरा कर लिया है, इसलिए उसे राज्य पार्टी का दर्जा दिया जाता है.
तीन विधायकों को अपमानित किया
भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन के बाहर कहा कि 19 लाख रोजगार का वादा करके यह सरकार सत्ता में आई है। रोजगार मांगने पर छात्रों की पिटाई की गई। तीन विधायकों को अपमानित किया गया। छात्रों पर गंदा पानी का बौछार किया गया। सीएम नीतीश कुमार चाहते हैं कि पीएम मोदी की तरह बिहार में भी जुमलेबाजी की तर्ज पर सरकार चलाएं। बजट भी पास हो गया, लेकिन कहीं भी 19 लाख रोजगार की बात नहीं कही गई। वहीं माले विधायक संदीप सौरव ने कहा कि सीएम के जन्मदिन पर बिहार के नौजवानों को सोमवार को लाठी मिली। नीतीश कैबिनेट में दो उपमुख्यमंत्री हैं। किसी ने भी छात्रों से बातचीत करना उचित नहीं समझा।
छात्र-नौजवानों का प्रदर्शन रोजगार और बेहतर शिक्षा के लिए आयोजित था
19 लाख रोजगार के लिए 1मार्च को विधानसभा का घेराव कर रहे हजारों छात्र-नौजवानों पर बर्बर पुलिसया दमन के खिलाफ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन(आइसा) और इंकलाबी नौजवान सभा(इनौस) ने शहर में प्रतिवाद मार्च निकाला। इस दौरान रोजगार के बदले लाठी क्यों-नीतीश सरकार जवाब दो,19लाख रोजगार-मांग रहा युवा बिहार, छात्र-नौजवानों के भविष्य पर हमला बंद करो, लाठी-गोली की सरकार नहीं चलेगी, पटना-दिल्ली खोलो कान-लेकर रहेंगे रोजगार जैसे नारे लगाए गये। प्रतिवाद मार्च हरिसभा चौक स्थित माले सह आइसा कार्यालय से निकला जो क्लब रोड, कल्याणी, छोटी कल्याणी, साहू रोड सहित अन्य रास्तों से गुजरा. मार्च में आइसा के पूर्व राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, आइसा के राज्य पार्षद दीपक कुमार,इंकलाबी नौजवान सभा के शफीकुर रहमान, आइसा के शहनवाज,अजीत कुमार, फैजान अख्तर, जौहर सिद्दिकी, आदर्श कुमार, विक्की कुमार, सचिन कुमार, ऋषि कुमार, फरजान सहित इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष फहद जमां और मानवाधिकार कार्यकर्ता जावेद कैसर सहित अन्य छात्र-नौजवान शामिल थे.
पुलिसिया दमन के खिलाफ आइसा-इनौस का प्रतिवाद मार्च
मार्च के दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि विधानसभा पर छात्र-नौजवानों का प्रदर्शन रोजगार और बेहतर शिक्षा के लिए आयोजित था। प्रदर्शन में आइसा के राष्ट्रीय महासचिव व पालीगंज से माले विधायक संदीप सौरभ, इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अगिआंव से माले विधायक मनोज मंजिल, राज्य अध्यक्ष व डुमरांव से माले विधायक अजीत कुशवाहा सहित कई राष्ट्रीय व राज्य स्तर के छात्र-नौजवान नेता शामिल थे. वे नीतीश सरकार के प्रतिनिधि से मिलकर 19लाख रोजगार सहित अन्य सवालों को लेकर मांग-पत्र सौंपना चाहते थे. लेकिन नीतीश सरकार उनकी बात सुनने के बदले उन पर लाठीचार्ज,आंसू गैस के गोले और पानी का बौछार किया जिसमें दर्जनों छात्र-नौजवानों सहित विधायक भी बुरी तरह से घायल हैं। कई के सिर फट गए हैं। यह नीतीश सरकार की तानाशाही है जिसे छात्र-नौजवान बर्दाश्त नहीं करेंगे. शिक्षा और रोजगार के लिए छात्र-नौजवानों का आंदोलन पटना से दिल्ली तक और तेज होगा.
एफआईआर दर्ज गांधी मैदान थाना में
पटना सदर के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी संजय कुमार और पटना सदर के कार्यपालक दण्डाधिकारी अरविंद कुमार ने लिखित आवेदन गांधी मैदान थाना दिया.इस मामले को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से लगभग 1000 से 1200 लोगों पर नामित और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.वामदलों के छात्र संगठनों ने बिहार विधानसभा का घेराव किया था. जिसमें पत्थरबाजी और लाठी चार्ज करने का मामला सामने आया था. इस मामले में हजारों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.वामदलों के छात्र संगठनों ने विधानसभा का घेराव किया था. जिसमें बढ़ती बेरोजगारी और रोजगार के मुद्दों को लेकर जेपी गोलंबर से विधानसभा मार्च में हजारों लोग शामिल हुए थे. इसके लिए जेपी गोलंबर पर भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई थी. प्रदर्शन के दौरान वाम दलों ने पुलिस पर जमकर रोड़े बरसाए थे. इस मामले में जिला प्रशासन ने हजारों लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाया है.प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी छात्र कार्यकर्ताओं के माध्यम पुलिसकर्मियों पर पहले पथराव किया गया. जिसके बाद पुलिस बल के माध्यम से उपस्थित मजिस्ट्रेट के आदेशनुसार वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले छोड़े गए. साथ ही स्थिति को नियंत्रण करने की कवायद के बावजूद भी प्रदर्शनकारी पत्थरों की बारिश करते रहे. जिसके बाद पुलिसबलों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया.
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